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Vin's Bansode
असे मन का मोहून जाते माझ्यात का ते न्हाऊन जाते प्रत्येक प्रश्न का येऊन जाते ओल्या मिठीत उब बेधुंद होते असे खेळ खेळून जाते अचूक शव्दाही सईला मृगजळ होऊन जाते #असे होणे नाही
Komal Pardeshi
Komal Pardeshi
ganesh suryavanshi
प्रेम करनं सोपं नाही. प्रेम सहज पण मिळत नाही प्रेम स्वताचे स्वप्नांची होळी करून शांत राहणे प्रेम एक त्याग. प्रेम एक दिवसाने नाही कही वर्षाची तपश्या असते. प्रेमात राग असतो पण तो दोघांना त्रास देतो.. प्रेम एक प्रतिक्षा.. कधी कधी धैर्य सूटतो.. समोरचा व्यक्ती ला पण विजा होतात. त्याच विजा स्वताला जास्त होतात. प्रेम एकट्याचे नसते दोघ व्यक्तीचे मन एकमेकात गूंतले असते.. भावना सारखे तर दूख पण सारखेच असतात. प्रेम म्हणजे दोघांचे मन एकरूप होणे.. वेग वेगळे शरीर असेल पण मन एकच होऊन जाते ते सदैव आयूष्यभर ... ©ganesh mali प्रेमात एकरूप होणे #MySun
Radhey Ray
एक हसरत था मेरा की कभी वो भी मुझे मनाये, . पर ये कम्बख्त दिल कभी उनसे रूठ ही नही। 🚫ADDICTED #NojotoQuote इच्छा इच्छा ही रह गया।।।
vishal patil
सच्ची मूहब्बत होणे लगी थी... 5'3 कि एक प्यारी सी लडकी मेरे सपनो में आने लगी थी,पहली नजर का तो कुछ पता नही मगर बाते जबसे होनी लगी थी,सच्ची कहूँ मूहब्बत तभीसे मुझे होणे लगी थी,समझ नही आ रहा था क्या मुझे हो रहा है बस तुझंसे मिलने कि एक आदत सी लग गयी थी,यकीन नही मानोगी मै रात-रात भर येही सोचता था कि...कब मिलेंगे हम क्यूँ कि बहुत सी बाते दिल खोलकर सिर्फ तुझंसे जो केहनी थी,मै बहुत कंजूस हूँ फिर भी तेरे लिये chocalate जरूर लाता था,तेरे दोस्त भी समझ गये होंगे कि येह लडका तेरे लिये बहुत खास है लेकीन तुझे इस बात कि भनक भी क्यूँ ना थी,तुम्हारे दोस्तो से तुम्हारी लढाईयां होती थी और तुम सारा गुस्सा मुझपे निकाल देती थी,तभी पता चला कि तुम्हे hmmmm के अलावा गालियों कि अच्ची-खासी knowledge थी,मेरी ज्यादा लडकियोंसे बात नही होती थी और तुम सोचती होगी कि flirting करना तो उसकी बुरी आदत थी....पर सून तेरे आने के पहले जिंदगी जिंदगी ना थी जैसे कोई टुटी हुई कश्ती थी.... 🦋🦋🦋 #NojotoQuote सच्ची मूहब्बत होणे लगी थी....🦋🦋🦋
Ghanshyam Shah Advocate
ख्वाहिशों की फितरत कभी बदलती नहीं जो एक पूरी हो, दूसरी मचल जाएगी। इच्छा
Santosh Verma
बन खेवनहार कहो तो उस पार चलूं, वरना भेंटस्वरूप उपहार चलूं।। ज़िन्दगी उधार की कहो तो दिल का उदार बनूं, वरना राह में कोई बृक्ष कांटेदार बनूं।। कर्मों से महक उठे जग वो फूल खुशबूदार बनूं, वरना मैल चित्त का हिस्सेदार बनूं।। खिलखिला उठे चेहरे मैं वो खुशनसीब संसार बनूं, वरना दबे किताबी पन्नों का सार बनूं।। मिटा दूं नफरतों की खाइं , मैं वैसा इंसान बनूं, लहलहा दूं भाईचारे की खेती मैं वैसा किसान बनूं।। ना सोए भूखे पेट कोई वो कर्ण दानवीर बनूं, हक से जी सके हर कोई मैं वो पर्ण ज्ञान कुटीर बनूं।। ना हो जुर्म कहीं मैं वो बीर बलवान बनूं, बुझ जाए हर लौ मैं वो नीर महान बनूं।।। WRITTEN BY(संतोष वर्मा) आजमगढ़ वाले खुद की ज़ुबानी.. इच्छा....