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Bhawana dixit
White आखो में नींद नहीं है अब; उसने कहा बातें करनी है तुझसे!! ©Bhawana dixit #बातें
AwadheshPSRathore_7773
White इक अबोली आत्मा को स्वर मिला है, शांत ठहरी झील को पत्थर मिला है ! तृप्त होकर झिलमिलाती झील इक आवाज़ सुनकर दायरों में ख़ुश पड़ी है झींगुरों के साज़ सुनकर खिलखिला कर मन्नतों के बाँधती है रोज़ धागे और जो आराध्य की आराधना में नित्य जागे आज उसकी मन्नतें सब व्यर्थ निकली- कब किसी भी झील को सागर मिला है ? जो पवन के एक हल्की सी छुवन से हो, सिहरती चाँद की जो रौशनी में ख़ूब सजती और सँवरती गल चुके कमलों को जो फिर खाद करना जानती हो धूप के संग प्रेम में पड़ रोज़ मरना जानती हो नीलकमलों से ढकी इस ज़िन्दगी के हर सुमन पर ओस का ज़ेवर मिला है! ज्ञात है उसको कि कुछ का प्रेम ही परिचय रहा है और कुछ का इस जहाँ में प्रेम भी अभिनय रहा है पर कभी अभिनय से परिचय का नहीं है नाम मिटता पाप छू जाए चरण तो भी कहाँ है धाम मिटता इसलिए तो लग रहा है ज़िन्दगी को ज्ञान और निर्वाण का मगहर मिला है! ©AwadheshPSRathore_7773 #FlowersMakeYouBelieve "मुझमे था यह गुमां की मुझी में है एक अदा, देखी जो तेरी अदा तो मुझे सोचना पड़ा".....साथियों जब लाइफ में कोई अपने से ब
#FlowersMakeYouBelieve "मुझमे था यह गुमां की मुझी में है एक अदा, देखी जो तेरी अदा तो मुझे सोचना पड़ा".....साथियों जब लाइफ में कोई अपने से ब #मोटिवेशनल
read moreDeependra Dubey
White लब्ज़ो से यूं शिकायत ले बैठे हैं। इतनी सी बात को दिल में लगा बैठे है। ©Deependra Dubey #बातें
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White सरसी/कबीर छन्द मातु-पिता के चरणों में हैं , अपने सारे धाम । उनकी सेवा करने से ही , खुश हो प्रभु श्री राम ।। नही भ्रमण दुनिया का करना , मातु-पिता जो संग । थाम उन्हीं की उँगली देखा, दुनिया के सब ढ़ंग ।। मातु-पिता ही देव हमारे , करता वंदन नित्य । रहूँ शरण मैं हरपल उनकी ,यह ही है औचित्य ।। मान-लिया वट वृक्ष पिता को, पाता शीतल छाँव । यही आसरा मिलता हमको , यह ही सुंदर ठाँव ।। मातु-पिता का ऋण है कैसा ,कहती जो संतान । वही दुष्ट प्राणी है जग में,खोता नित सम्मान ।। कैसे-कैसे ताने देकर ,पँहुचाते हो ठेस । कैसे तुम बिन रात गुजारी , कैसे बदले भेस ।। आज प्रखर की बातें सुनकर , उठी हृदय में पीर । जाकर पहले पोछों उनकी , तुम आँखों से नीर ।। मातु-पिता का दिल ही होता, गंगा जैसा साफ । कितना भी सुत गलती करता, कर देते वह माफ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सरसी/कबीर छन्द मातु-पिता के चरणों में हैं , अपने सारे धाम । उनकी सेवा करने से ही , खुश हो प्रभु श्री राम ।। नही भ्रमण दुनिया का करना , मा
सरसी/कबीर छन्द मातु-पिता के चरणों में हैं , अपने सारे धाम । उनकी सेवा करने से ही , खुश हो प्रभु श्री राम ।। नही भ्रमण दुनिया का करना , मा #कविता
read more"Meri baatein"
White पहले.. वह.. मेरे ही msg का इंतज़ार करती थी, अब कहती हैं मुझसे.. सर दर्द होता हैं तुम्हारा msg देख कर.. हमने भी तबसे उन्हें msg करना छोड़ ही दिया.... ©"Meri baatein" #बातें
N S Yadav GoldMine
White विष्णुपुराण १।१७।२६) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'पिताजी! वे विष्णु भगवान् केवल मेरे ही हृदय में नहीं बल्कि सम्पूर्ण लोकों में स्थित हैं। वे सर्वगामी तो मुझको, आप सबको और समस्त प्राणियों को अपनी-अपनी चेष्टाओं में प्रवृत्त करते हैं।' ऐसी बातें सुनकर तो राक्षसराज का क्रोध अत्यन्त भड़क गया, और वह भक्त प्रह्लाद को भयानक त्रास देने लगा। हरिनाम लेनेvवाले प्रह्लाद को विष पिलाया गया, पर्वत से गिराया गया, सर्पों से डसाया गया, आग में जलाया गया इत्यादि अनेक प्रकार से राक्षसों ने जबरदस्ती जोर-जुल्म ढहाये, किन्तु उसका कुछ भी अनिष्ट न कर सके :- जय श्री राधे कृष्ण जी.... जाको राखै साइयाँ मारि सकै नहिं कोय। बार न बाँका करि सकै जो जग बैरी होय॥ कहा करै बैरी प्रबल जो सहाय रघुबीर। दस हजार गजबल घटॺो घटॺो न दस गज चीर॥ जय श्री राम जी.... प्रबल शत्रु सामने हो तो भी सारे संसार का वार खाली चला जाता है, उसका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता। भक्त पर अत्यन्त अत्याचार होने पर अन्त में खम्भे में से प्रह्लाद के प्यारे परम प्रभु को प्रकट होना ही पड़ा। ©N S Yadav GoldMine #car विष्णुपुराण १।१७।२६) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'पिताजी! वे विष्णु भगवान् केवल मेरे ही हृदय में नहीं बल्कि सम्पूर्ण लोकों में स्थित हैं। व
Ankur tiwari
White जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था पर उसने इंकार कर दिया , दिल को मेरे तार तार कर दिया स्वप्न सजाएं थे जो मैंने ,उन स्वप्नों को राख कर दिया फिर भी मैंने पूछा उससे ,कमी क्या हैं मुझको बतलाओ क्यों प्रेम स्वीकार नहीं हैं ,कोई कारण तो समझाओ उसने कहा राम चाहिए मुझे , शादी करके आराम चाहिए मुझे शौक मेरे सब पूरे हो जाए ,ऐसा कोई राजकुमार चाहिए मुझे तुम तो ठहरे सामान्य से लड़के ,ये सब तुम ना कर पाओगे जीवन भर मेहनत करते करते ही,एक दिन यूं ही तुम मार जाओगे फिर क्यों तुम्हें स्वीकार करूं मैं ,क्यों खुद पर धिक्कार धरूं मै मिल जायेगा मुझे कोई रईसजादा,तो फिर तुमसे क्यों प्यार करूं मैं उसकी बातें सुन दिल भर आया था,मैं खुद अंदर ही अंदर मर आया था बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला मैने ,आंखों में आंसू भी भर आया था तबसे ना किसी से प्यार हुआ ,ना कभी कोई इज़हार हुआ मैं जान गया रीत दुनियां की,और खुद से एक इकरार हुआ पैसे की दुनिया हैं तो फिर ,पैसा ही मुझे कमाना है जिस जिस ने भी ठुकराया हैं ,उस उस को एक दिन दिखाना हैं पाया ही सबकुछ नही हैं पर ,दुनियां पीछे इसके पागल है अब नही रही तव्वजो सीरत की ,पैसे और सूरत पर सब घायल हैं ©Ankur tiwari #Night जब हुआ प्यार इज़हार किया था,मैने भी इकरार किया था किए थे वादे जो कर सकता था ,मैंने झूठा ना करार किया था पर उसने इंकार कर दिया , दि
Mohammad Arif (WordsOfArif)
White हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं इतना गुमान है तो काम पर वोट मागों साहेब लोगों को गलत बातें बताते नज़र आ रहें हैं अब दिल भर गया है उनकी झूठी बातें सुनकर आरिफ अपने लोगों को गलत नज़र आ रहें हैं ©Mohammad Arif (WordsOfArif) हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ
Arora PR
White सुन रहा हूँ मै ऐसा गीत जिसकी धुन अभी साज़ में कैद हैं औरवो गीत कभीसाज़ से बाहर निकला नही आ रही हैं मुझेखुशबू ऐसे फुल की . जो आज तक कभी खिला नही. खिलने की बात तो बेमानी हैं आज तक उस फुल का बीज कभी फूटा नही ©Arora PR सुन रहा हूँ
सुन रहा हूँ #कविता
read moreDeepak Gupta
sunset nature वक्त वक्त की बात होती है सब जो कभी दुर्लभ होते थे आज घूम रहे हैं गली-गली चौराहे चौराहे पर। ©Deepak Gupta #बातें