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Vickram
White कोई मर गया तो कम-से-कम छः महीने याद रहता है कोई खास धौका दे दे तो उम्र भर याद रहता है कोई साथ छोड़ दें तो नये मुसाफिर भी तो मिलते हैं हर बार इस ज़िंदगी में एक नया मोड़ रहता है । कभी भीड़ तो कभी अकेलापन ने इम्तिहान लिया ये जिन्दगी का मेला वैसा नहीं जैसा दिखता है बहुत दूर जाने के बाद ही अक्ल आती है अक्सर जब समझ आती है मेला खत्म हो चुका होता है क्यों पहले नहीं समझ आते ये राज ज़िंदगी के जिसे उजाला समझे थे वही तो गहरा अंधेरा है । सब कुछ वहम है मेरा जब तक समझ में आता । ये गलतफहमियां मेरी पूरी उम्र निगल चुकी थी ©Vickram #car कैसा महसूस होता है एक वक्त के बाद
#car कैसा महसूस होता है एक वक्त के बाद #मोटिवेशनल
read moreHarvinder Ahuja
मांवा धींया दोनों दुखी, किंवे अपणा दुख वंडावण, इक ऐथे अते दूजी ओथे, पल-पल इक दूजे दा नम्बर मिलावण, इक ना खुद सोंधी, ना सोण देवे दूजी नू, होके भर भर दूरियां नपवावे, कैंदी मैं जी चुकी हां,ना जीण देवां तेनूं, ऐंवे अपणा हक जमावे। ©Harvinder Ahuja # कैसा कन्यादान
# कैसा कन्यादान #कविता
read moreRam Yadav
White जयद्रथ को निन्यानवे मौके दिए थे कृष्ण ने सौंवी भार वो भी खुद को न रोक पाए कहते हैं कि वो भगवान थे 😌 ये धरती है और मां भी 😌😏 देखते हैं कब तक अपनी कोख में पाल पाती है 🙏🏻मां🙏🏻 ©Ram Yadav #City #पृथ्वी #पर्यावरण
Suraj Patel
दूनियां में सिर्फ मोबाइल ही जानता है, के उसके मालिक का किरदार कैसा है....! #विचार
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कैसा अजीब है ये एहसास लगता है कभी जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे फ़िर लगता है कभी अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं ©हिमांशु Kulshreshtha कैसा अजीब...
कैसा अजीब... #शायरी
read moreNeeraj Mishra
White *पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* 💐💐💐💐💐💐💐💐 दिनांक :- 22/04/2024 दिन :- सोमवार 🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎 हे मात मेरी प्रिय वसुधा अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका। जिस अंचल के तले खेला कुंदा बड़ा हुआ उस अंचल का मोल कभी समझ न सका। अपनी जरूरत को पूरा करने तेरी कोख से जन्में पेड़ों को काटे पर्वत फोड़े पठार फोड़े और नदी झरनों का मुख मोड़ दिया बस अपना दर्द मुझे हा याद रहा पर तेरा दर्द मैं कभी समझ न सका । तूने मुझे सुखी बनाने को जल दिया , अन्ना दिया फल ,फूल और रहने को अपना तन दिया फिर भी अहमियत तेरी मैं समझ न सका। मां मेरी इन भूलों को क्षमा करना अपना ही बच्चा जान थोड़ी दया करना समझ गया तेरे बलिदान को मां पर क्या करू हे मात मेरी प्रिय वसुधा अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका। ©Neeraj Mishra पृथ्वी दिवस #Road #erthday #poatry