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Manya Parmar
कम समझ कम बुद्धि का आदमी अगर हर चीज सिख कर आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी बन सकता है तो बेटियों/नारी को आगे ना बढ़ाने वाले "कम अक्ल के ही आदमी" हुए #Shayari
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अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार संजय मुकुंद केळकर, मुंबई प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ कुलकर्णी, पुणे मराठी साहित्य मंडळ अध्यक्ष डॉ. नीना गोटे यांना माझे 'बुद्ध या जगातील पहिले वैज्ञानिक?... ' हे पुस्तक भेट स्वरूपात देताना आणि काव्यसंमेलनात स्वागतगीत व माझी स्त्री संघर्षावरील कविता सादर करताना मी ©Jk अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार
अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन चळवळीचे मुख्य केंद्र मराठी साहित्य मंडळ आयोजित राज्यस्तरीय काव्यसंमेलन आणि पुरस्कार वितरण सोहळा आमदार #मराठीसंस्कृति
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी लेख, विचार, उद्देश्य पूर्ण होने चाहिए, और सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति को भी समझ में आने चाहिए, तभी आपकी सार्थकता या उद्देश्य सिद्ध होगा।। ©N S Yadav GoldMine #sunset_time {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी लेख, विचार, उद्देश्य पूर्ण होने चाहिए, और सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति को भी समझ में आने चाहि
#sunset_time {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी लेख, विचार, उद्देश्य पूर्ण होने चाहिए, और सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति को भी समझ में आने चाहि
read moreManya Parmar
आदमी के साथ साथ कमाती रही मजदूरी हो या किसी ऑफिस का काम हों लेकिन हमारे आदमी इतना ही सुनना चाहते है कि मैं ही कमाता हू त्याग करता हूं, फिर ज #Motivational
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White महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत्नी गान्धारी और बहू कुन्ती के साथ नृपश्रेष्ठ पृथ्वी पति धृतराष्ट्र वनवास के लिये चले गये, विदुर जी सिद्धि को प्राप्त होकर धर्मराज युधिष्ठिर के शरीर में प्रविष्ट हो गये और समस्त पाण्डव आश्रम मण्डल में निवास करने लगे, उस समय परम तेजस्वी व्यास जी ने जो यह कहा था कि मैं आश्चर्यजनक घटना प्रकट करूँगा वह किस प्रकार हुई? यह मुझे बतायें। अपनी मर्यादा से कभी च्युत न होने वाले कुरूवंशी राजा युधिष्ठिर कितने दिनों तक सब लोगों के साथ वन में रहे थे? प्रभो। निष्पाप मुने। सैनिकों और अन्तःपुर की स्त्रियों के साथ वे महात्मा पाण्डव क्या आहार करके वहाँ निवास करते थे? वैशम्पायन जी ने कहा । कुरूराज धर्तराष्ट्र पाण्डवों को नाना प्रकार के अन्न-पान ग्रहण करने की आज्ञा दे दी थी, अतः वे वहाँ विश्राम पाकर सभी तरह के उत्तम भोजन करते थे। 📒 इसी बीच में जैसाकि मैनें तुम्हें बताया है, वहाँ व्यास जी का आगमन हुआ। राजन्। राजा धृतराष्ट्रके समीप व्यास जी के पीछे उन सब लोगों में जब उपयुक्त बातें होती रहीं, उसी समय वहाँ दूसरे-दूसरे मुनि भी आये। भारत। उन में नारद, पर्वत, महातपस्वी देवल, विश्वावसु, तुम्बरू तथा चित्रसेन भी थे। धृतराष्ट्र की आज्ञा से महातपस्वी कुरूराज युधिष्ठिर ने उन सब की भी यथोचित पूजा की। युधिष्ठिर से पूजा ग्रहण करके वे सब के सब मोरपंख के बने हुए पवित्र एवं श्रेष्ठ आसनों पर विराजमान हुए। कुरूश्रेष्ठ। उन सब के बैठ जाने पर पाण्डवों से घिरे हुए परम बुद्धिमान राजा धृतराष्ट्र बैठे। गान्धारी, कुन्ती, द्रौपदी, सुभद्रा तथा दूसरी स्त्रियाँ अन्य स्त्रियों के साथ आस -पास ही एक साथ बैठ गयीं। नरेश्वर। उस समय उन लोगों में धर्म से सम्बन्ध रखने वाली दिव्य कथाएँ होने लगीं। प्राचीन ऋषियों तथा देवताओं और असुरों से सम्बन्ध रखने वाली चर्चाएँ छिड़ गयीं। 📒 बातचीत के अन्त में सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं और वक्ताओं में श्रेष्ठ महातेजस्वी महर्षि व्यास जी ने प्रसन्न होकर प्रज्ञाचक्षु राजा धृतराष्ट्र से पुन: वही बात कही। राजेन्द्र। तुम्हारे हृदय में जो कहने की इच्छा हो रही है, उसे मैं जानता हूँ। तुम निरन्तर अपने मरे हुए पुत्रों के शोक से जलते रहते हो। महाराजा। गान्धारी, कुन्ती और द्रौपदी के हृदय में भी जो दुःख सदा बना रहता है, वह भी मुझे ज्ञात है। श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा अपने पुत्र अभिमन्यु के मारे जाने का जो दुःसह दुःख हृदय में धारण करती है, वह भी मुझे अज्ञात नहीं है। कौरवनन्दन। नरेश्वर। वास्तव में तुम सब लोगों का यह समागम सुनकर तुम्हारे मानसिक संदेहों का निवारण करने के लिये मैं यहाँ आया हूँ। ये देवता, गन्धर्व और महर्षि सब लोग आज मेरी चिरसंचित तपस्या का प्रभाव देखें।l ©N S Yadav GoldMine #love_shayari महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत्
#love_shayari महाभारत: आश्रमवासिक पर्व एकोनत्रिंश अध्याय: श्लोक 1-20 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📒 जनमेजय ने पूछा - ब्राह्मण। जब अपनी धर्म पत् #विचार
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Love या कवितेतून कवी एका अज्ञात प्रेमाची वेदना व्यक्त करत आहे. त्याला ती व्यक्ती कधीच भेटली नाही, तरीही तिच्यासाठी त्याच्या मनात प्रेम आणि #मराठीकविता
read moreMukesh Poonia
White असंभव शब्द का प्रयोग केवल कायर करते हैं बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग स्वयं बनाते हैं . ©Mukesh Poonia #Night #असंभव #शब्द का प्रयोग केवल #कायर करते हैं #बहादुर और #बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग #स्वयं बनाते हैं
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} बुद्धिमान लोगों के दोस्त बहुत कम होते, विचार अधिक मात्रा में मिलते हैं। ©N S Yadav GoldMine #nightthoughts {Bolo Ji Radhey Radhey} बुद्धिमान लोगों के दोस्त बहुत कम होते, विचार अधिक मात्रा में मिलते हैं।
#nightthoughts {Bolo Ji Radhey Radhey} बुद्धिमान लोगों के दोस्त बहुत कम होते, विचार अधिक मात्रा में मिलते हैं। #कोट्स
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#tumharesaath मराठी गझल "मनस्वप्न" प्रेमाची खोलवर जळणारी ज्योत आणि विरहाची वेदना हे या गझलेचे सार आहे. प्रेमाची आठवण आणि भेटीची आस असलेली व #मराठीशायरी
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