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smita@ishu
सुनो 🙄🙄🙄 रोज डे पर तुमने कोई रोस 🌹नहीं दिया आज प्रपोज डे है पता नहीं प्रपोज करोगे भी या नहीं टेडी डे आने वाला है टेडी बीयर दो ना दो कम से कम ओम फट स्वाहा वाला बाबला लेकर दे दो 😔😔 ओम फट स्वाहा 😜😜
jai Bala ji
नाम ही काफी सुनता हूं तो कानों का पर्दा फट जाती
Jayesh gulati
अाज हमारे दादा-दादी का शराद था हमने तुम्हरा भी कर दिया ꫰ बोलो स्वाहा ꫰ स्वाहा ꫰😈 #nojoto #sawahaa #love #स्वाहा #not_in_love_anymore #hateyou
raja
जब कभी दिल टूटता है तो दोबारा नहीं जुड़ता बस एहसास कायम रहता है ©raja दिल फट सा गया
Abhishek
फट गई जिंदगी की किताब कम से कम मैं कस तो रहा हु खुश हूं या नाराज देखो मैं हंस तो रहा हु ©Abhishek फट गई जिंदगी की किताब
वेदों की दिशा
।। ॐ।। अ॒ग्निर्ज्योति॒र्ज्योति॑र॒ग्निः स्वाहा॒ सूर्यो॒ ज्योति॒र्ज्योतिः॒ सूर्यः॒ स्वाहा॑। अ॒ग्निर्वर्चो॒ ज्योति॒र्वर्चः॒ स्वाहा॒ सूर्यो॒ वर्चो॒ ज्योति॒र्वर्चः॒ स्वाहा॑। ज्योतिः॒ सूर्यः॒ सूर्यो॒ ज्योतिः॒ स्वाहा॑ ॥९॥ पद पाठ अ॒ग्निः। ज्योतिः॑। ज्योतिः॑। अ॒ग्निः। स्वाहा॑। सूर्य्यः॑। ज्योतिः॑। ज्योतिः॑। सूर्य्यः॑। स्वाहा॑। अ॒ग्निः। वर्च्चः॑। ज्योतिः॑। वर्च्चः॑। स्वाहा॑। सूर्य्यः॑। वर्च्चः॑। ज्योतिः॑। वर्च्चः॑। स्वाहा॑। ज्योतिः॑। सूर्य्यः॑। सूर्य्यः॑। ज्योतिः॑। स्वाहा॑ ॥९॥ (अग्निः) परमेश्वर (स्वाहा) सत्य कथन करनेवाली वाणी को (ज्योतिः) जो विज्ञान प्रकाश से युक्त करके सब मनुष्यों के लिये विद्या को देता है, इसी प्रकार (अग्निः) जो प्रसिद्ध अग्नि (ज्योतिः) शिल्पविद्या साधनों के प्रकाश को देता है (सूर्यः) जो चराचर सब जगत् का आत्मा परमेश्वर (ज्योतिः) सब के आत्माओं में प्रकाश वा ज्ञान तथा सब विद्याओं का उपदेश करता है कि (स्वाहा) मनुष्य जैसा अपने हृदय से जानता हो, वैसे ही बोले तथा जो (सूर्यः) अपने प्रकाश से प्रेरणा का हेतु सूर्यलोक (ज्योतिः) मूर्तिमान् द्रव्यों का प्रकाश करता है (अग्निः) जो सब विद्याओं का प्रकाश करनेवाला परमेश्वर मनुष्यों के लिये (वर्च्चः) सब विद्याओं के अधिकरण चारों वेदों को प्रकट करता है। तथा जो (ज्योतिः) बिजुलीरूप से शरीर वा ब्रह्माण्ड में रहनेवाला अग्नि (वर्च्चः) विद्या और वृष्टि का हेतु है (सूर्यः) जो सब विद्याओं का प्रकाश करनेवाला जगदीश्वर सब मनुष्यों के लिये (स्वाहा) वेदवाणी से (वर्च्चः) सकल विद्याओं का प्रकाश और (ज्योतिः) बिजुली, सूर्य प्रसिद्ध और अग्नि नाम के तेज का प्रकाश करता है तथा जो (सूर्यः) सूर्यलोक भी (वर्च्चः) शरीर और आत्माओं के बल का प्रकाश करता है तथा जो (सूर्यः) प्राणवायु (वर्च्चः) सकल विद्या के प्रकाश करनेवाले ज्ञान को बढ़ाता है और (ज्योतिः) प्रकाशस्वरूप जगदीश्वर अच्छे प्रकार से हवन किये हुए पदार्थों को अपने रचे हुए पदार्थों में अपनी शक्ति से सर्वत्र फैलाता है, वही परमात्मा सब मनुष्यों का उपास्य देव और भौतिक अग्नि कार्य्यसिद्धि का साधन है ॥९॥ The meaning of the word Swaha is assumed in this mantra in the manner of Niruktakara. Agni means that God has created all the worlds of fire etc. through power by reason of his power, among them Agni, by his own light, lights all other things and through the Lord Veda, he illuminates all knowledge. Similarly, fire and sun also light the craftsmanship. ( यजुर्वेद : ३.९ ) #ChineseAppsBan #यजुर्वेद #वेद #अग्नि #सूर्य #स्वाहा