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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी फिर हुयी एक शपथ दिल्ली में किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा गन्दगी और कूड़ा पोलटिक्स से सियासतों का दिल पिघलेगा गरीबो के लिये दिल्ली कैसी होगी किया उनका गुजारा मजदूरी और रेडी पटरी से होगा हाँफते दिल और एलर्जी से ग्रसित लोगो को प्रदूषण से छुटकारा होगा नशा और अपराध से पीड़ित दिल्ली को स्वस्थ्य मानसिकता से जीने का अधिकार मिलेगा शिक्षा अध्ययन में अब्बल रही हमेशा दिल्ली माहौल विद्यार्थियों को पढ़ने का सौहार्द्र और शांति का मिल सकेगा भार कंधों पर दिल्ली का है दल बल से मुख्यमंत्री ऊपर उठ सकेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
#delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
read moreAnjali Singhal
"हर आहट पर तेरी राह तकी है मैंने, इंतज़ार में पलकें बिछा रखी हैं मैंने। दर्द दिल में बढ़ते जा रहे हैं फिर साँसों को, तेरी यादों के गुलाब से महका रखी हैं मैंने।।" ©Anjali Singhal #HappyRoseDay "हर आहट पर तेरी राह तकी है मैंने, इंतज़ार में पलकें बिछा रखी हैं मैंने। दर्द दिल में बढ़ते जा रहे हैं फिर साँसों को, तेरी य
#HappyRoseDay "हर आहट पर तेरी राह तकी है मैंने, इंतज़ार में पलकें बिछा रखी हैं मैंने। दर्द दिल में बढ़ते जा रहे हैं फिर साँसों को, तेरी य
read moreShiv Narayan Saxena
पूछा था मैंने आपसे बस हाल आपका पता किसे था हाथ में है माल 'आप'का - शिव. ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात पूछा था मैंने . . . poetry in hindi
#सुप्रभात पूछा था मैंने . . . poetry in hindi
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White दिल बेहद उदास है आज फ़िर देखा है आसमाँ से टूटता एक तारा आज, किसी और को फ़िर... बेघर होते देखा है मैंने ©हिमांशु Kulshreshtha देखा है मैंने...
देखा है मैंने...
read moreVIKHYAT REKWAR
Unsplash छोड़ दिया मैंने अपने दिल का साथ, प्यार ने थाम लिया है तनहाई का हाथ। इतना तो गुरूर है मुझे आज भले अहसासों ने छोड़ा, तनहाई न ©VIKHYAT REKWAR #snow छोड़ दिया मैंने अपने दिल का
#snow छोड़ दिया मैंने अपने दिल का
read moreBhupendra Rawat
White मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी और उपन्यास मेरी हर एक रचना का मुख्य पात्र रही हो तुम मैंने नहीं गढा तुम्हें अपनी रचनाओ मे त्याग की देवियों “मीरा” और “यशोधरा” की तरह बल्कि इस दफा मैंने केंद्र मे रखा हर एक उस पुरुष को जिसने समर्पित किया अपना जीवन अपनी प्रेयसी को ©Bhupendra Rawat #love_shayari मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी
#love_shayari मैं छुपा नहीं सकता तुमसे मायूसी अपनी इसलिए मैंने गढा है तुम्हे कोरे पन्नों मे मैंने रचा है तुम्हें कविताओं मे लिखी है, कहानी
read moreseema patidar
याद किया है मैने उदासी में आ जाए चेहरे पर मुस्कान जरा सी तो समझना याद किया है मैने सब अपनो के बीच रहकर खाली सा महसूस करो तो समझना याद किया।है मैने बारिश की बूंदे जब भीगोदे मन को अंदर तक तब समझना याद किया है मैने संगीत को सुनते हुए जब दिल प्रेम से भर जाएं तो समझना याद किया है मैने अकेलेपन में जब आखें नम हो जाए तो समझना याद किया है मैने मेरे शब्दो का स्वर अगर मन में सुनाई देने लगे तो समझना याद किया है मैने ©seema patidar याद किया है मैने
याद किया है मैने
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पाने की कोशिश की मैंने। बिखरे तिनकों को संभालकर जोड़ा, हर हंसी को लौटाने की कोशिश की मैंने। पल-पल में छुपी हर खुशी को महसूस कर, मुस्कुराहटें जगाने की कोशिश की मैंने। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
#Mountains लम्हा-लम्हा जीने की कोशिश की मैंने, टूटे ख्वाबों को सजाने की कोशिश की मैंने। जो खो गया था ज़र्रे-ज़र्रे में कहीं, उसे फिर से पान
read moreनवनीत ठाकुर
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उसका तलबगार न था। ©नवनीत ठाकुर मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
मैंने हाथ फैलाए, पास मेरे कुछ न था, तूने झोलियां दीं, भर-भर कर आशीर्वाद था। गुनाह मेरा कोई, तुझसे छुपा न था, इंशाल्लाह, तूने जो किया, मैं उस
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