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SumitGaurav2005
मैं सूर्यपुत्र होते हुए भी, सूत पुत्र कहलाया थ। कुंती माँ मुझे जना तू ने, परन्तु राधेय कहलाया था। कर्ण दानवीर होते हुए भी, सबसे तिरस्कार पाया था। ऐसी क्या तेरी विवशता थी, जो तूने मुझे ठुकराया था। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 #कर्ण #karna #महाभारत #Mahabharat #Mahabharata #Sumitgaurav2005 #sumitkikalamse #sumitgaurav #sumitmandhana #Epic
_Writer_Sharda_
White रिश्तेदार ही हमें अपने लहज़े से सिखाते हैं.. किसे कितनी इज़्ज़त देनी चाहिए..! ©_Writer_Sharda_ #Sad_Status Neel writer maurya Anil Sethi Ji Vikram vicky 3.0 डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरे
#Sad_Status Neel writer maurya Anil Sethi Ji Vikram vicky 3.0 डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरे
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White न जाने क्यों अब मोहब्बत से कतराता हूं मैं.. कोई हमदर्दी जताए तो घबराता हूं मैं.. यूं तो बहुत ख़ास से आम हुए हैं हम, पर कोई बात नहीं.. अब सुकून मिल सके इस ज़माने में, ऐसी कोई रात नहीं.! एक अरसा गुजारो तुम अंधेरे कमरे में,तो शायद मालूम हो.. यहां ज़िंदगी जीना वो भी हंसकर, इतना आसान नहीं..! ©_Writer_Sharda_ #sad_qoute Neel Sethi Ji Dr Udayver Singh Vikram vicky 3.0 Bhardwaj Only Budana डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक
#sad_qoute Neel Sethi Ji Dr Udayver Singh Vikram vicky 3.0 Bhardwaj Only Budana डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक
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White एक ही दिल था उसे दिया.. जज़्बात एक थे सारी उसपर लुटा दिया मैंने.. अंत में इस रिश्ते में घुटन हुई उसे, जिसे मैं सबसे ज्यादा जरूरी हुआ करता था.. छोड़ दिया उसकी ख़ुशी के लिए हमने उसे.. फुर्सत मिले कभी, क्या सही किया है तुमने..! ©_Writer_Sharda_ #love_shayari Sethi Ji Vikram vicky 3.0 Neel डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 700434
#love_shayari Sethi Ji Vikram vicky 3.0 Neel डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 700434
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Unsplash एक किताब लिखा है अपने लिए, जिसमें अनगिनत बातें हैं.. वो बातें वो दर्द और वो अनकहे जज़्बात.. जिसे आजतक न बताया किसी को ओर न ही समझ सका कोई.. वो सिसकते हुए आंसु, जो गिरे हर एक पन्ने पर.. खिड़की पर खड़े होकर वो इंतज़ार जो कोई नहीं समझ सकता.. वो कहानियां मेरी और गुमनाम से किरदार.. एक किताब लिखा है अपने लिए, जिसमें अनगिनत बातें हैं.. वो बातें वो दर्द और वो अनकहे जज़्बात.. ©_Writer_Sharda_ #Book Vikram vicky 3.0 Neel Sethi Ji Bhardwaj Only Budana डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा व
#Book Vikram vicky 3.0 Neel Sethi Ji Bhardwaj Only Budana डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा व
read moreSunita Pathania
_Writer_Sharda_
Neel Vikram vicky 3.0 Sethi Ji Anshu writer डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313
read moreneelu
White Yesterday I saw a few episodes of the Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God... ©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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