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Prakash writer05
White मेरी बहन सब की बहन है मगर सामने वाले की बहन क्या माल है यार यार तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार? पीछे वाली गली में रहने वाली लड़की के देखो घुंघराले बाल हैं यार लेकिन शायद तू यह नहीं जानता कि उसके लिए भी तेरी बहन के मस्त गुलाबी गाल हैं यार चल यार चल रहे नुक्कड़ वाली दुकान पर वहां ठेले पर तो एक से बढ़कर एक आइटम आते हैं मगर हम भूल जाते हैं कि हमारी बहन भी उसी ठेले वाले के यहां किसी के लिए मस्त आइटम बन जाती है यही हकीकत है आज की यही सच्चाई है समाज की तेरी बहन को किसी ने माल कहा तो हो जाएगा बवाल यार लेकिन नुक्कड़ वाली माल है यह तो मचाया तुमने ही धमाल है यार तेरी यह सोच क्या है?? यह सोच ही तो कमाल है यार तेरी बहन को जब यह पता लगेगा तब तुमने सोचा है कि तू उसकी नजरों में क्या रह जाएगा झूठ फरेबी कितनी चालें चलता है ना जाने किस किस की बहनों को तू छलता है मगर अफसोस है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन तेरी खुद की बहन भी छली जाएगी उसके दर्द की दास्तान भी तेरे खुद के सिर पर ही मढ़ी जाएगी खुद की बहन को बचाना है तो सोच में परिवर्तन लाना है अगर सामने वाले की बहन तेरी बहन होगी तभी गली नुक्कड़ में तेरी बहन किसी की बहन होगी खुद को बदलो सोच को बदलो नजर को बदलो नजरिए को बदलो नजारा तो खुद ही बदल जाएगा फिर कोई किसी की बहन को माल नहीं कह पाएगा किसी की बहन तेरे लिए क्या माल है यार? वाह तेरी यह सोच भी क्या कमाल है यार! ©Prakash writer05 मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
मोटिवेशनल कविता इन हिंदी प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
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White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय © # दहलीज़ पर कविता"
# दहलीज़ पर कविता"
read more@Amarjeet Kumar shaksena
White न्याति ,पृथ्वी और प्राकृति तीनो स्त्री है नारी को अपमान कोई करता है न्याति उस जगह पर छोड़ेगा पृथ्वी भार नही थमेगा प्राकृति नष्ट कर देगा 🌍🔥👾💯🧘 ©@Amarjeet Kumar shaksena #Thinking नारी शक्ति
#Thinking नारी शक्ति
read moreRJ VAIRAGYA
White आंख अपनी उम्र भर रोती रही रोज दाने खेत में बोती रही, आश के दीपक सदा ढोती रही।। फेर नजरें वक्त है चलता बना, आंख अपनी उम्र भर रोती रही।। हाथ में मद से भरा प्याला लिए, दौलतें मां बाप की सोती रही।। दोस्ती हमसे सभी करते चले, दुश्मनी है मीत गल जोती रही।। थे बिना पूंजी हर्ष दिन भले, बिछ गई बिस्तर तले थोती रही।। ©RJ VAIRAGYA #sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
#sad_qoute त्रिलोचन जी की कविता है #rjharshsharma #rjvairagyasharma
read morefunny jokes
Google एक ही जिंदगी मिली है ढ़ंग से बर्बाद करो !!😄😂😂 ©funny jokes #Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination
#Manmohan_Singh_Dies मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर मोटिवेशनल कविता इन हिंदी Entrance examination
read moreDeepali Singh Chauhan
Unsplash केंद्रीय विद्यालय संगठन का सफ़र 15 दिसंबर 1963 में हुआ था गठन, सेंट्रल स्कूल के नाम से शुरू हुआ था संगठन। 20 रेजिमेंटल विद्यालय बने थे देने को शिक्षा, उनके बच्चों को जो करते हैं देश की सुरक्षा। शिक्षा मंत्रालय की और से देश को मिला वरदान था, 1965 को संगठन को मिला नया नाम था। ज्ञान की रोशनी लेकर फैलाया उजियारा, देश से विदेश तक बढ़ा संगठन हमारा। देश को 1,253 विद्यालयों की मिली हुई है सौगात, जहां ज्ञान विज्ञान से चमकता भविष्य प्रभात । विदेश में विद्यालय हैं काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन सर्वोपरि संगठन है ज्ञान में। चलो बात करते हैं संगठन के मिशन की, 'तत् त्वं पूषन् अपावृणु' ध्येय लेकर संगठन के विजन की। विद्यालयी शिक्षा को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाना है, शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और नवाचार को बढ़ाना है। राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना को विकसित करना है , छात्रों की प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता को पोषित करना है। तमसो मा ज्योतिर्गमय के साथ तक्षशिला और नालंदा का इतिहास दोहराना है, भारत का स्वर्णिम गौरव केंद्रीय विद्यालय को लाना है। आओ इस 62वें स्थापना दिवस पर हम करते हैं ये प्रण, शिक्षा, ज्ञान – विज्ञान से उजला हो भारत का कण कण। ©Deepali Singh Chauhan #Book केंद्रीय विद्यालय संगठन
#Book केंद्रीय विद्यालय संगठन
read moreWriter Mamta Ambedkar
White इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है इंसान दो जगह हमेशा हार जाता है, जहाँ दिल का रिश्ता गहरा हो जाता है। एक वो जगह, जहाँ प्यार बसा होता है, दूसरी, जहाँ परिवार का साया होता है। प्यार में हार, मगर जीत सी लगती है, आँखों में आँसू, पर खुशी छलकती है। दिल देता है सब कुछ बिना हिसाब के, चाहत की ये डोर, कभी न टूटने वाले ख्वाब के। परिवार में हार, समर्पण कहलाता है, हर त्याग में स्नेह छिपा नज़र आता है। अपनों की खुशी में अपनी खुशी पाता है, हर मुश्किल में साथ, बस वही साथ निभाता है। दोनों हारें हैं, पर दिल से स्वीकार हैं, प्यार और परिवार, जीवन के आधार हैं। इन्हीं में बसी है जीवन की मिठास, इन्हीं के बिना अधूरी है हर सांस। इसलिए इंसान यहाँ हारने से डरता नहीं, क्योंकि ये हार ही असली जीत कही जाती है। ©Writer Mamta Ambedkar #Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
#Romantic मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स समस्याओं पर
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