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Anand Kumar Ashodhiya
हरियाणे में व्याप्त कुरीति जो बीत गई वो समो पुराणी इब तेरे हाथ ना आवण की पहले से ही निश्चित तारीख सबके ऊपर जावण की मौत आवणी सबनै बेरा पर कौण मरया चाहवै सै जिसके लागै वो तन जानै हिया ऊदल कै आवै सै आँख समन्दर होज्या सै फेर सब कोए धीर बंधावै सै रिश्तेदार अगड़ पड़ोसी कोए आवै कोए जावै सै माणस घटज्या घर भी लूटज्या, रहज्या कसर खिलावण की जिस घर में कोए मृत्यु होज्या, वो दुख सबतै मोटा हो किसे कै माणस, किसे कै अन्न, किसे कै धन का टोटा हो आंख में आँसू, चढ़े कढ़ाई, चाहे बड्डा हो या छोटा हो शोक संतप्त परिवार का खाणा श्रीकृष्ण कहै खोटा हो हरियाणे में व्याप्त कुरीति, या तेहरामी पै खावण की श्रीकृष्ण नै दुर्योधन गिरफ्तार करण चाल्या था विश्वरूप देख सुदर्शन कइयां का दिल हाल्या था दुर्योधन श्रीकृष्ण नै रसोई जिमावन चाल्या था श्रीकृष्ण गए नाट खाण ते धर्म का दिया हवाला था द्वेष क्लेश में जीम रसोई राह सै पाप कमावण की मृत्यु भोज का खाणा खिलाणा हिन्दू धर्म नहीँ सै श्रुति स्मृति वेद पुराण में तेरहवां कर्म नहीँ सै ब्रह्म सूत्र और उपनिषदों में ऐसा मर्म नहीँ सै आनन्द शाहपुर इस जीवन में थोड़े भ्रम नहीं सै इस प्रथा के खिलाफ जरूरत पड़गी बिगुल बजावण की गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया © 2021-22 ©Anand Kumar Ashodhiya हरियाणे में व्याप्त कुरीति #हरयाणवी
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Mr.Rana
Vote दो बात रहगी हरियाणे मैं जो सबने प्यारी लाग्गै सै कै छोरी का गात दिखाओ या बदमासी के गाणे गाओ जे अच्छी बात सुणादो तो वे सबने खारी लाग्गै सै दो बात रहगी हरियाणे मैं जो सबने प्यारी लाग्गै सै ©Mr.Rana दो बात रहगी हरियाणे मैं। #Do #sayari #poem #Poetry #dairy #voting
Ankur Sangwan
Young and Beautiful लावे जदो अखियाँ चै सूरमा काला, जट करे तैनू फोलो ओदों हरियाणे आला... जदो निकले तू पा के सूट-सलवार, करे ओदों #sangwan दे दिल उत्थे वार...!! :-@sangwan लावे जदो #अखियाँ चै #सूरमा काला, जट करे तैनू #फोलो ओदों #हरियाणे_आला... जदो निकले तू पा के #सूट_सलवार, करे ओदों #sangwan दे #दिल उत्थे #वार.
Sushma Malik "अदब"
https://youtu.be/rHeCp58mUnM हरियाणवी कविता ऊपर दिए लिंक पर क्लिक करें... देखते देखते कितना कुछ बदल गया हमारे हरियाणे का, बहुत जरूरी है इसक
Ashi Saxena
मैं चुल-बुल सी साँवली रंगत में निकलती हूँ ! दिल्ली की दिलदारी में मदहोश हुई गली-२ फ़िरती हूँ , बरेली के रंगीले झुमकों में सजती सँवरती हूँ ! हरियाणे की जाटनी सी तुझसे अखड़ इश्क़ करती हूँ , तेरे इश्क़ में मिर्ज़े मैं घणी बावरी सी फ़िरती हूँ ! मैं हीर बनूँ तुझ राँझे की यूँ इस ख़्वाहिश में सिमटी हूँ , बेशक़ तुमपे चढ़ी बंगाली जादूगरी से चिढ़ती हूँ ! बस तुमसे इश्क़ मुकम्मल होने की हसरत में लिपटी हूँ , कहीं तो थामों हाथ मेरा यूँ हर लम्हें में ठहरती हूँ ! #NojotoQuote मैं चुल-बुल सी साँवली रंगत में निकलती हूँ ! दिल्ली की दिलदारी में मदहोश हुई गली-२ फ़िरती हूँ , बरेली के रंगीले झुमकों में सजती सँवरती हूँ ! ह
GoluBabu