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Anand Kumar Ashodhiya

2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी #ragni #हरयाणवी #Haryanvi

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Anand Kumar Ashodhiya

2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी #ragni #हरयाणवी #Haryanvi

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2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी 


नेक कमाई करिए बन्दे, ना कार कमाइए खोटी ।
चोरी का धन मोरी में जा, खाणी सैं दो रोटी ।।


तूं भी माटी तेरे तन पै माटी, सब माटी बीच समावै सै ।
सब कुछ माटी हो ज्या सै क्यूं, पाप की गठड़ी ठावै सै ।।
किसके लिए कमावै सै या, रिश्वत ले ले मोटी ।।


मैं मैं, मैं मैं, मेरा मेरी, मैं नस नस के म्ह समा गई ।
बेईमानी और अहंकार नै, नस नस के म्ह रमा गई ।।
तेरी बुद्धि पै रू जमा गई, देइ खेल समय नै गोटी ।।


इस काया का के करले जब, आग के बीच धकेली जा ।
जीव आत्मा सौंपी जा सै, के करले महल हवेली का ।।
कुछ बनै ना पिसे धेली का, जब चलै काळ की सोटी ।।


तूं नई योजना त्यार करै, वो पहलमै लिखकै धर रहया सै ।
गुरू पालेराम कै आनन्द शाहपुर, रोज हाजरी भर रहया सै।।
गुरू घणी सहाई कर रहया सै तूं, रच बड्डी या छोटी ।।


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©Anand Kumar Ashodhiya 2 रोटी - नई हरयाणवी रागनी #ragni #हरयाणवी #Haryanvi

Anand Kumar Ashodhiya

#हरयाणवी हरयाणवी रागनी चुनावी शतुरमुर्ग कविता व्यंग

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Mr.Rana

#Couple #हरयाणवी शायरी

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Anand Kumar Ashodhiya

देश की बेटी म्हारी बेटी - हरयाणवी रागनी। #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी

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देश की बेटी म्हारी बेटी

तू किसके आगे हाथ जोड़ती, रो रो कर रही चीख पुकार 
लँगड़ा लूला पुलिस महकमा, आंधी बहरी है सरकार 

न्या मांगणिये बाड़े में बंद, आज भ्र्ष्टाचारी राज करैं  
जाँच कमेटी बिठा देइ न्या, करते करते आज करैं 
चौगिरदे कै पुलिस बिठया दी, ना क्याहे की ल्ह्याज करैं 
बब्बर शेर भी बेबस होग्ये, कित लग चिड़िया बाज मरैं 
देश की शान बढ़ावण आले, आज हो रहये सैं लाचार  

बिका हुआ दलाल मीडिया, चुपका सा तमाम होग्या 
आँख पे पट्टी मुँह पे टेप, सरकारी गुलाम होग्या 
यौन शोषण का दोषी आज, मीडिया का राम होग्या
दबंगई कर नेता बणग्या, न्यू समझे भगवान होग्या 
भाण और बेटी लगी दाँव पे, यो कौरव का दरबार 

कौम की बेटी इज्जत खातिर, रो रो कै नै डकराती    
जिगरे आले सत पुरुष ही, सच के बणैं हिमाती 
स्वाभिमान, ज़मीर की खातिर, हो वज्जर कैसी छाती
देश की बेटी, म्हारी धरोहर, इज्जत ही तो कहलाती 
ना जाति, ना प्रभुत्व भरो, इज्जत की हुंकार 

दागी नेता, भ्रष्ट प्रशासन, ना होती काररवाई 
न्या पावण की खातिर बेटी, भरती फिरें तवाई 
खरदूषण लाईलाज बीमारी, करणी पड़ै दवाई 
आनन्द शाहपुर उठ खड़या हो, क्यूँकर करै समाई 
दो हर्फी है माँग हमारी, हो खरदूषण गिरफ्तार    

रचयिता : आनन्द कुमार आशोधिया@कॉपीराइट

©Anand Kumar Ashodhiya देश की बेटी म्हारी बेटी - हरयाणवी रागनी। #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी

Anand Kumar Ashodhiya

देश की बेटी म्हारी बेटी #हरयाणवी #हरयाणवी_रागनी

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Mahnoor

BHUMIKULDEEP SHANDILYA

#हरयाणवी बन्दे हरियाणा की 75 साल की ताई ने लगाई तेज बहती गंगा में छलांग और तैरकर आई बाहर

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Anand Kumar Ashodhiya

प्यार की पतंग #हरयाणवी

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प्यार की पतँग

गळ कै लगाकै, प्यार जताकै, तूँ धोखा दे कै जाइये ना।
भाइयाँ की सूँ मर ज्यांगी, तूँ मन्ने छोड़ कै जाइये ना।।

तेरी छाती ऊपर सिर धरकै मैं एक सहारा टोहूँ सूँ।
तेरी बाँहयां के घेरे में, मैं नीन्द चैन की सोऊँ सूँ।।
जो सपने में तूँ आ रहया हो तो नीन्द तै मन्ने जगाईये ना।।

तेरे सत पै छोड़ दिया मन्ने अपणा कुटुम्ब कबीला।
सारी दुनियाँ एक औड़ तूँ बणग्या प्यार वसीला।।
तेरे कहे तै विष पी ल्यूंगी पर विश्वास तोड़ के जाइये ना।।

अपणे प्यार के मन मन्दिर में, तेरी तस्वीर सजा ल्युँगी।
जो माँगेगा वो दे दयूंगी, तेरी सारी ए टहल पूजा दयूंगी।।
मेरे प्यार नै ठुकरा कै, दिलदार बाहर तूँ जाइये ना।।

"आनन्द शाहपुर" के वादे पै मन्ने भरोसा पूरा सै।
तेरे बिना ओ मेरे साजन, यो सँसार अधूरा सै।।
मेरे प्यार की पतँग लूटकै तूँ डोर तोड़ कै जाइये ना।।
गीतकार : आनन्द कुमार आशोधि

©Anand Kumar Ashodhiya प्यार की पतंग #हरयाणवी

Anand Kumar Ashodhiya

किस्सा रसकपूर हरयाणवी रागनी 18 #रसकपूर #हरयाणवी_रागनी #हरयाणवी

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किस्सा रसकपूर - रागनी 18 हरयाणवी

बहाण मेरा रूस गया भरतार, जगतसिंह होग्या बेदर्दी
उन्ने के गरज मनावण की, उन्ने के गरज मनावण की हे।

मेरै ला ला झूठे दोष, जळे नै देइ आत्मा मोस
मेरे लिए सारे ओहदे खोस, ज़िन्दगी कैद में करदी
घड़ी इब बिफत उठावण की,घड़ी इब बिफत उठावण की हे।

वा फतेकँवर पटराणी, स्याहमी बोले मीठी बाणी
मन्ने कोन्या जात पिछाणी, दाग मेरे चरित्र पे धरगी
दशा इब आँसू बाहवण की, दशा इब आँसू बाहवण की हे।

प्यार मेरा शक ते हार गया, प्यार मन्ने जी ते मार गया
जगत सिंह कांटे डार गया, डगर में शूल फणी धरदी
समो गई फूल बिछावण की, समो गई फूल बिछावण की हे।

करूँ आनन्द शाहपुर विनती, होज्या म्हारी भी किते गिणती
रागणी  छन्द पे छन्द बणती, कथना लिख लख के धरदी
बाट सै गाण बजावण की, बाट सै गाण बजावण की हे।

गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिय

©Anand Kumar Ashodhiya किस्सा रसकपूर हरयाणवी रागनी 18

#रसकपूर #हरयाणवी_रागनी #हरयाणवी
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