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Aditya Kumar Bharti
मूल्य तब है जब हो उपयोग, व्यर्थ है अनावश्यक तत्वों का योग। आदित्य कुमार भारती #Use of things#तत्वों का प्रयोग
#Use of thingsतत्वों का प्रयोग
read moreAK__Alfaaz..
मुहब्बत है अनासिर में..ज़ुहूर-ए-तरतीब.., ज़िन्दगी है अज्ज़ा-ए-इश्क़ का इन्हीं में सिमट जाना.., #जरा_सा_इश्क़_में ऐसा भी.. **अनासिर--पंचभूत(आग,पानी,हवा,मिट्टी, आकाश) elements **ज़ुहूर-ए-तरतीब--तत्वों का एकत्रित हो कर सामने आना..(meticulou
#जरा_सा_इश्क़_में ऐसा भी.. **अनासिर--पंचभूत(आग,पानी,हवा,मिट्टी, आकाश) elements **ज़ुहूर-ए-तरतीब--तत्वों का एकत्रित हो कर सामने आना..(meticulou #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqlove #yqthoughts #yqsahitya
read moreSK pant
जजेज एमएमजीजी एनएमएफएफडी मम क्लिक जज क्लिक कुल लेख ©SK pant ( I.A.S ) इस शुक्रवार को जो हुआ वो बेहद शर्मनाक था...ऐसे देश विरोधी तत्वों का संपूर्ण बहिस्कार जरूरी हैं..जय हिन्द⛳⛳⛳🙏🙏🙏 #जय #हिन्द #Nojoto #Hindi D
DHARMENDRA KASHYAP
वक्त के दरमियां हम कुछ इस कदर बदल गए , जैसे मंजिलों के कई कोष आगे निकल गए, छू लेंगे आसमा इक रोज इस जहां में, इसी ख्वाहिश में हम गिर कर संभल गए, कुछ अराजक तत्वों का अस्तित्व ही नहीं , फिर भी न जाने कितने लम्हे निगल गए , कश्ती अपनी,साहिल अपना तो किसके भरोसे बैठे, खुद की तपन से न जाने कितने कांटे पिघल गए , इस धरा का छोर भी मुझसे मिलता तो है , यह सोचकर पहाड़ों के रुतबे मचल गए, वक्त के दरमियां हम कुछ इस कदर बदल गए , जैसे मंजिलों के कई कोष आगे निकल गए, छू लेंगे आसमा इक रोज इस जहां में, इसी ख्वाहिश में हम गिर कर सं
वक्त के दरमियां हम कुछ इस कदर बदल गए , जैसे मंजिलों के कई कोष आगे निकल गए, छू लेंगे आसमा इक रोज इस जहां में, इसी ख्वाहिश में हम गिर कर सं #Motivational #Courage #nojotohindi #mycreation #nojotogazal #LakShmi
read morePankaj Singh Chawla
जनन क्रिया... (Read in Caption) सफेद पंखुड़ियों के मध्य, सुनहरी रंग में विद्यमान, अनेको कोमल पुंकेसर को, सुरक्षा प्रदान करती पंखुड़ियाँ, सूचक है प्रजनन का, सहायक बनती है मधु,
सफेद पंखुड़ियों के मध्य, सुनहरी रंग में विद्यमान, अनेको कोमल पुंकेसर को, सुरक्षा प्रदान करती पंखुड़ियाँ, सूचक है प्रजनन का, सहायक बनती है मधु, #yqbaba #YourQuoteAndMine #pchawla16 #yqrestzone #collabwithrestzone #rzpicprompt1598
read moreVedantika
मैं भी अनासिर हूँ किसी माँ की रूह का माँ होकर भी मुझे माँ का सहारा चाहिए ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी
♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी
read moreDR. SANJU TRIPATHI
अराजक अनासिर ही जमाने में अफवाह फैलाते हैं, भोले भाले लोगों को बरगला कर बुरे काम कर आते हैं। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी
♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU267
read moreKrish Vj
नियमों का उल्लंघन (चिंतन) {अनुशीर्षक में पढ़े} नियम हमारी सुविधा के लिए बने होते हैं। कार्य के पूर्ण होने के लिए नियमों का होना अति आवश्यक हैं। वस्तुतः हम सभी को नियमों के बंधन अच्छे नहीं
नियम हमारी सुविधा के लिए बने होते हैं। कार्य के पूर्ण होने के लिए नियमों का होना अति आवश्यक हैं। वस्तुतः हम सभी को नियमों के बंधन अच्छे नहीं #yqdidi #चिन्तन #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़
read moreDr Upama Singh
एक दिन ये अनासिर शरीर मिल जायेगा मिट्टी में खाक होकर ये शरीर आत्मा अमर हो जायेगी। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी
♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अनासिर" "anaasir" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है तत्व, तत्वों का ढेर एवं अंग्रेजी #wordoftheday #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़_उर्दूकीपाठशाला #KKU267
read moreरजनीश "स्वच्छंद"
कुछ तेरा था कुछ मेरा था।। धरती के टुकड़े का ये हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। उदय अवसान का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। सुबह की लाली लिए किरण, थी सार छुपाये कण कण में। पत्तों से झांक रही शर्मीली, अवतार छुपाये एक मन मे। एक नया सवेरा आने को, कुछ उत्सुक और बेचैन रहा। कुसुम कली डाली संग झूमे, बीत चला जो उनका रैन रहा। प्रखर भविष्य का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। एक दिव्य स्वप्न जो देखा था, साकार हुआ सा लगता है। ये इंद्रधनुषी ये बहुरंगी, वृत्ताकार हुआ सा लगता है। धरती अम्बर का एक मिलन, देखो अनन्त में दिखता है। टूटे बन्धन करबद्ध वंदन, ये कवि अंत में लिखता है। आदि अंत का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। एक बात कही जो पुरखों ने, हर रात की एक तो सुबह रही। आते जो देखी रश्मि किरण, अंधियारी भी देखो दुबक रही। ललक लिए अपने मन मे, नवजीवन का अवतार हुआ। अग्नि जल वायु धरा गगन, पंचतत्वों का मंत्रोच्चार हुआ। इन तत्वों का एक एक हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। अनवरत कठिन तप जो रहा, फलदायी होने वाला है। अनुशरण किया जग का तुमने, अनुयायी होने वाला है। शौर्य चहुंदिश कोटि जन गायें, तान प्रत्यंचा लक्ष्य साध तू। शंख भेरी की मृदुल तान पर, कुंडल कवच वक्ष बांध तू। कवि-वीर का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। ©रजनीश "स्वछंद" कुछ तेरा था कुछ मेरा था।। धरती के टुकड़े का ये हिस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। उदय अवसान का ये किस्सा, कुछ तेरा था कुछ मेरा था। सुबह की ला