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Kumar vishal rawat
सूरज के निकलने और ढ़लने में समय नही लगता आज तेरी तो कल मेरी बारी है। वक्त है पलटी मार ही देगा ©Kumar vishal rawat वक्त है,पलटी मार ही देगा
Ajay Bairagi
चाहत दुनिया जितने की थी मगर यहां तो दो कद ज़मीं के लिए भी मारना जरूरी है ©Ajay Bairagi मारना जरूरी है #चाहता #दुनिया_सारी #मारना #ज़रूरी #जमीन #ज़िन्दगी #lookingforhope
@देsh_K.K.
मारना ही था तो हथियारो से मारते तुमने तो हमे अपने आखों से ही मार दिया #मारना#हथियार#आँख#तुमने
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
गद्दारों को मारना तब बहुत जरूरी है जब दीप को सताये तम की मजबूरी है सामने आपके गर साँप है,उसे छोड़ दो, पहले गद्दारों पर लाठी मारना जरूरी है साँप तो एक बार ही हमको डसता है, एक गद्दार,अगणित सांपों का हुजूरी है तिरंगे को भी देते है,ऐसे लोग गाली, क्या ऐसे गद्दारों को रखना जरूरी है? मुक्त करो भारत मां को इन गद्दारों से, इनके दमन से खिलेगी बगिया पूरी है शूल होते तो में इन्हें माफ भी कर देता, नासूर को जड़ से हटाना बेहद जरूरी है हिंद की धरती तब ही बनेगी कोहिनूरी है, जब गद्दारों पे तलवार चलेगी पूरी है देश के सिपाहियों को जिन्होंने न छोड़ा, क्या वो किसान आंदोलन की धुरी है? मिटा दो नामोनिशान ऐसे देशद्रोहियों का, जिनसे कृष्ण हो मां का चोला सिंदूरी है किसान आंदोलन आड़ में रोटी सेक रहे, वो सुने तुम्हे मिलेगी सज़ा बहुत बुरी है असल किसान है,वो देश का अभिमान है, वो शांति से हल करेंगे समस्या पूरी है पर गद्दारों को अपने बीच न आने दो, ये पूरे कुँए में जहर घोल देंगे खूनी है सर्तक रहे मेरे देश के सभी किसान, कोई न ताने,तेरे कंधे पे बंदूक खालिस्तान मत आने दो उन गद्दारों को आंदोलन में, जिनसे रो रही मेरी भारत माँ बहुत बुरी है अंत मे सब देशवासियों से मेरी प्रार्थना है, गद्दारों को मत दो कभी तुम पनाह है जहां दिखे उन्हें समूल ही मिटा दो, इन्हें तनिक भी मत दो हिंद में बांह है देशद्रोहियों से मुक्त होने पर ही हिंद जमीं, फिर से बनेगी राम-राज्य जैसी सुनहरी है दिल से विजय गद्दारों को मारना जरूरी
DANVEER SINGH DUNIYA
पता ना दुनिया किस किस से खेलती है वह मुझसे से खेलगी और मैं जिन्दगी से मगर मैं बच गया किसी की किस्मत पर आज निकल के आया हूं तेरी गन्दगी से ©DANVEER SINGH DUNIYA मारना चाहती थी मुझे....
mannat maan
उसके हाथों में मेहंदी और शरीर पर हल्दी थी .. जरा यह बताओ मुझे मारना चाहते थे या मुझे छोड़ने की जल्दी थी मुझे मारना चाहते थे #MurderOfHumanity
SHIVAM MISHRA'MICHAEL'
#Worldteacherday सूखे पत्ते खुद झड़ जाते है, उन्हें झाड़ना नहीं पड़ता, इश्क में लोग खुद मर जाते है,उन्हें मारना नहीं पड़ता। #इश्क में मारना नहीं पड़ता