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बादल सिंह 'कलमगार'

जाने किसके होने में लगे थे हमतुम #badalsinghkalamgar Love #thought Poetry Life Lucky Dhart बाबा ब्राऊनबियर्ड Rajat Bhardwaj Chan #शायरी

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार  ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न । #कविता

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दोहा :-
अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार ।
पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार  ।।१
मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न ।
खाना सुत का अन्न तो , होना बिल्कुल सन्न ।।२
वृद्ध देख माँ बाप को , कर लो बचपन याद ।
ऐसे ही कल तुम चले , ऐसे होगे बाद ।।३
तीखे-तीखे बैन से , करो नहीं संवाद ।
छोड़े होते हाथ तो , होते तुम बरबाद ।।४
बच्चों पर अहसान क्या, आज किए माँ बाप ।
अपने-अपने कर्म का , करते पश्चाताप ।।५
मातु-पिता के मान में , कैसे ये संवाद ।
हुई कहीं तो चूक है , जो ऐसी औलाद ।।६
मातु-पिता के प्रेम का , न करना दुरुपयोग ।
उनके आज प्रताप से , सफल तुम्हारे जोग ।।७
हृदयघात कैसे हुआ , पूछे जाकर कौन ।
सुत के तीखे बैन से, मातु-पिता है मौन ।।८
खाना सुत का अन्न है , रहना होगा मौन ।
सब माया से हैं बँधें , पूछे हमको कौन ।।९
टोका-टाकी कम करो , आओ अब तुम होश ।
वृद्ध और लाचार हम , अधर रखो खामोश ।।१०
अधर तुम्हारे देखकर , कब से थे हम मौन ।
भय से कुछ बोले नही , पूछ न लो तुम कौन ।।११
थर-थर थर-थर काँपते , अधर हमारे आज ।
कहना चाहूँ आपसे , दिल का अपने राज ।।१२
मातु-पिता के मान का , रखना सदा ख्याल ।
तुम ही उनकी आस हो , तुम ही उनके लाल ।।१३
२५/०४/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-

अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार ।

पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार  ।।१


मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न ।

Himanshu Prajapati

#Dosti समझ ना‌ आये तो रुकों, समझों फिर से करो हो‌ जाएगा, ये‌ जिन्दगी है जनाब‌ इसको कोई नहीं जानता कब कौन मर जाएंगा, कब कौन किधर जाएगा..! #विचार

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White समझ ना‌ आये तो रुकों,
समझों फिर से करो हो‌ जाएगा,
ये‌ जिन्दगी है जनाब‌ 
इसको कोई नहीं जानता 
कब कौन मर जाएंगा,
कब कौन किधर जाएगा..!

©Himanshu Prajapati #Dosti समझ ना‌ आये तो रुकों,
समझों फिर से करो हो‌ जाएगा,
ये‌ जिन्दगी है जनाब‌ 
इसको कोई नहीं जानता 
कब कौन मर जाएंगा,
कब कौन किधर जाएगा..!

Das Sumit Malhotra Sheetal

एक तेरा ही तो ख़्याल है मुझे, वरना अकेले बैठकर कौन मुस्कुराता है।

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Mohd Asif

#Night मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी! चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी! चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर! दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी! #शायरी

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White मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!

©Mohd Asif #Night मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता

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चौपाई छन्द :-

पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।।
मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।।

चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।।
नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।।

कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।।
आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।।

यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।।
देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।।

खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।।
पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।।

आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे ।
स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।।

बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा ।
दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।।

लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े ।
बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।।

राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते ।
अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी ।

प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा ।
जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।।

२४/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :-

पीर पराई बनी बिवाई ।  हमको आज कहाँ ले आयी ।।
मन के अपनी बात छुपाऊँ  । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।।

चंचल नैनो की थी माया । जो कंच

M R Mehata(रानिसीगं )

अरमान बहुत थे.... #भक्ति

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जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं ) अरमान बहुत थे....

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी #शायरी

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hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार ।
चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।।
कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान ।
दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।।
खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार ।
मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।।
राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन ।
बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।।
राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार ।
व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।।
हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास ।
ऐसे उनके भक्त थे,  कहते प्रभु का दास ।।
जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम ।
राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।।
मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर ।
मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार ।

चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।।


कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान ।

दोनों का पूजन करें , सभी

Mehfuza

#City पूछते थे ना कितनी मोहब्बत है हमें तुमसे? लो गीन लो अब इन बारिश की बूँदों मैं! #शायरी

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INDIA CORE NEWS

लोकेशन- फतेहपुर यूपी रिपोटर- उमेश चन्द्र मो 8354919990 अज्ञात लोगों के द्वारा युवक की गोली मारकर हत्या का मामला निकला फर्जी यूपी के फतेहप #News #Love #Update #viral #new_post #viral_video

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