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shubham
आज ही के दिन स्थापित हुआ था खालसा, जो था औरंग को दशमेश पिता की ललकार, प्रसन्नता रबी फसल के कटने की,नव वर्ष का उत्साह, सभी को मुबारक हो,'शुभम' की तरफ से बैशाखी का त्यौहार। बैसाखी
INDRAJEET KUMAR,
कर लो सारे काम अब छोड़ो न कुछ भी बाकी क्योंकि आ रहा है दिन अब जिसको कहते हैं बैसाखी ©INDRAJEET KUMAR, #बैसाखी
ankit bahuguna
नाचो-गाओ, खुशी मनाओ, आई है बैसाखी, चलो जश्न मनाओ, रखकर सब चिंताओं को एक आरे मिलकर गीत खुशी के गाओ और बैसाखी का त्योहार मनाओ!! बैसाखी की शुभकामनाएं। बैसाखी
Vineet Tambi
ढ़ोल नगाड़ा दा होंदा शोर किसाना लाई खुशियाँ दा दौर फसला पका जांदी होना बैसाखी विच भंगड़ा ते मिट्ठा गाना होना - विनीत ताम्बी #बैसाखी
Ajay Sharma
खुद्दारी लिए घिसटता बिना पैरों का एकतरफा ईश्क़- मिन्नतों की बैसाखियों पर टिके ईश्क़ से बहुत बेहतर है #बैसाखी
ankit bahuguna
बैसाखी का त्यौहार पंजाबी धर्म का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पावन त्यौहार में से एक है| इस त्यौहार को पंजाब में ही नहीं बल्कि हरयाणा और उसके आस पास के कई राज्यों में मनाया जाता है| यह शब्द वैसाख से बना होता है| सिख धर्म में नया साल सर्दियों की फसल काटने के बाद मनाया जाता है| इसको रबी की फसल के पकने की ख़ुशी में भी मनाया जाता है| इस दिन का सिख धर्म में इसलिए भी महत्व है क्योकि संन 1699 में सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंहजी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी| बैसाखी
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
हौसलों कि बैसाखी है साहब.... जो ज़िन्दगी को आगे बढ़ाती है, एक का नाम है ख़ुद से प्यार, दूसरी ख़ुद से ही तकरार... ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) बैसाखी
माही मुन्तज़िर
संग तेज हवाओं के , सांय सांय ये फसलें भी लहराएगी ! फ़िर तैयार हो ये फसलें , घर किसानों के खुशियों से महकाएंगी !! #बैसाखी #nojoto
Mohan Sardarshahari
आज फिर बैसाखी आई मन में है उदासी छाई उन्नीस सौ उन्नीस से आज तक उल्लास से बैसाखी ना मनाई। ऐसा मंजर लाया था अमृतसर का कसाई नाम से जनरल डायर काम से एकदम कायर सिंहासन बदल गये सीमाएं बदल गई पीढ़ियां भी बदल गई दिलों की उदासी ना गई। गोलियां कानों में गूंजे चीत्कार का मंजर सूझे कुएं के नाम से काया सिहरे हर बैसाखी पर विलायती राज के दिये जख्म सहसा ही सदियों तक होते रहेंगे हरे।। ©Mohan Sardarshahari बैसाखी आई