Find the Latest Status about चित्र वर्णन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चित्र वर्णन.
DR. SANJU TRIPATHI
त्योहारों का देश है अपना भारत यहां होली में रंग बिरंगे गुलाल उड़ाए जाते हैं लोहड़ी और जमघट में रंग-बिरंगी पतंगों के पेंच आसमान में लड़ाए जाते हैं। किसान है अन्नदाता इनकी मेहनत से ही खेत खलिहान अनाजों से भरे रहते है, खेतों में किसान और सरहद पर जवान हर दम देश सेवा में तत्पर बने रहते हैं। खिलते हैं जब सूरजमुखी के फूल सभी के चेहरे खुशियों से मुस्कुराने लगते हैं। बागों बगीचों में बसंत आ जाता है सबके दिल खुशी से झूम कर गाने लगते हैं। हर इंसान अपना छोटा सा आशियाना बनाने के लिए दिन रात एक कर देता है, बनाकर खून पसीने से अपना आशियाना अपनों के चेहरे पर खुशी ला देता है। इंद्रधनुष के सतरंगी रंगों के जैसा सभी का जीवन रंगबिरंगा रंगीन होना चाहिए, जीवन एक बार मिलता है, इसको खुलकर हंसकर जिंदादिली से जीना चाहिए। मेरी चित्र वर्णन कविता #काव्यसंग्रह #Kavyasangrahmanch #paanchvapadav #merivyakaranyatra #meriyatraeksoch
Pratyush Tripathi
क्यो पूछते हो मुझसे तुम उसका हाल, मुझे तो उसकी आँखों नें कर रखा है बेहाल, मुझे सता कर खुश रहनें वाली से भी तो पूछो तुम, ये सब सच भी है या है केवल माया-जाल.... #gif वर्णन
Pandit Shivendra Mishra
हुआ सवेरा सूरज आया , लाल-लाल किरणों को लाया। धूप हुयी औ चिड़ियां चहकीं, पुष्प खिले औ कलियां महकीं।। पौधों में भी प्रभा आ रही, लालिमा हर तरफ छाई है। सभी दिशाएं हर्ष कर रहीं, नदियां भी मुस्काई हैं।। शोभित मन्द बयार हो रही, तिमिर गया है भू से भाग। जगा हुआ भूमण्डल सारा, कर्मवीर अब तू भी जाग।। -पं. शिवेन्द्र मिश्र "मनमोहन" प्रभात-वर्णन
Trilok
गुरु गुण वर्णन सागर को मापना लगता असंभव तो क्या रत्नाकर की बात नहीं करूं एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचना मुश्किल तो क्या शिखर की कल्पना भी नहीं करूं जानता हूं मानता हूं कि तू है विशाल और विराट तो क्या तेरे एक गुण का भी बखान नहीं करूं करूंगा, करना है मुझे क्योंकि मैं सब कुछ नहीं, बहुत कुछ नहीं पर कुछ तो कहूंगा, कुछ तो बोलूंगा तेरे अथाह जीवन को तेरे तन मन वच पावन तेरे गुण रत्नों के मिलन को तेरे उत्कृष्ट चारित्र पालन को गुरु गुण वर्णन
Hema Kushwaha
मैं तो सिर्फ कोरे कागज भरती जाती हूं। मन मे जो ख्याल ,उसे कोरे कागज पर उतार देती हूं। जिंदगी जीने में जो हलचल और ठोकरे मिली उसे ही कागज पर उभार देती हूं। ह्रदय में जो सुख दुख के भाव उत्पन है उसे ही कोरे कागज पर लिखती रहती हूं। अपने अरमां को युही व्यक्त किये जाती हूं। सबकी सुनती हु पर अपनी ही करती हूं। मैं तो मस्त मौला हु आज़ाद पंखी की तरह उड़ती हु। जिंदगी का कोई भरोसा नही फिर भी हस्ती रहती हूं। मैं तो सिर्फ........ विचारों का वर्णन
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
🏠मेरा घर:एक कल्पना🏠 °°°°°°°°°°°°°°°°°° उम्मीदों के हसीन शहर में, एक आशियां हमारा भी होगा। जिसमें छोटों के लिए प्रेम, और बड़ो के लिए सम्मान होगा। हर एक दिन रंगीन होगा होली-सा, और दीवाली-सा चमकीला हर रात होगा। एक दूसरें से ही बाँट लेंगें हर सूख-दुःख, हमें गैरों से कोई काम नहीं होगा। जहाँ न होगी किसी के पावों में पाबंदी की जंजीरें, हर किसी का अधिकार एक समान होगा। ईट-पत्थरों से भले बना मकान होगा वो, पर हमारा घर ख़ुद में एक जहान होगा। -Rekha $harma #Sapne_ka_ghar #काल्पनिक वर्णन
Manshee Singh
उजला किरण मचली धूप मिटा अधियारा तारे गए डूब, चमका सूरज जगत संसार। हौसला इतना पंक्षी रूप उड़ रहे फरिंदे बन कूप, सुनहरी सुबह सुनहरा यह रूप देख अलसायी आखें गई खुल, है ,यह जीवन का प्रकाश उठ रहे सभी नर नारी क्षण -क्षण में करता चमत्कार। कह रही यह प्रभात ब्रम्ह हूं मैं ही प्रभात, अखिल जग का तम तोडू इस धरती पर आभा बिखेरू।। ©Sonali Singh प्रभात वर्णन... #worldhindiday