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New mahabharat आ जाएगी Quotes, Status, Photo, Video

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Rameshwar Shingade

#Newyear2025

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New Year 2025 aap sab ko meri taraf se Happy New year badhai ho 
2025

©Rameshwar Shingade #Newyear2025   आ

Anjali Singhal

"मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया। दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।" #AnjaliSinghal love #loveshayari #Shayari shayar

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"मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया।
दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।"

©Anjali Singhal "मोहब्बत करके जीने का अंदाज़ आ गया।
दर्द छुपाना आ गया और छुपाकर दर्द मुस्कुराना आ गया।।"

#AnjaliSinghal #love #loveshayari #shayari #shayar

मनोज कुमार झा "मनु"

#december तुम्हीं आ जाओ

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दिसंबर का महीना  तुम्हीं आकर के अब बचा लो मुझे,
बहुत कम बचा हूं दिसम्बर की तरह।।

©मनोज कुमार झा "मनु" #december तुम्हीं आ जाओ

Anamika Raj

न जाने यह कोनसा जमाना आ गया..

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White न जाने यह कोनसा जमाना आ गया
जहा पर तोह अपने भी बेगाने से लगते है।

©Anamika Raj न जाने यह कोनसा जमाना आ गया..

NOTHING

SohrabAlam

मुश्किल कोई आ जाये तो....👍💯👍

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Ashvani Kumar

कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम

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White तुम ना दो जवाब अब मैं सवाल नहीं करता 
तुम डरना नहीं मुझसे, मैं बवाल नहीं करता

वक़्त बर्बाद नहीं करता उन बीते पलों को याद कर के 
भूल गया हर वो बात, अब उन पर मलाल नहीं करता

कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम 
तुम्हे याद करने की गलती मैं हर बार नहीं करता

अब मिलने लगा हूँ हर शख्स से जो तुम्हे नापसंद थे 
तुम्हारी वजह से अब अपने रिश्ते खराब नहीं करता

बेफिजूल है 'बेफ़िज़ूलियत' को अपनी बातें समझाना 
तुम पर ऐतबार करने की गलती मैं बार बार नहीं करता।।

©Ashvani Kumar कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

Sneh Prem Chand

#happy_diwali आ कर वही जलाए रावण

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Harshit Rajasthani Official

समझ में आ रहा है

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