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D.J.Singh

समसामयिक #nojotovideo

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कवि प्रदीप वैरागी

तुमको शायद बुरा लगेगा सुनकर मेरी बातों को।
कोई कोई समझ सकेगा इन नाजुक हालातों को।।
घातों पर घातें झेली हैं हँसकर के सब टाल दिया।
खूब गालियांँ पत्थर खाए, दिल से भेद निकाल दिया।। 
दुश्मन की देखो फिर कितनी यह हरकत शैतानी है।
डर से सहमे-सहमे बैठे घर में हिन्दुस्तानी हैं।। 
कोई थूके कोई चाटे कोई नाक छिनकता है। 
घोर घिनौनेपन से इनके घिन का भाव झलकता है।।
आज विश्व पर जब संकट के काले बादल  छाए हैं।
उस पर भी ये जाति धर्म के नारे खूब लगाए हैं।
मजहब को आधार बनाकर टुकड़े-टुकड़े बाँट रहे।
पत्थर वाली दीवारों को काग़ज से हम काट रहे।।
चारों तरफ दिखाई देता अंधकार का पहरा है।
इतना भी आसान नहीं है संकट का घन गहरा है।।
देश हमारा लुहलुहान है नफ़रत की तस्वीरों से।
इनसे सीख जरूरी है अब जागो इन तदबीरों से।। 
खुल्लम खुल्ला खेल रहे जो भारत की आज़ादी से।
जिनको खुन्नस छाई रहती काश्मीर की वादी से।
 ऐसे नमक हरामों की तो ख़ातिर अच्छी -खासी हो। 
करें देश से जो गद्दारी उनको सीधे फाँसी हो।।
प्रदीप वैरागी © #समसामयिक

Rimpy Ankur Leekha

समसामयिक

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जिस देश में देवी पूजी जाती,
वहीं हो रहा चीर हरण।
जाने कब कोई आएगा,
जो करेगा मंगल करण।।
सीता दुख हनुमंत हरे,
अहिल्या हरे श्री राम।
द्रोपदी दुख हरे बंसी वाले,
यहां भी आए कोई श्याम।।
🖋️ रिम्पी लिखा समसामयिक

अद्वैतवेदान्तसमीक्षा

समसामयिक #nojotophoto

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 समसामयिक

Aradhana Sharma

समसामयिक कविता

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Rita Gupta

समसामयिक ग़जल

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बिछड़े परिवार मिलाए जायेंगे,
कल यही किस्से सुनाए जायेंगे।

खानें के लाले पडे़ हैं जहाँ में,
अब तो जा़म छलकाए जायेंगे।

शा़की  मिली आज पैमाने से,
मयखा़नें में सब दीवानें जायेंगे।

रौशन हुई तेरी मधुशाला आज,
कई  घरों के  उजाले  जायेंगे।

बच्चों की गुल्लक भी फोडी़ गई,
,रीता, पेट के अब निवाले जायेंगे। समसामयिक ग़जल

Shubhendra Jaiswal

आहत  हस्तिनापुरी  में,  हतभागी  निर्जीव  पड़े  हैं
स्वर्णिम स्वप्नों में कुरुकुल,हठ पर अपने पृथक अड़े हैं
चौपड़ चालों के चलते, शर-शैया पर  भीष्म पड़े हैं।
संजय  मन  की  बात  सुना, धृतराष्ट्र  के  बोल बड़े  हैं। #शुभाक्षरी #समसामयिक

Vivek Dixit swatantra

#beingoriginal समसामयिक दोहे #कविता

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Adarsh Dwivedi

विपक्ष (विरोध) भी हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती (1-पक्ष) है!
पर
ध्यान रहे जरूरत से ज्यादा मेकअप भी इंसान को बंदर बना देता है।
-Adarsh #FIREMOTIVATION #merikalamse #समसामयिक #गुटबाजी

D.J.Singh

#Poetry on current issue समसामयिक व्यंग #nojotovideo

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