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वंदना ....
Madhu Singh
INDIA CORE NEWS
Arun Mahra
White हर किसी को कर्म के अनुसार फल मिलता है वैसे ही सच्चे दिल वालों को स्वर्ग में अच्छे जन्म मिलता है ©Arun Mahra सच्चे भक्तों को हर जगह दुआ मिलता है
Sethi Ji
Black 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 💞वक़्त का गुज़रना , इंसान का बदलना💞 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 दिन गुज़र जाते हैं , महीने निकल जाते हैं वक़्त के साथ इंसान बदल जाते हैं ख्वाबों और जज़्बातों का क्या है जनाब एक दिन वोह भी जिस्म के साथ जल जाते हैं जितना प्यार करते हो अपने बेवफ़ा सनम से दोस्तों उतनी मोहब्बत में आज कल भगवान पिघल जाते हैं ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 ©Sethi Ji 💝💝 मोहब्बत की वजह 💝💝 💝💝 मोहब्बत की जगह 💝💝 किसी से वफ़ा करना भी एक कला होती हैं आँखों की अदा , दिल की रज़ा होती हैं ।। उतर जाए जो हमारी धड़क
Shashank Singh Kushwaha
थोड़ा थोड़ा करके सब बनता हैं, बूंद-बूंद से ही सागर जन्नता है। कोशिशों से ही सफलता है, जिंदगी का पहिया भी थोड़ा-थोड़ा चलता है। दिखाना है जीवन की सारी खाली जगह भरके, एक साथ नहीं थोड़ा-थोड़ा करके। ©Shashank Singh Kushwaha खाली जगह... #Love #Life #SAD #poem #Poetry #alone #शshank #DropinOcean
Amit Seth
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, आदि का पालन होता रहता है, वही धर्म है, वो ही पुण्य आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्