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Mahesh Yadav
काली बदरी घनघोर घटा छाई सगरी जल मग्न भयी पूरी नगरी सब मन की आस अब पूरन को यैसी बरसी काली बदरी सभी कृषक र्पेम राग गावत है खेतन में हल को चलावत है जल ही जल है सब जगह र्पभू जस फोड़ दियो जल की गगरी सब मन की आश अब पूरन को यैसी बरसी काली बदरी है धानी चुनर ओढ़े धरा यैसी हरीयाली छाईं है सावन की पावन बेला ने मन में खुशहाली लाईं है कोयल बोले है बगियन में कूहकत मीठा रस राग भरी सब मन की आस अब पूरन को यैसी बरसी काली बरसी काली बदरी #काली #बदरी
Manvi Singh manu
कुछ दीनों से मैं अजीब सा वक्त देख रही हूँ । जींदगी और सासों का जंग देख रही हूँ । राज महल के कमरे का दर्द देख रही हूँ दुनीया में अकेले जिने का डर देख रही हूँ । एक बेटी को भुल कर एक औरत होने का दर्द देख रही हूँ ।अपनी आँखों के सामने अपनी माँ का अंत देख रही हूँ । मैं नीर भरी सुख की बदरी ।
Satish Chandra
बड़ी बेरूख़ी सी है आज इन हवाओं में, लगता है फिर कहीं किसी का दिल टूटा है । दिल टूटा तो शोर भी न हुआ, कारी बदरी छायी रही रात और दिन। #बेरूख़ी #YQdidi #SattyMuses
Vikash Jadaun
छोटी सी बदरी संग तेरी यादों की बूंदें जब आती है, तन भीगा, मन मेरा गीली मिट्टी सा महका जाती है। Rain छोटी सी बदरी संग तेरी यादों की बूंदें जब आती है, तन भीगा, मन मेरा गीली मिट्टी सा महका जाती है।
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Sahil Bhardwaj
इन लबों पे जो सिर्फ अफ़साने ही थी वो शायरी की दो लफ्ज बन के आयी मेरी जुबां पे, प्यासा था कब से मैं, दो बूँद बरसाने, वो बदरी बनके छायी आसमां पे... इन लबों पे जो सिर्फ अफ़साने ही थी वो शायरी की दो लफ्ज बन के आयी मेरी जुबां पे, प्यासा था कब से मैं, दो बूँद बरसाने, वो बदरी बनके छायी आसमां
Sarita Shreyasi
वह हंसती है जोर से हर कोई सुन पाता है बस उसके अपने ही मन के सन्नाटे तक ये आवाज नहीं पहुंच पाती। वो कोशिश तो कर रही है पर हर बार अपने प्रयास में असफल राह जाती है। # वह हंसती है जोर से, हर कोई सुन पाता है, पर उसकी ध्वनि लौट जाती है अपने ही मन के दीवारों से उसकी खनक उसके वीराने को नहीं छू पाती, उसके मुस
Raahul Kant
अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया, बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया। देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा। किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।। ©Raahul Kant अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया, बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया। देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा। किसी