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Ajay Yadav
चौखट के अंदर ही रहना सीते, आज रावण कोरोना के वेश में आया है। श्री डॉक्टर भैया लड़ रहें अस्पताल में, और लाक्डाउन ने लक्ष्मण रेखा बनाया है। -अजय sita haran #ramayan #coronapoetry
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read moreAjay Yadav
Girl quotes in Hindi आज भी हर दिन कहीं सीता उठाई जाती है अग्नि परीक्षा की आग में हर बार जलाई जाती है संकोच आज भी राम का कम न हो रहा समाज के बातों में अपनी सीता खो रहा आज भी जाने कितने कलंक लिये ढो रही वो जाने किस कुटिया में छुपकर बैठी रो रही वो सवाल आज भी लोगों के कम न हो रहे लव-कुश अपनी माँ की विवश्ता पे रो रहे अछुत रहे रावण को हर वर्ष जलाया जाता हे सत्य पे असत्य के जीत का विश्वास दिलाया जाता है पर उसी पुतले के नीचे कई सीता जलते देखा है लोगों के जिव्हा के द्वारा रावण को निकलते देखा है फिर ठोकर खा घर से सीता वन को अकेले जाती है नयन के अश्रु, हृदय की पीड़ा जाने कैसे छुपाती है नियति वही कहानी हर रोज घर-घर दोहराती है थक हार अंत में उसे फिर माँ की गोद बुलाती है। -अजय #sita #ramayan #ram
Adarsh
सीता जीवित मिली ये राम की ताकत थी, पर पवित्र मिली ये रावण की मर्यादा थी । #ram #sita #ramayan
Kavi niketan
त्याग किया सीता बनकर तो मैला मुझको बतलाया , उस रावण का क्या पौरुष था जो धोखे से मुझको हर लाया । महलों से खुद को दूर रखा और कुटिया में सांसे भरती थी, मेरे राम कभी तो आएंगे बस यही दुआ मैं करती थी !! पुरषोत्तम की शंका बनकर जीना भी मुझको ना भाया, अग्निकुंड में जा बैठी जब संकोच पुरुष का गहराया !! उन लपटों से पौरुषता की दुविधा ना फिर भी जल पाई, मैं रघुवंशी रघुवर से बिछड़ी और घोर गहन में चल आई !!! अब पीड़ा और परित्याग के संग ही मुझे बसेरा लगता है, कहीं छुपा इस भीड़भाड़ में जीवन मेरा लगता है !! कवि निकेतन पूरी कविता Youtube/kaviniketan पर ! #ramayan #Sita #सीता
Ambesh Baba's creation
सत्य और धर्म साथ हो तो, एक मामूली सा तिनका भी चन्द्रहास पर भारी पड़ता है। ©Ambesh Baba's creation #WinterSunset #AshokVatika #Sita #Ramayan_Stories #ramayan
Ravi Bhushan Thakur
“इन्सान तो हर घर में पैदा होते है, लेकिन इंसानियत कहीं-कहीं जन्म लेती है” ©Ravi Bhushan Thakur #ramsita #Ramsiya #Ram #ramayan #Sita
Er.Sweeti Verma
सौंप दी है लाज तुम्हारे हाथ, बचा लो तो तुम्हारी शान,ना बचा पाओ तो तुम्हें धिक्कार। चीर खींच रहा दुशासन,पांचों पति मौन बैठे है कैसा ये पृशासन। हे गिरधारी मुझे तेरा सहारा,मैंने तो तुझको ही पुकारा। जब उंगली कटी तुम्हारी,मैंने अपनी रेशम साड़ी फाड़ी। अब आई तेरी बारी,फर्ज निभाओ गिरधारी। दुशासन चीर खींचने लगा,तो दृोपती दहाड़ के रोई। बढ़ गया चीर,कम न पड़़ पाया। दृोपती ने आँख उठाकर देखा तो ऊपर कान्हा नजर आया। कैसे ना आता सखी बचाने तेरी लाज, सच्चे दिल से जो पुकारा तूने आज।@Sweeti #Cheer haran
#cheer haran
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