Find the Latest Status about पुस्तकात कपडे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पुस्तकात कपडे.
Mukesh Poonia
अगर गंदे औरे मैले कपडे से हमे शर्म आती है, तो गंदे और मैलो विचारो से भी हमे शरम आनी चाहिए। . ©Mukesh Poonia अगर #गंदे औरे #मैले #कपडे से हमे #शर्म आती है, तो गंदे और मैलो #विचारो से भी हमे #शरम आनी चाहिए।
Praveen Storyteller
एक आम आदमी : बड़े गर्व की बात है चंद्रयान आज अपने सफर पर निकल रहा है, दुआ है के सफलतापूर्वक वो चाँद पर उतर जाए. में एक आम आदमी हूँ , वो आदमी जो बाढ़ में अपना घर छोड़ आया है , वो आदमी जिसके बच्चो के पास आज छत नहीं है , खाने को 2 वक़्त का खाना नहीं है , पहनने के लिए ढंग के कपडे नहीं है , शिक्षा के नाम पर बस्ते में 2 किताब तो है, पर शिक्षा नहीं है, अस्पतालों के नाम पर हेल्थ कार्ड तो है पर उसको कोई मानता नहीं है,.. चंद्रयान के चाँद पर पहुंचने के बाद चाँद मुझे ये सब तो दे देगा ना ? ©Praveen Storyteller एक आम आदमी : बड़े गर्व की बात है चंद्रयान आज अपने सफर पर निकल रहा है, दुआ है के सफलतापूर्वक वो चाँद पर उतर जाए. में एक आम आदमी हूँ , वो आदमी
Sarfaraj idrishi
रंग छोड़ते कपडे और रंग बदलते लोग, कितने भी ब्रांडेड हो दिल से उतर ही जाते हैं। ©Sarfaraj idrishi #addiction रंग छोड़ते कपडे और रंग बदलते लोग, कितने भी ब्रांडेड हो दिल से उतर ही जाते हैं।
Mukesh Poonia
अगर गंदे औरे मैले कपडे से हमे शर्म आती है, तो गंदे और मैलो विचारो से भी हमे शरम आनी चाहिए। . ©Mukesh Poonia #WoRaat अगर #गंदे औरे #मैले #कपडे से हमे #शर्म आती है, तो गंदे और #मैलो #विचारो से भी हमे #शरम आनी चाहिए।
N S Yadav GoldMine
अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस की कहानी {Bolo Ji Radhey Radhey} 🍄 एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण था। वह गांव से भिक्षा मांग कर अपना गुजरा करता था। उसके पास सर्दी और गर्मी के लिए भी पर्याप्त कपडे नहीं थे। एक दिन जब वह भिक्षा मांगने के लिए गांव गया तो एक यजमान ने उसे बैलों की जोड़ी भिक्षा में दी। 🍄 ब्राह्मण ने भी उसे उन्हें भिक्षा मांग-मांग कर घी और अन्य सामान से उन्हें बहुत तगड़े बना दिया। लेकिन ब्राह्मण के घर से गुजरते हुए एक चोर ने उन्हें देख कर सोचा- इन बैलों को मैं आज रात चोरी करूँगा और इन्हे बेचकर बहुत धन कमाऊंगा। 🍄 चोर रात में ब्राह्मण के घर को निकल पड़ता है लेकिन रस्ते में उसे एक लाल आँखों वाला, लम्बी नाक वाला, बड़े-बड़े दांतो वाला और सुखी हुयी चमड़ी वाला बहुत तगड़ा राक्षस दिखाई पड़ता है। चोर उससे डर जाता है वह भागने ही वाला होता है कि राक्षस उससे पूछता है – अरे! तुम कहाँ जा रहे हो। 🍄 चोर डरता हुआ कहता है- मैं ब्राह्मण के घर बैलों की चोरी करने के लिए जा रहा हूँ। राक्षस कहता है -तुम डरो मत हम एक ही काम करते है तुम बैल चुरा लेना और मैं ब्राह्मण को खा लूंगा इसलिए हम इकट्ठा चलते हैं। 🍄 दोनों ब्राह्मण के घर पहुँच जाते हैं और राक्षश कहने लगता है -पहले मुझे ब्राह्मण को खाने दो, अगर बैलों की चोरी करते समय आवाज हुयी तो वह जाग जायेगा और मुझे भगा देगा। चोर कहता है – नहीं पहले मुझे बैलों की चोरी करने दो अगर ब्राह्मण को खाते समय तुमसे कोई गलती हो गयी तो वह उठ जायेगा और हमें भगा देगा। 🍄 दोनों में शत्रुओं की तरहं लड़ाई हो जाती है और शोर-शराबे से ब्राह्मण जाग जाता है। राक्षश को देख वह अपने देवता के मन्त्रों के उच्चारण लगता है, मंत्रो की शक्ति से राक्षस भाग जाता है और चोर को तो वह डंडे से ही डरा कर भगा देता है। कहानी की शिक्षा:- 🍄 आपस में लड़ते हुए शत्रु हितकारी होते हैं जैसे चोर और राक्षस ब्राह्मण के शत्रु थे अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर उन दोनों के बिच से ब्राह्मण फायदा उठा गया। ©N S Yadav GoldMine #boat अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस क
How's The Josh?
Madhumati Kinikar
आयुष्याच्या पुस्तकात एक पान माझं ही असू दे. पानावर त्या माझ्या लेखणी तुझी थांबू दे. शब्द सगळे तुझेच ओळ माझ्यासाठी ही असू दे. भाव मी न पाहिलेले एकदा स्पर्शून पाहू दे. वाचताना आयुष्याचं पुस्तक मला ही तुझ्या संगे वाहू दे. अनुभवता जे आलं नाही ते थोडं जगून घेऊ दे. शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे आयुष्याच्या पुस्तकात... #आयुष्याच्यापुस्तकात चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai #स्वरचितकाव्य लिहीत राहा.
Prerana Jalgaonkar
गोष्टी सहज सहज शक्य होतील(लेख👇) बाहेर गावावरून आल्यावर भरमसाठ कपडे पडतात. मशीनला लावल्यावर दोनदा तीनदा नक्कीच राउंड लागतात.मीही बाहेरून आले अन् बॅगभर कपडे पडले धुवायला.कपडे
Prerana Jalgaonkar
मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे... हैरान हूं मैं.... इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा जो हमेशा मापकर ही बताया जाए... या फिर गोल, त्रिकोण आकार हूं मैं... हैरान हूं मैं ,आखिर कौन हूं मैं...? हर कोई अलग अलग सभ्य ,असभ्य, शिष्ट,अशिष्ट परिभाषा का इस्तेमाल करते हैं हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...? कोई तिखा, मिठा,नरम , कुरकुरा, थंडक या फिर गरम पदार्थ हूं मैं...या फिर शिकारी के लिए एक जंगली जानवर हूं मैं... हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...? कोई मुझे बताए ...आखिर कौन हूं मैं...??? --प्रेरणा मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे... हैरान हूं मैं.... इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा जो हमेशा मापकर ही बताया जाए... या फिर गोल, त्रिको