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Shubham akkeyji
White जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है... ©Shubham akkeyji #love_shayari जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है...
#love_shayari जिंदगी में सबसे बड़ा Challeng उसी काम को करने में आता है, जिसे देखकर लोग कहते हैं... यह तुम्हारे बस का नहीं है...
read moreSANIR SINGNORI
Unsplash 'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर' . ©SANIR SINGNORI 'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book
'कल' की डोली उठाने के लिए, 'आज' को कंधा दे रहे हैं लड़के अजीब दास्तां है ज़माने की 'सानिर'#Book
read moreKulvant Kumar
इंसान ने जिंदगी में, प्रेम की ऐसी कल्पना बनाई है जिसे वो सिर्फ दूसरों की "Personality" में ही ढूंढता रहेता हैं
read moreShiv Narayan Saxena
White ईश्वर के इस जग विधान का, ईश्वर भाग्यविधाता है। पाप-पुण्य से अलग आत्मा, ईश्वर रूप कहाता है।। वर के मद में चूर मगर जब, ईश्वर से टकराता है। ईश्वर जिसे दंड देता है, उसको कौन बचाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है hindi poetry
#Sad_Status ईश्वर दंड जिसे देता है hindi poetry
read moreF M POETRY
White साँसों में धड़कनों में बसे हो मेरे सनम.. मुमकिन नहीं की भूल पाएं इस जनम में हम.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #साँसों में धड़कनों में..
#साँसों में धड़कनों में..
read moreShiv Narayan Saxena
White दुनिया माया जाल है, सच बस है हरि नाम। जिसे समझना ही नहीं, माया ही परिणाम।। 'शौक' पठन-पाठन कहीं, पढ़ने का न उपाय। जिसे समझना ही नहीं, गुरु भी उसे पढ़ाया।। जाग सके यदि सोय तो, कुंभकरण किन कोय। जागे कैसे जान जो, ऑंखें भींचे होय।। जीवन करम का फेर है, सुख-दुख हैं परिणाम। समझे अब हित मानते , बाकी खट्टे आम।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night जिसे समझना ही नहीं hindi poetry
#good_night जिसे समझना ही नहीं hindi poetry
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी कानूनों से हाथ बाँधकर अराजक व्यवस्था पनपी है मनमाना रवैया सरकारों का जनता के अरमानों की हदे तोड़ी है अपराध जगत सियासतों के हाथों में जब चाहे तब दंगो और बलबा करके रोटियाँ राजनीतिक सेकी है दूषित चरित्र राजनेताओं के हो तो कैसे सभ्य समाज बन सकता है अपराधबोध जिसे ना हो अपनी करनी का वो देश समाज का किया भला कर सकता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का
#love_shayari अपराध बोध ना हो जिसे अपनी करनी का
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