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Rajesh Khanna
मेरे यार ने बताई थी वो दवाइयां इश्क की उसे तो आराम मिल गया पर मुझे नही मिला मैने दूसरे यार की राय ली पर अब के इश्क की नही उसके पास दिल टूटो की दवाई थी मैने अब के वो ले के देखी उससे तो बहुत आराम मिला ©Rajesh Khanna #Travel दबाई
Shajan ji
White गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती, सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती, मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त, प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती। . ©Shajan ji #nightthoughts #Shayari प्यार के जख्मो की कोई दबाई नहीं होती...
Chirag Sanghvi
दिल के समंदर में उठने वाली हर मौज दबाई है, भीड़ से अपनी अज़लत, मैंने हर रोज़ छिपाई है, यूं ही आफ़रोज़ नहीं हो गया है ये 'चिराग' यारों, मैंने जलते दिल के नीचे, उसकी सोज़ दफनाई है। दिल के समंदर में उठने वाली हर मौज दबाई है, भीड़ से अपनी अज़लत, मैंने हर रोज़ छिपाई है, यूं ही आफ़रोज़ नहीं हो गया है ये 'चिराग' यारों,
yogesh atmaram ambawale
हर बुराई के आगे सच्चाई को मात दी जाती हैं, पैसा है यह,इससे हर बात छुपाई जाती हैं| लगाकर मुँह पर पैसों का ताला,ख़ुद की गलती बताई जाती हैं, बेआबरू होती है जो,पैसों से उसकी आवाज़ दबाई जाती हैं| Collab in caption only 🙏 For shootout Hllw Mitra's ❣️ Collab on this #flbgppt or #flbgppt525 and decorate with your beautiful words ❤️ #r
bhawna saini
.पिता का दर्द मौन रहा वो पिता बहुत सी बात पर ना कह कर कभी उसने मन की अपनी व्यथा बतलाई दो लिवाज में बीत गई तमाम उम्र उसकी चंद पैसे बचाने में जाने कैसे उसने अपनी ख्वाहिशें दबाई ज़ख्म को अपने छुपा लिया उसने सबसे खुशियों को अपनी अक्सर नज़र अंदाज़ करता रहा वो बड़े अदब से ना सुन पाया सिसकियां उसकी कोई भी, वो जीता रहा हर हाल में दिए में बाती की तरह स्वयं को जला कर उसने है दुनिया अपनों की जगमगाई कहां जाना किसी ने उस पिता के दर्द को जिसने खून पसीना बहा कर अपना मुश्किल से दाल रोटी जुटाई ©bhawna saini .पिता का दर्द मौन रहा वो पिता बहुत सी बात पर ना कह कर कभी उसने मन की अपनी व्यथा बतलाई दो लिवाज में बीत गई तमाम उम्र उसकी चंद पैसे बचाने
Jyotshna Rani Sahoo
### पर मैं अब शादीशुदा हूं ### (अनुशीर्षक में पढ़े) ###पर मैं अब शादीशुदा हूं ### कुछ अरमान सजाई हूं में तमन्नाओं को दबाकर ख्वाबों को सुलाकर अपनी अंदर की औरत को जगाई हूं मैं।
Anupama Jha
घर के किसी कोने मे दबी दबाई सहमी सकुचाई मुझे मिली पड़ी पुरानी "रफ कॉपी" बचपन का किस्सा है स्कूल का अहं हिस्सा है यह "रफ कॉपी" (पूरी कविता कैप्शन में) #tpmd#YQbaba#schooldaysmemories#NaPoWriMo घर के किसी कोने मे दबी दबाई सहमी सकुचाई मुझे मिली पड़ी पुरानी