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VIIKAS KUMAR
Q- गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए ? Ans:- धर्म शास्त्रों के मुताबिक किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है. मान्यता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस घर में 13 दिनों तक उसकी आत्मा रहती है और उस आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है. ताकि उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सके. लेकिन गरुड़ पुराण किसी व्यक्ति की मृत्यु से पहले भी पढ़ा जा सकता है. ©VIKAS KUMAR #गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए
VIIKAS KUMAR
गरुड़ पुराण के अनुसार ये 5 आदतें बनाती हैं कंगाल! गरुड़ पुराण की 5 बातें जो बनाती हैं कंगाल: 1. गंदे कपड़े पहनना गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई हर समय गंदे कपड़े पहनता है तो मां लक्ष्मी उनसे नाराज रहती हैं. मां लक्ष्मी को साफ-सफाई बहुत पसंद है. वह ऐसे घर में वास करती हैं जहां स्वच्छता बनी रहती है. 2. दूसरों में कमियां निकालने वाला गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग स्वभाव से आलोचना करने वाले होते हैं तो उनके जीवन में दरिद्रता बनी रहती है. इस स्वभाव में बेवजह चीखने चिल्लाने वाले, दूसरों की बुराई करने वाले और बुरा बोलने वाले शामिल हैं. 3. सूर्योदय के बाद तक सोने वाले गरुड़ पुराण के अनुसार, ज्यादा देर तक सोने वाले लोग आलसी होते हैं. ऐसे व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां होती हैं इसलिए अपने काम को करते वक्त आलस को बिल्कुल ही दूर कर दें. 4. धन का घमंड गरुड़ पुराण के अनुसार, जिस इंसान को उनके पास होने वाले धन का घमंड हो जाता है वह बौद्धिक रूप से कमजोर होता है. ऐसे लोगों के घर लक्ष्मी माता ज्यादा समय तक वास नहीं करती हैं. 5. मेहनत से बचना गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति परिश्रम से जी चुराते हैं, उन्हें सौंपे हुए कामों को ठीक से नहीं करते हैं तो माता लक्ष्मी नाराज को होती ही हैं साथ ही साथ जो लोग मेहनत ना करके दूसरों को नीचे गिराने की कोशिश करते हैं. उनसे सफलता दूर भागती है. ©VIKAS KUMAR #गरुड़ पुराण के अनुसार ये 5 आदतें बनाती हैं कंगाल!
OMG INDIA WORLD
*विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता :- भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी। चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे। उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की द्रष्टि से देखा गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे। गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोस दूर एक जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया और खुद वापिस कैलाश पर आ गया। आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था कि वो इतनी जल्दी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी होगी।" गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी भी चतुराई की जाए।" ©OMG INDIA WORLD *विधि का विधान कोई टाल नहीं सकता :- भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।
Pratima pandey
मनुष्य अपने अच्छे गुणों के कारण ही श्रेष्ठता को प्राप्त होता है, ऊंचे आसन पर बैठने के कारण नहीं। राजभवन की सबसे ऊंची चोटी पर बैठने पर भी कौआ कभी गरुड़ नहीं बन सकता। ©Pratima pandey #friends मनुष्य अपने अच्छे गुणों के कारण ही श्रेष्ठता को प्राप्त होता है, ऊंचे आसन पर बैठने के कारण नहीं। राजभवन की सबसे ऊंची चोटी पर बैठने
umar SHAIKH
ऐ माह-ए-शब-ए-चार-दहुम घर के, हमेशा तू घर का मेहताब रहे शोहरत हो तेरी चारो आेर , तुझ में नुर-ए-आफताब रहे कामियाबी मिले हर राह पर , हर इम्तेहान में तू कामियाब रहे पोहंचे तरक्की की बुलंदी को , तुझ में परवाज़-ए-उकाब रहे कोई गम ना हो ज़िन्दगी में , खुशियों से दुनिया तेरी आबाद रहे तू रहे सलामत सदा , रहमतों से दामन तेरा शाद रहे जहां भर की नियामतें हो मयस्सर, दुनिया के सामने बेनियाज़ रहे तू रहे तंदरुस्त सदा , उमर तेरी दराज़ रहे बारगाह-ए-हक के सामने , हक में तेरे दुआ है 'उमर' की सज्जाद है नाम तेरा , खुदा के आगे हमेशा सज्जाद रहे #दुआ माह-ए-शब-ए-चार-दहुम - चौदहवीं का चांद मेहताब - चांद नुर-ए-आफताब - सूरज की चमक परवाज़-ए-
Umar Shaikh
#दुआ माह-ए-शब-ए-चार-दहुम - चौदहवीं का चांद मेहताब - चांद नुर-ए-आफताब - सूरज की चमक परवाज़-ए-
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
ओम पित्र देवाय नमः ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust ।। शांति संदेश।। 🌹🌹 प्रेमा भक्तिपथ🌹🌹 गरुड़ पुराण की 7 बातें याद रखेंगे तो कभी मात नहीं खाएंगे.. -By Dr. Krishna Mohan ji गरुड़ पुराण के बार
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
Vikas Sharma Shivaaya'
'गरुड़:- गिद्ध की जाति का एक प्रकार का बहुत बड़ा पक्षी जो पुराणों में पक्षियों के राजा भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है..., सफेद रंग का एक प्रकार का जल पक्षी जिसे पड़वा ढेक भी कहते हैं..., प्राचीन भारत की एक प्रकार की सैनिक व्यूह रचना..., गरुड़ कश्यप ऋषि और उनकी दूसरी पत्नी विनता की सन्तान हैं..., गरुड़ प्रतीक है दिव्य शक्तियों और अधिकार का-भगवद् गीता में कहा गया है कि भगवान विष्णु में ही सारा संसार समाया है..., विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 598 से 609 नाम 598 संक्षेप्ता संहार के समय विस्तृत जगत को सूक्ष्मरूप से संक्षिप्त करने वाले हैं 599 क्षेमकृत् प्राप्त हुए पदार्थ की रक्षा करने वाले हैं 600 शिवः अपने नामस्मरणमात्र से पवित्र करने वाले हैं 601 श्रीवत्सवक्षाः जिनके वक्षस्थल में श्रीवत्स नामक चिन्ह है 602 श्रीवासः जिनके वक्षस्थल में कभी नष्ट न होने वाली श्री वास करती हैं 603 श्रीपतिः श्री के पति 604 श्रीमतां वरः ब्रह्मादि श्रीमानों में प्रधान हैं 605 श्रीदः भक्तों को श्री देते हैं इसलिए श्रीद हैं 606 श्रीशः जो श्री के ईश हैं 607 श्रीनिवासः जो श्रीमानों में निवास करते हैं 608 श्रीनिधिः जिनमे सम्पूर्ण श्रियां एकत्रित हैं 609 श्रीविभावनः जो समस्त भूतों को विविध प्रकार की श्रियां देते है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' 'गरुड़:- गिद्ध की जाति का एक प्रकार का बहुत बड़ा पक्षी जो पुराणों में पक्षियों के राजा भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है..., सफेद रंग का एक प्
N S Yadav GoldMine
बता दें जिस ग्रंथ के बारे में हम बात कर रहे हैं, वो है विष्णु जी को समर्पित गरुड़ पुराण। ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि इसमें केवल मृत्यु से जुड़ी बातें ही लिखी गई है परंतु ऐसा नहीं है, इसमें मानव जीवन से जुड़ी और भी कई बातों का विवारण किया गया है। चलिए जानते क्या है वो बातें, जिन्हें करने वालों को कभी जीवन में सफलता प्राप्त नहीं होती। {Bolo Ji Radhey Radhey} अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोगों के स्वभाव में होता है कि वह दूसरों को अक्सर पैसे उधार देते रहते हैं। कुछ लोग तो ये भी जानने की कोशिश नहीं करते कि सामने वालो को वाकई में पैसों की ज़रूरत है भी या नहीं। इसी के चलते पैसे उधार मांगने वाला व्यक्ति ऐसे लोगों का फायदा उठा लेता है। इतना नहीं अपने इसी स्वभाव के कारण ऐसे लोग अपनी कम आय होने पर भी दूसरों को दान या पैसे देते रहते हैं। जिस कारण वे हमेशा अपने जीवन में दुखी रहते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति को अपनी क्षमता से ज्यादा किसी को दान नहीं देना चाहिए ©N S Yadav GoldMine बता दें जिस ग्रंथ के बारे में हम बात कर रहे हैं, वो है विष्णु जी को समर्पित गरुड़ पुराण। ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि इसमें केवल मृत्यु