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Sabir Khan
वैचारिक शून्यता ही घिनौनेपन को जन्म देती है। परिणाम की परिकल्पना अपराध से बचाती है। वैचारिक शून्यता
Md Wjair Hussain
वैचारिक मतभेद को दरकिनार कर विमर्श को ज्ञान विज्ञान की अहम कड़ी मानता हूँ। वैचारिक विमर्श#
Kamlesh Gupta Nirala
*वैचारिक दृष्टिकोण* _______________ मन में स्वप्नों का दीप लिए कर्म पथ पर चलता चल आशावादी दृष्टिकोण लिए कर्तव्यों का निर्वहन करता चल है तू प्रेरणा की ज्योति कर्मठता और विश्वसनीयता की प्रतिमूर्ति मन में स्वप्नों का दीप लिए कर्म पथ पर चलता चल तू हीं बनेगा विजेता तू ठान ले तू मान ले संकल्प तू बाँध दृढ़ इच्छाशक्ति के आयामों से, पहल कर विस्तार दे बाधाओं को चीर कर स्थापित कर नवल कीर्तिमान स्तम्भ है ,तू समाज का विस्थापितों का कर्णधार तू पुनः अब संचार भर क्षमताओं का पूर्ण सोहन कर विप्लव गान बहुत हुआ अब नवनिर्माण की नींव रख मन में स्वप्नों का दीप लिए कर्म पथ पर चलता चल आतताइयों के उत्पात को , अब तुझे कुचलना है क्रांति की अलख जगा सरोकार का संवाद कर मन में स्वप्नों का दीप लिए कर्म पथ पर चलता चल विडंबनाओं से ना हार तू अडिग ,अटल पथ प्रशस्त कर ऊर्जस्विता की अनुपम छटा से नवयुग का निर्माण कर मन में स्वप्नों का दीप लिए कर्म पथ पर चलता चल 🖋कमलेश निराला ©Kamlesh Gupta Nirala वैचारिक दृष्टिकोण #Dark
Ek villain
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी चाहिए न्यून की नई कुलपति के रूप में प्रवेश अशांति श्री डोली उड़ी पंडित की नियुक्ति के विरोध में उठा रहे आवाज शांत होने का नाम नहीं ले रहे शांति श्री देश की प्रतिष्ठा उच्च शिक्षा संस्थान के कुलपति के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला शिक्षा वादे है वह इस विद्यालय की पूर्व छात्र भी है इसलिए यह भी उपलब्ध है विशेष रूप से स्वागत योग्य है परंतु उनकी नियुक्ति अंदर संक्षेप लेफ्ट लीवर बुद्धिजीवी कुछ सामाजिक कार्यकर्ता हैं और आत्मा जातिवादी नेताओं को रास नहीं आ रही परमेश्वर शांति श्री ने कुलपति नियुक्ति किए जाने के बाद अपनी कार्यशैली प्राथमिकता और भावी योजनाओं के बारे में मीडिया में एक बयान जारी किया मंत्री ने बनाए जाने के बाद से मोदी सरकार के खफा चल रहे वरुण गांधी ने इसमें व्याकरण की अशुद्धि को व्यक्त करते हुए उनके अंग्रेजी भाषा ज्ञान पर सवाल खड़े किए और उसे निरक्षरता का प्रदर्शन करा दिया इसी तरह का तिथि किसान नेता योगेंद्र यादव ने उनके ऊपर किए कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने भी जेएनयू कुलपति शांति शिक्षा अंग्रेजी ट्यूशन की जरूरत होने के बाद कहते हुए उनका माहौल खड़ा यह मंडली उसके बयान का पोस्टमार्टम करते समय अंग्रेजी भाषा उनके विचारों और औरतें औपचारिक होते हैं सब बता विरोध के जो हमें भूल गए की भाषा माध्यम मात्र हैं मूल नहीं ©Ek villain #वैचारिक का नया अध्ययन #Nofear
Ek villain
कांग्रेस की स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए एक बार फिर वह सब कुछ कहा जो है पहले भी कई बार कह चुकी है उनके एक ऐसे कथन नए नहीं है कि देश का आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहा है और संविधान को दी दरकिनार किया जा रहा है उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय लोकतंत्र की परंपरा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है उनके इस कथन से संसद के शीतकालीन सत्र का समरण हो आना स्वभाविक है जिस पक्ष और खासकर कांग्रेस की हंगामे के कारण समय से 1 दिन पहले खत्म करना पड़ा सवाल उठेगा कि आखिर इस हंगामे से कौन सी संसदीय परंपरा समृद्धि हुई सोनिया गांधी की ओर से एक और औषधीय जा रहे हैं एक जैसे बयान यही बताते हैं कि कांग्रेसमें शीर्ष स्तर पर ही विचार का भाव है भले ही सोनिया गांधी ने यह कहना कि कांग्रेस भाजपा से अपनी औपचारिक लड़ाई जारी रखेगी लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर देश के इस सबसे पुराने दल की विचारधारा क्या है आज की कांग्रेस अपनी मूल विचारधारा से इतना भटक चुकी है कि किसी एक के लिए और यहां तक कि खुद कांग्रेश जनों के लिए भी यह समझना कठिन है कि कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व कर रही है जो राहुल गांधी कुछ समय पहले मंदिरों की दौड़ लगा रहे थे और खुद को जनेऊ धारी ब्राह्मण साबित करने में लगे हुए थे वह पिछले कुछ समय से हिंदू और हिंदुत्व में अंतर बताने में अलग हुए हैं यह भी किसी से छिपा नहीं कि कांग्रेस किस तरह वामपंथी विचारों को आत्मसात आ कर चुकी है वह न केवल उद्यमियों के साथ अधम शीलता पर प्यार वार करने लगी हुई है जबकि गरीबों को गरीब बनाए रखने वाली नीति का पोषण कर रही कांग्रेश हो या कोई अन्य दल वह अपनी लड़ाई तभी लड़ सकता है जब खुद उसकी वह अपनी विचारधारा सम स्पष्ट हो समस्या केवल यही नहीं है कि कांग्रेस अपनी विचारधारा को लेकर असमंजस से ग्रस्त है बल्कि यह भी है कि वह नए टैब कर पा रही है कि पार्टी का संचालन कैसे किया जाए यह क्या विचित्र नहीं है सोनिया गांधी ने पार्टी के संस्थापक देशों के मौके पर ऐसे कोई रोशन के दिन आवश्यक नहीं समझा कि वह कब तक अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेगी और कांग्रेस को अलग अध्यक्ष कब मानेगी ऐसे कोई संकेत ना मिलने से यही स्पष्ट होता है कि वह कामचलाऊ व्यवस्था कायम रखेगी जो सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद से लागू और जिस तहत राहुल गांधी पद के पीछे से पर्दा चल रहे हैं ©Ek villain # कांग्रेस की वैचारिक लड़ाई #sharamkaro
Ek villain
गीता कार मजरूह सुल्तानपुरी को एक बार उनके एक कविता के लिए जेल भेज दिया गया तब कांग्रेसमें शासन था और नेहरू जी प्रधानमंत्री थे संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव न के दौरान यह बात कही कि कुछ बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया नरेंद्र मोदी को बेहतरीन कार बता दिया गया विमान माने जाने वाले कुछ तारों ने प्रधानमंत्री को लेकर अन्य कि प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में दिए गए व्यक्ति लता मंगेशकर के भाई हवा कविता को लेकर प्रकाश वाणी से निकाले जाने का उदाहरण दिया वहीं अनेक बातों को लेकर आरोप लगाने वालों ने जो उसके मुताबिक अतिथियों को जान लेते हैं कि मैं जरूर की गिरफ्तारी किस वजह से हुई थी आजादी के बाद वामपंथियों का सरकार के खिलाफ विद्रोह चल रहा था अलग-थलग क्षेत्र में काम करने वाले कम्युनिस्ट विरोधी में शामिल हो रहे थे हिंदी फिल्म जगत भी उसमें अछूता नहीं रहा था सिनेमा से जुड़े कुछ लेखक गीता कार्ड निदेशक और लेकर गीता कार निर्देशक और अभिनेता भी कुछ आता नहीं साले रहते मजूरू उनमें से एक थे मैं जरूर जिस कवि गोष्ठी अनुसार में जाते थे तो एक कविता वैश्य पढ़ते थे ©Ek villain #वैचारिक दासता से मुक्ति केंद्र करा #kissday
Ek villain
धर्म शास्त्रों में मानव जन्म सर्वश्रेष्ठ बताया गया है इसका कारण है कि मनुष्य के पास विचार सकती है इसके शब्द प्रयोग से मनुष्य श्रेष्ठ बन सकता है तो दूर प्रयोग से अधम भी हो जाता है इस दुरुपयोग से बचने के लिए शास्त्रों में अनेक उपाय बताए गए हैं उन निषादों का भी उल्लेख किया गया है जो मनुष्य के लिए घातक हैं जीवन में कोई अप्रिय स्थिति आती है तो रामचरितमानस का दोहा है सोनू भरत भावी प्रबल खली मुनि नाथ हनी लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ उद्घाटन करते हुए विधता को जिम्मेदार ठहराया गया जाता है यह विधि का अर्थ यहां विधि का अर्थ व्यवस्था कहकर भगवान को जिम्मेदार ठहराने की जगह विधिक जीवन पद्धति से लिया जाना चाहिए मनुष्य का नहीं प्राकृतिक और जड़ पदार्थ का अपना-अपना नियम है पेड़ पौधे अपने नियमित समय पर फल फूल देते हैं इसी तरह धरती पर सभी देशों की अपनी-अपनी विविध व्यवस्था है घर परिवार की विविध व्यवस्था अलग है यहां तक कि मनुष्य भी अपने जीवन जीने के लिए विविध व्यवस्था का पालन करता है जब संविधान मनुष्य खुद कर रहा है तो जिम्मेदार भगवान कहां से हो जाएगा मनुष्य खुद देखें तो जो भी लोग लाभ में है वह कैसे लाभ में है और जिन्हें हानि हुई है वह क्यों हुई है व्यक्ति सकारात्मक जीवन और परिश्रम करता है तो उसे लाभ मिलता है और नकारात्मक तरीके से लाभ चाहता है तो उसे हानि की पूरी संभावना रहती है लाभ हानि का मूल्य कान केवल भौतिक धरातल पर नहीं करना चाहिए सुख शांति नहीं है जीवन में तो यह भी हानि ही है इसी तरह जीवन मरण तथा यश अपयश के लिए विविधता कहीं से जिम्मेदार नहीं होता विविध व्यवस्था के पक्ष घर पांडवों और विधि के पक्ष घर को रो के बीच युद्ध हो रहा है मनुष्य को भी खुद विवेक को सारथी बनाकर विधायक नियमों के रथ पर सवार होना चाहिए उसे लगेगा कि अपने भाग्य का भगवान में स्वर्ग ही है ©Ek villain #वैचारिक शक्ति मनुष्य के जीवन में #Diwali
Priya Shukla
दमन के ख़िलाफ़ अभियान रायपुर के गास मेमोरियल में तो आइए कल इस वैचारिक चर्चा में हिस्सा होने
Ek villain
बचत का अर्थ है आत्म नियंत्रण नियंत्रण से ही बचत का मार्ग सुलभ हो सकता है यह नियंत्रण बस संतुलन का स्वभाव है और संतुलन दो पूरी तरह अभ्यास का पार्क से संतुलन का अभ्यास किया जाए मन का संतुलन मस्ती का संतुलन और शरीर का संतुलन बचत के सोच से ही संतुलन का भाव उत्पन्न होता है बचत एक वैचारिक उपक्रम है जो प्रत्येक कार्य के लिए तकनीकी की तरह प्रयोग में लाया जा सकता है ©Ek villain #desert बचत एक वैचारिक उपक्रम है जो प्रत्येक कार्य के लिए तकनीकी की तरह उपयोग में लाया जा सकता है तो क्या
अदनासा-
स्वयं के अस्तित्व हेतु अपितु धरातल ही चाहिए अतः संसार में समस्त अस्तित्व को स्वीकार कर लिया कर परंतु प्रत्येक प्रश्न का केवल एक उत्तर सरल है अंततः संसार में समस्त का अस्तित्व स्थायी संभव ही नही है। ©अदनासा- #हिंदी #अस्तित्व #स्थायी #संभव #नही #धरातल #अंततः #Instagram #Facebook #अदनासा प्रस्तुत चित्र एवं चित्र पर शब्दों का चित्रण या वैचारिक काव्