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संगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार 16. (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी त
Anamika
पद्मा..🌹 #googleimage #किरदार_ए_ज़िन्दगी #किन्नर कोई उनको न जाने क्यों अच्छा न समझता था , पर वे जब कभी भी टकराती , मुझे बड़ी भाती थी ,मैं बस उनके माथ
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्ण ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust सुख-सौभाग्य प्रदान करता है यह पद्मा एकादशी व्रत भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी या जयंती एकादशी नाम
संगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #16. (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी
Neha Pant Nupur
श्री गीत गोविंदम 🙏 ©Neha Pant Nupur #GeetGovind 🌹 श्री गीतगोविन्द काव्य में जयदेव ने जगदीश का ही जगन्नाथ, दशावतारी, हरि, मुरारी, मधुरिपु, केशव, माधव, कृष्ण इत्यादि नामों से उल्
Nitin Sharma
" महात्मन " साधु साधारण नहीं सदियों की गाथा हूं मैं । कथनी , करनी , का वाचक हूं मैं ।। मैं हूं निराकार का अंश । मुझमें विलीन है धरणी का वंश ।। आकाश समाया है मुझमें । सा
Abhimanyu Kamlesh Rana
ये जो सदियों से चला आ रहा हो सकता है तुम्हें भा रहा पर अब सुबह का इंतजार नहीं अंधेरे में मशाल जला रहा नव भारत "सम्मान-समानता"चिल्ला रहा शब्द नाजायज़ हैं तुम्हारे डरे हुओं को "हिजड़ों की फौज" कहते हो जोयिता मोंडल,शबनम,मनाबी बंदोपाध्याय, जिया दास,प्रिथिका यशीनी,सत्यश्री शर्मिला इस फौज ने ज़माना बदला तुम शब्दावली बदलो गए वो लोग थे अन्याय सहते जो "चूड़ियां पहन लो" कमजोरी है दर्शाता? तुम्हें जन्म दिया जिसने चूड़ियां पहनती वो माता जिस "मर्द को दर्द नही होता" ना वो भी ये दर्द सहन ना कर पाता साहस होता अगर उसमें चिता संग जलकर खुद दिखाता फिर जो भी कहलाना है कहलाता ये सदियों से चला आ रहा नतीजा लिखने वाला खुद ही प्रथम आ रहा ये हो सकता है तुम्हे भा रहा पर अब सुबह का इंतजार नहीं अंधेरे में मशाल जला रहा नव भारत "सम्मान-समानता" चिल्ला रहा नेतृत्व तो आगे से करना होगा परोसने से पहले खुद चखना होगा ये रात अंधेरी है संग हमारे आपको भी जगना होगा।।। - अभिमन्यु "कमलेश" राणा "सम्मान-समानता" #new one..आप सभी के लिए ये जो सदियों से चला आ रहा हो सकता है तुम्हें भा रहा पर अब सुबह का इंतजार नहीं अंधेरे में मशाल जला