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BANDHETIYA OFFICIAL
नश्वर शरीर का ईश्वर ही मालिक ! नाश हुआ तो आप रहे ये मौलिक, आत्मा परमात्मा में हो ऐसे शामिल, परमेश्वर की जोती जैसे साहिल। @ सरोज रंजन ©BANDHETIYA OFFICIAL नश्वर का ईश्वर ! #Goodevening
नश्वर का ईश्वर ! #Goodevening #विचार
read morepoonam atrey
नश्वर है सँसार, फिर अहंकार काहे का, कोई नही है संग फिर ,ये विचार काहे का, दुःख में साथ नही कोई,पर सुख हर कोई, रिश्ते हैं सारे भ्रम , फ़िर जंजाल काहे का, ख़ाली हाथ आये हैं ,खाली हाथ जाना है, क्यूँ दौलत पे जंग, ये तक़रार काहे का, माटी की देह ,एक दिन माटी में मिल जाएगी, बस मौत है अंतिम सत्य ,ये इंकार काहे का, ये रूप ये काया तो ,मात्र एक छलावा है, एक दिन ढल जाएगा रंग, तो गुमान काहे का, चार दिन की ज़िन्दगी ,क्यूँ पाप में बिताते हो, एक दिन हो जाओगे तंग,ये अभिमान काहे का।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #नश्वर
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
अनुलोम विलोम #Hope
read moreGolu Kr Singh
नश्वर मेरा मन ना रोता है ना हंसता है हर दिन मौत से वास्ता है हैरान-परेशान कशमकश-ए-जिंदगी हर रोज तन्हाई में तड़पता है । ऊंचाइयों की तलाश में गहराइयों में भटकता रहा हूं जन्नत मिलना बहुत कठिन है खुद को नश्वर समझने लगा हूं ।। ©Golu Kr Singh नश्वर #Anhoni
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
यह हमारा रूप और हमारा यौवन समय आने पर सब दे देंगे,जवाब गुरुर किस बात का करते हो प्यारे वक्त आने पर सबके होंगे बंटवारे पर जो सरल और सहज है,जनाब वो यहाँ सूख भी जाये भले,गुलाब अच्छे कर्मों से बनते वो,आफताब बड़ा वो नही,खजूर जैसे ऊँचा है बल्कि वो फल देता है,लाजवाब धन का कितना ऊंचा करो,पहाड़ वक्त आने पर,छीन लेंगे रिश्तेदार यह दुनिया है,बड़ी ही खराब परिवर्तन ही संसार का नियम है जो कुछ आज तेरा यह धन है कल वो दूसरों का होगा,सब है आदमी भाग रहा उसके पीछे, जिसके ऊपर नही कोई छत है इस दुनिया मे सबकुछ नश्वर है एकमात्र बालाजी पूर्ण ईश्वर है जो करते भक्ति,मिलती शक्ति बालाजी देते मनवांछित वर है क्यों चुने फिर कंकर,पत्थर? जब पास में हीरे ट्रक भर है समय रहते साखी,सुधर जा, वृद्ध होने पर नही हो पायेगी, बालाजी की भक्ति जी भर है जाने का जब होगा तेरा प्रहर है साथ होगा,उनका नाम स्वर है बाकी हर रिश्ता,यहां नश्वर है एकमात्र बालाजी पूर्ण ईश्वर है दिल से विजय ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" सब नश्वर #fourlinepoetry
सब नश्वर #fourlinepoetry #कविता
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