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Naz
पंछी हर शाम आसमान पर उड़ते देखा था। छोटी चिड़िया की चहकती झुंड को आती है अभी बड़ी मुश्किल से नजर। तलाशो जब कोसों दूर वीरानीयों पर कहते थे बुजुर्ग हमें बनाती है यह जहां घर। खुशकिस्मती रहती है वहां जीवन भर डर लगता था उसे लोगों तब भी। बनाता था घर बैठक के छप्पर पर सभी आज के बच्चों को पूछो तो चित्र किताबों में। दिखाकर कहेगा क्या है यह वही पंछी हमने तो घोंसलों में अंडों तक से खेला था। रख दिया था खेलकर फिर से वही क्या समझ पाए हो मैं बात कर रही हूं। नन्हे से प्यारे से गौरीया पक्षी की विलुप्त होने की कगार पर है यह प्रजाति। हम सब को बचाना इसको है बहुत जरूरी रो पड़ी थी में पंखे से लगकर गोरिया ने। उड़ने की शक्ति जब मेरे सामने खो दी थी कोशिश की बहुत पर पंखों को ना जोर पाई। हाथ में मेरे उसने आखिरी सांस ली थी बचाना होगा इससे हम सबको मिलकर। खतरनाक चीजों से दूर रख कर मुहिम एक दिल से चलाना होगा। ठंडी स्वच्छ जगहों पर दाना पानी रखना होगा सुंदरता है पक्षी हमारी इस भूमि की। गोरैया तो मानी जाती है घर की लक्ष्मी भी Farah Naz, Joint Secretary ,EW ©Farah Naz #पंछी #गोरिया #सेफगोरिया
शशि कुमार ''गोपाल''
गोरिया चांद के अंजोरिया नियन गोर बाडु हो! तोहर जोड़ केहु नईखे तु बेजोड़ बाडु हो!! ©शशि कुमार ''गोपाल'' #cycle गोरिया चांद के अंजोरिया 🧚♀️
Rohit Sharma
Pnkj Dixit
नीला दुपट्टा पीला सूट गोरिया चली दिल को लूट होती बारिश रिमझिम रिमझिम खाली रिक्शे सी सड़क पे छूट वर्षा सुंदरी का निखरा रुप चांद खिला और निकली धूप कमल शर्मा इश्क का शहंशाह बेधड़क बना हुस्न का भूप ३०/०६/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क' नीला दुपट्टा पीला सूट गोरिया चली दिल को लूट होती बारिश रिमझिम रिमझिम खाली रिक्शे सी सड़क पे छूट वर्षा सुंदरी का निखरा रुप चांद खिला और नि
JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
छत्तीसगढ़ी गीत बरसे सावन पानी हे........ गोरिये तोर जवानी मोर लव फीवर बढ़ा देथे रे ।। 2 ।। तैं मोर गोरिया दिल के चिड़िया उड़ा दिए दिल से रे मैं तोर रानी दिल दीवानी तैं मोर हीरो मजनूं रे सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। गोरिया....... रे ..... मोर दिल ल करे तैं क़ाबू रसिया........ रे...... मोर मन संग तोर लागे रे इंद्रधनुष के लेके सातों रंग तोला मैं रंग देहूं बनके मयूरी हिरदे मोर मया म नाच उठे रे प.. म.. ग.. ध.. स.. रे.. ग.. म..नि.. सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। मोहनी... रे..... तोर पिरित ले भरगे दिल के मोर घड़ा मोहना... रे..... हिलोरे रे मोला तोर पिरित के नदिया रे रिमझिम सावन बर्षा मोर मया म तैं भीग जा रे रिमझिम सावन बर्षा म तोर संग मैं भीग जाहूं रे प.. म.. ग.. ध.. स.. रे.. ग.. म..नि.. सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। #छत्तीसगढ़ी_गीत #jainesh_kumar हे........ गोरिये तोर जवानी मोर लव फीवर बढ़ा देथे रे ।। 2 ।। तैं मोर गोरिया दिल के चिड़िया उड़ा दिए दिल से रे म
Naresh Chandra
मित्रों रचना अनुशीर्षक मे पढ़ें कृपया ©Naresh Chandra अंगना बुहार के द्वार सजाई के गोरिया करे ला श्रंगार सजन अब आवत होहिहै सजन अब आवत होहिहै। नथुनी होठों को चूमे झूमका कानों मे झूमे