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sujeeta
White यू न गुप्तगु कीजिए मुझसे में तो बस दो दिन का मुसाफिर हु ©sujeeta न गुफ्तगू कीजिए
AD Kiran
न सुन्दरता,न चरित्र न है ओ गुनवाण ! न जाने तब भी मेरा पागल दिल कहता है वह है मेरी जान !! ©PAINFUL PHASE. न सुन्दरता,न चरित्र न है ओ गुनवाण ! न जाने तब भी मेरा पागल दिल कहता है वह है मेरी जान !!
Mohan raj
White ना कोई इच्छा, ना कोई भय, ना कोई दुःख, शिव के चरणों में बस शांति है न कामः न भयं न शोकः, केवलं शिवपादयोः शान्तिः अस्ति No desire, no fear, no sorrow, there is only peace in the feet of Shiva Dhnyvaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life lessons shiv bhakti न कामः न भयं न शोकः, केवलं शिवपादयोः शान्तिः अस्ति
ranjit Kumar rathour
बस आज तक हा आज ही तक कल कही औऱ किसी और संग सब खुश है मैं भी उसी में हु लेकिन ये सब कुछ इतना आसान है क्या सोच कर डर जाती हूँ लेकिन यही सच है सब ने मां लिया है और मुझे मानना ही है सदियो से होता आया है सबके साथ इसलिए मुझे भी जाना होगा कितना कुछ छूट जाएगा किसी को क्या मेरे दोस्त मेरे छोटे प्यारे अब कभी कभी आना होगा अतिथियों की तरह मुझ पर मेरा बस नही होगा किसी और कि अमानत कहलाऊंगी मैं बेटी हु न पराई हु न हा पराई हूँ ©ranjit Kumar rathour पराई हूँ न
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh हम अपनी रंजिशें भुला न सके, खफ़ा हैं उनसे बता न सके, ग़ुरूर सामने खड़ा मिलता, चाहकर हाथ मिला न सके, एक पर्दा हमारे दरमियाँ था, पास आए मगर उठा न सके, मिली मग़रूर आँधियाँ जब भी, मशाल थे कि झिलमिला न सके, हरेक लौ से ज़ीस्त चमकाई, खिजां भी हौसला गिरा न सके, दुआओं में थी ख़ैरियत सबकी, प्यार था ये कभी जता न सके, देखकर हाथ में मरहम 'गुंजन', ज़ख़्म अपना कभी छुपा न सके, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #भुला न सके#
Neel
अरे ... ओ ......सुनो ..... न ...... चलो कहती हूँ आज, मैं सिर्फ तेरी हूँ ..... न कभी चाहा तेरे सिवा किसी को, न कभी खोलूँगी ये दिल किसी के लिए, सिर्फ तेरी नज़रों की चाहत है मुझे,,,, खुद को सँवारूंगी सिर्फ तेरे लिए। देखो .. न .... बदलियाँ भी छाई हैं .... बूँदें भी बरसी हैं रुक -रुककर, शाम .....थोड़ी ठहरी है , देखूँ तुझे ,थोड़ा मुड़कर , अब आओ न .. फिर से "न जाने के लिए"....... लौ को जलाकर बैठी हूँ सिर्फ़ अपने परवाने के लिए। बोलो .. न ..... कितना इंतज़ार कराओगे, मेरे इस नाजुक दिल को.. और कितना तड़पाओगे, कब लौटकर आओगे .... दर पे आके बैठी हूँ , तुझको बुलाने के लिए ....... आकर गले लग जाओ न, सिर्फ मेरा कहलाने के लिए। कहो .. न ..... अब और कितना रुलाओगे मेरी इन उदास आँखों को .. और कितना तरसाओगे .... कब इनकी प्यास बुझाओगे, लिये जो सात फ़ेरे हैं ,उन्हें दिल से निभाने के लिए .. आओ न सात जन्मों तक फिर से बँध जाने के लिए। 🍁 हर जनम में मुझे अपना सिर्फ अपना बनाने के लिये,🍁 🍁 आओ न मेरी ज़िंदगी खुशियों से महकाने के लिए।🍁 सच में हाँ ❣️❣️ ©Neel सुनो न...🍁
BS NEGI
जलवे दिखा के हुस्न के, यूँ ना जलाइये होगा करम खुदा का, जरा पास आइये बीमारे दिल कि कुछ दवा हमको बताइये साँसे ये थम ही जाएंगी, हँस कर न जाइये ©BS NEGI यूं न जाइए