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Anand Prakash Nautiyal tnautiyal
कि अगर मन मिलें ! तो मजहब को दोष ना दें। ©Anand Prakash Nautiyal #“मन”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“13/5/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*💫 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*💫 #“परिवार” #“मतभेद”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है,सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/3/2022”*📚 📘 *“मंगलवार”*💫 देखिए ये “जीवन” इतना “बड़ा” भी नहीं है कि आप हर “समस्या” से या “व्यक्ति” के साथ “उलझते” रहो, बस जिसके साथ ये “मन” मिल जाए उसे “नमन” किजिए,“स्मरण” किजिए और जिसके साथ ये “मन” न मिले उसे “दूर” से “प्रणाम” किजिए, यही उचित है आपके लिए, लेकिन इस “मन” से “प्रेम के भाव” को कही भी मत जाने दिजिए, क्योंकि ये “प्रेम” ही अन्त में आपका “उचित मार्गदर्शन” करेगा, इसलिए इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” रखिए और “संबंधों में मधुरता” भी लाइए, और एक बात ये कि “कोशिश” ये भी की जाए जिससे “रिश्तों” दिलो की नजदीकियों वाला हो तो उनकी कुछ “गलतियों” को माफ भी किया जाए... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/3/2022”*📚 📘 *“मंगलवार”*💫 #“जीवन” #“समस्या”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 “प्रेम” ... क्या है ये प्रेम ? “प्रेम” वो भाव है जो एक “सुगंधित पुष्प” की भांति आपके “जीवन” को,आपके “मन” को “आनंद” और “प्रसन्नता” से भर देगा,इसलिए यदि आप “प्रेम” समझना चाहते है तो “प्रेमी के भाव” को समझें,“प्रेम” को “जीना” चाहते है तो “भाव से प्रेम” को जीए, “स्मृतियों” से नहीं,“स्मृतियों” का क्या है ये आज है और आगे जाके शायद नहीं, “समय” के साथ ये “स्मृतियां” मिट जाती है किंतु ये “प्रेम का भाव” सदैव “मन” में रहता है और यही हमारे जीवन का एक “एहसास” भी होता है, ये जीवन प्रेम ही तो है, इतना छोटा सा “जीवन” “प्रेम” करने के लिए कम पड़ जाता है, “घृणा” करके “समय व्यर्थ” क्यो करना, मैं भी यहीं करता हूं आप भी यहीं किजिए, “प्रेम ”कीजिए और “प्रेम” सब में बांटिए, आपको भी “आनंद” और “प्रेम” अवश्य मिलेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“27/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 #“प्रेम” #“सुगंधित पुष्प”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“25/2/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 “मनुष्य” के “जीवन” में “प्रेम” का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, “प्रेम” के विषय में आज मैं एक छोटी सी “बात” आपको बताता हूं कि कुछ लोग किसी से “प्रेम” करते है तो उन्हें लगता है कि उस “व्यक्ति” पर उनका “अधिकार” है, अब उस “अधिकार की भावना” में “फंस” के वे स्वयं “रुष्ट” हो जाते है, कि इन्होंने हमें “स्मरण”(याद) नहीं किया, ये हमसे “बात” करना ही “भूल” गए आदि इत्यादि, किसी को “दिल” में स्थान देना ही प्रेम है, “मनुष्य” को अपनी ओर खींचने वाला यदि “दुनिया” में कोई असली “चुम्बक” है, तो वह है... आपका “प्रेम” और आपका “व्यवहार”, इस “प्रेम” को “मन” में जाग्रत रखिए, सबकुछ सही लगने लगेगा, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“25/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“मनुष्य”* *#“जीवन”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“21/2/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है, सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✨ *21/2/2022*🖋️ 🖊️ *“सोमवार*📘 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
siya pandey
एक ही माटी का रे मानव तू एक ही तेरी सियाही हैं हैं मानुष ना रे गिरगिट तू फिर क्यों छन में बदले भेष हैं हवा की गति हैं फीकी पड़े मन की गति सर्वश्रेष्ठ हैं रिश्ते तोड़े अपनो को छोड़ा अहम को रखा खुद में शामिल समय रहत तू समझ ना पाया अपनो का तूने क़ीमत लगाया दौलत का संसार सजाया सब कुछ पाकर भी तूने सब कुछ खोया वक्त के सिकंदर से तू लड़ ना पाया उम्र कम रही और इल्जाम जिंदगी पर आया 🌸 ©siya pandey #Nojoto #Nojoto team #TimeChanges #wqt_wqt_ki_bat #इंसान गिरगिट #दौलत_की_दशा #वक्त_सब_बेनकाब_कर_देगा #“मन”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 *#“परिवार”* *#“मतभेद”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📓*“1/2/2022”*📚 🖋️*“मंगलवार”* 🌟 इस “जीवन” में कभी “प्रेम का उपयोग” अपने “स्वार्थ” के लिए नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर ये “प्रेम“ “मन में” है,“दिल” में है,“विचारों” में भी है तो यह “शुभ” भी है, यदि इस “प्रेम का उपयोग” किसी की “बुराई” में या किसी को “हानि” पहुंचाने में हो तो यह कदापि सही नहीं है, तो उस “प्रेम” का कोई “अस्तित्व” ही नहीं रहेगा, “प्रेम” में तो सिर्फ होता है “अपनापन”,“सम्मान”,“परवाह” और “थोड़ा सा समय” जो हमारे अपने हम से चाहते है और हम हमारे अपनो से चाहते है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“1/2/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 *#“प्रेम”* *#“मन”*