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Mohan raj
White मन में निरंतर कुछ न कुछ विचार चलता हि रहता है, तो क्यों न मन को हरि में लगा दिया जाए जिससे मन निरंतर हरि का सिमरन करें Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons मन में निरंतर कुछ न कुछ विचार चलता हि रहता है, तो क्यों न मन को हरि में लगा दिया जाए जिससे मन निरंतर हरि का सिमरन करें
Life Lessons मन में निरंतर कुछ न कुछ विचार चलता हि रहता है, तो क्यों न मन को हरि में लगा दिया जाए जिससे मन निरंतर हरि का सिमरन करें
read moreअश्लेष माडे (प्रीत कवी )
White एकदा हात पकडला की, तो हात कोणत्याही परिस्थितीत मरणाच्या दारापर्यंत सोडायचं नसतं.. हे तेच करू शकतात ज्यांनी एकावरच खरं प्रेम केलेलं असतं.... ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) मन उनाड झालया मराठी प्रेम कविता तुझी माझी जोडी मराठी प्रेम कविता मराठी प्रेम कविता संग्रह
मन उनाड झालया मराठी प्रेम कविता तुझी माझी जोडी मराठी प्रेम कविता मराठी प्रेम कविता संग्रह
read moreF M POETRY
White ऐ हसीनों यूँ रुख़ न मोड़ा करो.. साथ मज़धार में न छोड़ा करो.. दिल है क़ाबा हर एक महरम का.. यूँ किसी का भी दिल न तोड़ा करो.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #यूँ किसी का भी दिल न तोड़ा करो....
#यूँ किसी का भी दिल न तोड़ा करो....
read moreParasram Arora
White अब मैंने अपने रूठें मन को भी मनाना सीख लिया है अब तो मै तोते रोते भी हंसने का हुनर सीख गया हूँ ©Parasram Arora #रूठें मन को मनाना
#रूठें मन को मनाना
read moreParasram Arora
White प्रसफुटन होता हैँ ज़ब चुनिंदा छंदो का जिन्हे बाद मे एक लड मे पिरो दिया जाता हैँ और ज़ब उन श्रंगारित छंदो को भावना और संवेदनाओं की भाफ से थोड़ी गर्मी दीं जाती है तब कही एक अच्छी कविता का जन्म हो पाता हैँ ©Parasram Arora कविता का जन्म
कविता का जन्म
read moreRohit Pawar
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset अशांत मन आज मन अशांत आहे कोण जाणे काय होत आहे ओठांवर हसू नाही चेहऱ्यावर गंभीरता आहे शब्द जरी ओठावर नसतील झुकलेल्या नजरेत सर्व काही सारं आहे सतत चिंता मनी, विश्वास स्वतः हरत आहे मनसोक्त उडणारा पक्षी आज वादळात अडकला आहे हसमुखं चेहरा आज मात्र निराश आहे कोण जाणे काय होत आहे आज मन अशांत आहे ©Rohit Pawar अशांत मन... मराठी कविता #alone #poem
नवनीत ठाकुर
सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उसे जी भर के जी लो। ख्वाहिशों का तो कोई अंत नहीं, पर खुश रहने का तरीका है यही— जो कुछ भी है, उसे ही क़ीमत दो, कभी न किसी और की तलाश में खो। सपनों का पीछा करो, पर हकीकत को न भूलो, रात चाहे जैसी हो, दिन को उजाला बना लो। जो दिल कहे, वही करो, बस खुद से सच्चे रहो, वही सबसे बड़ा गुरुर करो। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
#नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर रखो, ओझल हो राह तो निहार करो। घबराना मत, ये छोटी सी हैं, संकल्प को हरदम याद करो। खुद के मन को टटोलो तुम, दिल से रोज़ नई बात करो। छोड़ो दुनिया की फ़िज़ूल बातें, सपनों को साकार करो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर र
#Sad_Status अपने सपनों पर विश्वास करो, इस जग में अपना नाम करो। लक्ष्य से अपने भटकना नहीं, हर पल मंज़िल का ध्यान करो। मुश्किलें खुद से दूर र
read moreनवनीत ठाकुर
चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का समंदर, साहिल न हो सका। ज़ख़्मों ने मुझे सीखा दिया सब्र का हुनर, पर दर्द था जो, दिल से ज़ाहिर न हो सका। हर ग़म को सीने से लगाया ख़ुशी समझ, मगर वो, हक़ीक़तों में क़ाबिल न हो सका। अरमान थे चाँद छूने के, मगर ऐ दिल, जो पास था भी, वो हासिल न हो सका। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
#नवनीतठाकुर चाहा था हासिल, वो हासिल न हो सका, ख़्वाबों का काफ़िला, मुक़म्मल न हो सका। मंज़िल की आरज़ू में सफ़र तो किया बहुत, जज़्बात का सम
read moreRohan Roy
White निराश मन अपने और दूसरों के भीतर, सिर्फ कमियों को देखता है। ये वही देखता है, जिसकी आदतें हमने अपनी, नकारात्मक विचारों से सींचा है। यह पल पल समस्याओं से घिरा हुआ, खुद को पाता है। क्योंकि दुनिया की तमाम बोझों को, अपना बोझ समझता है। आसान भाषा में कहे, तो जीवन जितना सरल है, इसे कठिन बनाने के प्रतिभागी हम स्वयं हैं। हमने ही अपने दृष्टि को, ऐसा दृष्टिकोण दिया है। ©Rohan Roy निराश मन अपने और दूसरों के भीतर, सिर्फ कमियों को देखता है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroym
निराश मन अपने और दूसरों के भीतर, सिर्फ कमियों को देखता है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | rohanroym
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