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Rimpi chaube
White किंतु परंतु को स्थान ना हो, बस कर्म करो बिन फल की चाह से। जीवन अपना तो लक्ष्य भी हो, जो भी करो पूरे मन से।। ©Rimpi chaube #जो_भी_करो_पूरे_मन_से किंतु परंतु को स्थान ना हो, बस कर्म करो बिन फल की चाह से। जीवन अपना तो लक्ष्य भी हो, जो भी करो पूरे मन से।।
Mukesh Poonia
White जब तक मन में उड़ान का हौसला न हो पंखों की कोई अहमियत नहीं होती . ©Mukesh Poonia #Free जब तक #मन में #उड़ान का #हौसला न हो #पंखों की कोई #अहमियत नहीं होती
Shishpal Chauhan
White नारी बिन नर कुछ भी नहीं, घर संसार कुछ भी नहीं। एक हाथ से ताली बजती नहीं, सुख के बिना दुख नहीं। एक से बनते अनेक, शादी के बाद बन जाते दो जान एक। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, नारी के बिना घर बन जाता नर्क है। ©Shishpal Chauhan #नर और नारी
Pawan Munda
Beautiful Moon Night क्यों खुद से निराश हो तुम खुद से रूठे या खुदा से तुम खुद के अंदर बैठ सहज तुम हर दिन जंग ऐ,मन से क्यों मन की बक- बक से निकल कर ऐलान करो जंग मन से तुम बाहर कुछ भी है कहां हर दिन लड़ते मन से तुम फ़र्क कहां दुनियां को पड़ता तेरे मरने पर भी हंस लेंगे तुझमें खामियां कुछ नहीं है कुछ तो खामियां निकाल ही लेंगे ऐ जंग नहीं तेरा दुनियां से है सब जंग है तेरे मन के अंदर ऐ दुनियां कुछ भी नहीं कहेगा ऐ जंग तुम्हारा खुद से है क्यों खुद से निराश हो तुम ©Pawan Munda #beautifulmoon क्यों खुद से निराश हो तुम
Anjali
सबसे न मिला करो, इतनी सादगी के साथ यह दौर अलग है, ये लोग अलग हैं तो, यह दुनिया वो नहीं है जो आप देखते हो अगर आप इस दुनिया में वफ़ा ढूँढ रहे हो तो, बड़े नादान हो क्योंकि, आप ज़हर की शीशी में दवा ढूँढ रहे हो । ©Anjali सबसे न मिला करो.....
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 तन्हाई दिख रहा है घुप अंधेरा क्या करे इन उजालो का हम जब साथी तु नही है मेरा हमे घेरे रहता है तेरी यादो का घेरा ना जाने कब होगा जीवन मे सवेरा यह तन्हाई हमे लगी डराने क्या करे तेरी याद जो लगी सताने तुम ना आने के ढूंढने लगे बहाने तुम्हे याद करते करते गला रुंध गया अश्क लगे बहने अब क्या कहे हमे तुमसे कुछ लफ्ज़ नही कहने मनशा है लौट आओ अब तुम्हारे बिना हमे तन्हाई के दर्द नही है सहने अगर तुम्हे कुछ लिखना चाहूं लिख ना पाऊं जज्बात कोरे कागज़ पर छलक ही जाती अंसुवन की धार क्यों छोड़ दिया मुझे इस तन्हाई की दुनिया मे बीच मझधार हम तो थे जन्म जन्म के साथी मनशा फिर क्यों बुझ गयी इस दिल की बाती टूट गये सांसो के तार टूट गये सांसो के तार स्वरचित _सुरमन_✍️ 12/8/22 ©Mansha Sharma #मन के भाव #तनहाई #कविता #nojato
Ajit Kumar
सुनो सबकी लेकिन करो अपने मन की । ©Ajit Kumar सुनो सबकी लेकिन करो अपने मन की ।
Anjali Singhal