Find the Best WalkingInWoods Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about love unlimited walking in the rain, sensually walking to the thermostat, like walking in the rain and wishing on a star, like walking in the rain and wishing on the stars up above lyrics, i love walking in the rain,
gopi kiran
Sometimes life goes right and you go left Just keep walking and you'll catch up later keep smiling.. ©gopi kiran #WalkingInWoods
Richa Dhar
🌹(समर्पित)🌹 देखा है मैंने अपनों के सपनों को जलते हुए देखा है अपनों को तिल तिल मरते हुए अब क्यूँ करूँ विश्वास उनकी झूठी मुस्कान पे देखा है मैंने उन्हें खून के घूंट पीते हुए--- देखा है मैंने उन्हें छुप छुप के रोते हुए देखा है मैंने उनको जीवन के रंगमंच पर पीड़ा को सहते हुए और क्या अपेक्षा करूं अपने भाग्य विधाता से देखा मैंने उन्हेंअपने इष्ट से याचना कर रोते हुए--- देखा है मैंने उन्हें बंद कमरों में अँधेरो से लड़ते हुए देखा है उन्हें बिलख बिलख कर रोते हुए हृदय भी काँप उठता है अब उनकी झूठी मुस्कान पे देखा है मैंने उन्हें टूट कर बिखरते हुए--- ©Richa Dhar #WalkingInWoods सपने
कृतान्त अनन्त नीरज...
मैं इतना बड़ा न हो कि आपको दूसरे छोटे लगने लगे मैं इतना छोटा भी न हो कि लोग आपको तुच्छ समझने लगे... ©कृतान्त अनन्त नीरज... #WalkingInWoods #love#nojoto
Priya's poetry life
यहां भी एक था राजा एक थी रानी पर ये कहानी ना थी दूसरो की तरह सुहानी मिले तो थे, वो इस तरह जैसे हो कोई प्रेम कहानी पर परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी जिसने बदल दी, पूरी ही कहानी उलझ गए रिश्ते कुछ इस कदर, की रिश्तों में रह गई थी बस खिचतानी जाने रिश्तों में कैसी ये कड़वाहट थी आई, अब राजा रानी के रिश्तों में कैसी थी ये दूरी लाई टकरारो में गुजरते थे अक्सर दिन और राते अब कहा हो पाती थी वो प्यार भरी बाते अगर कोई उनको समझाने भी थे आते, वो अक्सर उनसे ही थे उलझ जाते बस यूंही उलझ कर रह गई उनकी प्रेम कहानी एक था राजा एक थी रानी ©Priya's poetry life #WalkingInWoods #Life #Life_experience #Poetry #Quotes #story #Nojoto #nojotohindi #Stories #poem
priya300717
उसकी सलाह मान भी ली... अपनी मन मानी कर लेने दी.... नहीं बचा जिस्म में उसके कुछ... इस लिए जचकी में ही अपना दम तोड़ दी थी.... एक नन्ही सी जान को... जल्लादों के हाथों में सौंप दी थी.... बैठ कर सब लाश पे उसकी अफ़सोस मना कर रोने लगे.... पास खड़ी रूह उसकी काँप कर देखने लगी.... तड़प कर बोली रूह उस मासूम की... बस करो माई बाप मेरे , बस भी करो पतिदेव जी.... सांसो का चलना देख कर ज़िंदा लाश तो बना दी थी... अब धड़कनो के रुकने पर कौन-सा शोक मनाओगे... ऐ मेरी ज़िंदगी को तमासा बनाने वाले... मेरी मौत का तमासा ना कर,रहने दो... मेरे बच्चे का क्या कसूर भगवान्... उससे दूर ही रखो इन सब की परछाई से भी.... कहते है बारिश रूठ के बरसी... भगवान् भी जाग उठा उस वख्त... जब बात पहूंची उसके मौत की उसकी मोहोब्बत तक.... आ कर उसके प्रेमी ने शान से जनाजा उठाया था.... दहकते अंगार देख उसकी आँखों में सामने कोई ना आ पाया था.... एक ही लब्ज़ में कह गया वो इतना ही... टुकड़ा सौपा था ज़िगर का मैंने.... तुम लोगो ने पत्थर समझा कैसे... ज़िंदा मेरी जान को.... तुमने सामान समझा कैसे...।। ©priya300717 #WalkingInWoods
BROKENBOY
मेरे जिस्म से मेरी रूह निकाल दी उसने मुझे उदास रहने की आदत डाल दी उसने किसी ने उससे पूछा कि चाहत क्या है पहले तो बहुत रोया फिर मेरी मिसाल दी उसने ©BROKENBOY #WalkingInWoods मेरे जिस्म से मेरी रूह निकाल दी उसने मुझे उदास रहने की आदत डाल दी उसने किसी ने उससे पूछा कि चाहत क्या है पहले तो बहुत रोया फिर मेरी मिसाल दी उसने
कृतान्त अनन्त नीरज...
यदि कोई आपको "हल्के" में लेता है तो आप उसे serious लेकर क्यों "बोझ" लेते हो...? ©कृतान्त अनन्त नीरज... #WalkingInWoods #love#nojoto#life#beingoriginal
Richa Dhar
(समर्पण)✍️✍️✍️ मैं नहीं चाहती थी संसारी होकर जीना मैं नहीं चाहती थी किसी पे भी मरना मेरा आत्मसुख मेरा समर्पण कहीं और होना था मुझे संसार में लिप्त नहीं होना था मुझे चाहिए था ईश्वर तत्व का उजाला मगर इस जगत का नियम था निराला मन आज भी विचरण कर रहा है अध्यात्म की ओर जा रहा है मगर मैं ये कैसे जाल में फंस गई मेरे जीवन की नांव न जाने किस भंवर में फस गयी मुझसे क्यों नहीं हो पाया जीवन में ये अर्पण आत्मसमर्पण कर क्यों नहीं कर में खुद का (समर्पण)... ©Richa Dhar #WalkingInWoods समर्पण
Richa Dhar
समर्पण✍️✍️✍️ मैं नहीं चाहती थी संसारी होकर जीना मैं नहीं चाहती थी किसी पे भी मरना मेरा आत्मसुख मेरा समर्पण कहीं और होना था मुझे संसार में लिप्त नहीं होना था मुझे चाहिए था ईश्वर तत्व का उजाला मगर इस जगत का नियम था निराला मन आज भी विचरण कर रहा है अध्यात्म की ओर जा रहा है मगर मैं ये कैसे जाल में फंस गई मेरे जीवन की नांव न जाने किस भंवर में फस गयी मुझसे क्यों नहीं हो पाया जीवन में ये अर्पण आत्मसमर्पण कर क्यों नहीं कर में खुद का {समर्पण}... 0 ©Richa Dhar #WalkingInWoods समर्पण
Richa Dhar
💐गम और खुशी💐 इसमें इतना गमगीं होने की क्या बात है गम और खुशी तो दुनिया भर के साथ है रोज किसके साथ रहता है उजाला चल नहीं पाता अधिक अतीत काला चन्द सांसे माटी को मिली यही क्या कम मिला यह तो है अवसर की बात किसी को खुशी तो किसी को गम मिला तुम तो हो इन्सान जो कह लेते हो दुःख दर्द को चांद कहाँ तक रोए जिसके आगे पीछे रात है सूरज रोता अगर कि जैसी मिली बेचारे को जलन कब का डूब गया होता अब तक तारों वाला गगन लेकिन साहस तो देखो उस चलती फिरती आग का जहां पांव रख देता पांव मुस्कुराता वहीं प्रभात है, तुम शायद विश्वास करोगे नहीं कि इस संसार में छुई मुई के पातों तक पर पतझर का आघात है फिर कैसी ये व्यर्थ की निराशा और कैसा ये विषाद है चाहिये थोड़ा परिवर्तन फिर देखो जीवन में कितना अनुराग है। ©Richa Dhar #WalkingInWoods गम और खुशी