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Kailas Tidke
काश ऐसी भी कोई बरसात हो जाये ../ तेरी बाहों मे मेरा बदन पिघल जाये../ ©Kailas Tidke #बारीश #बरसात #बदन #पिघलते #Love
DanisH ZamshaiD
#गज़ब की धूप है, मेरे शहर में, फिर भी पता नहीं लोगों के दिल यहाँ #पिघलते क्यों नही ...? #SunSet
Amit Saini
बर्फ बारी अच्छी रही इस वर्ष अगर हम इंसान चाहे तो तेजी से पिघलते हुए ग्लेशियरों को रोक सकते हैं खत्म होते जल को बचा सकते हैं बेशर्त प्रदूषण पर अच्छी तरीके से रोकथाम लगाए तो चारों ओर जागरूकता फलाऐ तो ऐसी संवेदनशील जगहो पर इंसानों का पूर्ण प्रतिबंध लगाए तो हो सकता है ऐसा करने से प्राकृतिक में संतुलन बना रहे जीवन के लिए #Thoughts #पिघलते ग्लेशियर चिंता का विषय
lokesh keshri
निकलते हुए मैखाने से, ये बात समझ आई है साकी की आँख से अच्छा कोई पैमाना नहीं था शमा ज़िन्दगी की, पिघलते पिघलते ये कह रही है सिर्फ तू दीवाना था मेरा,और कोई परवाना नहीं था ------- शमा ज़िन्दगी की,
Veer Kabir
🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते र🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿🌻🌿 हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये, ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये. एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे, धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये. आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह, दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये. शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है, आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये. प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर' मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿हिये. -कुंवर बैचेन 🌻🌿 #gif
कुछ लम्हें ज़िन्दगी के
बिन फेरे हम तेरे -१ हकीकत न सही पर ख़्याल में तो हैं, हम तेरे,,,,,,,,,,,, मेरे ख्यालों 'मैं' और 'तुम' "हम" है ,,,,,,,,,, मेरे ख्यालों में वो हर आराम मुहिया करवाता हूँ जिनको हक़ीकत में पूरा करना मेरे बस मैं नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, जो ख़्याल तुम्हें नाराज़ दे वो ख़्याल क़त्ल कर देता हूँ ,,,,,,, किसी न किसी बात पे याद जाती हो तुम और मैं पहुँच जाता हूँ ख्यालों दे दरवाज़े ,,,,,,,,,,,, कल धूप सेक रहा था इक ख़्याल आया कि तुम भी पास वाली इक कुर्सी पर बैठी बाल सूखा रही हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ठंड में धूप कितनी अपनी सी लगती है न,,,,,,,,,,,,,,, तुम्हारे बालों में रूसी के दाने ऐसे लग रहे थे कहीं दूर पहले बरफ़ पड़ी हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, अब पिघलते -पिघलते काली ज़मी पर बस,,,,,,,,,, आख़िरी साँसे ले रही हो,,,, बिखरी पड़ी हो ,,,,,,,,,,,,,,,,,, मैंने तुरन्त इस ख़्याल से रूसी हो क़त्ल कर दिया ,,,,,,,,,,,, बिन फेरे हम तेरे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बिन फेरे हम तेरे ©️✍️ सतिन्दर #NojotoQuote बिन फेरे हम तेरे -१ बिन फेरे हम तेरे -१ हकीकत न सही पर ख़्याल में तो हैं, हम तेरे,,,,,,,,,,,, मेरे ख्यालों 'मैं' और 'तुम' "हम" है ,,,,,,,,,, मेरे ख्यालों में वो हर आराम मुहिया करवाता हूँ जिनको हक़ीकत में पूरा करना मेरे बस मैं नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Samar Ishrat Ashif
तुम्हारी यादो की दहक में जलते जलते। थक गए है पाँव मेरे तन्हा चलते चलते।। मुझे शब ऐ वस्ल का इंतज़ार ही रह गया। पैमाना ए उम्र गुजर गई शाम ढलते ढलते।। लगाया है जाना जो मोहब्बत का शजर। एक अरसा भी लगेगा फकत फलते फलते।। है जिस्म ये मेरा या गोया मोम का पुतला। जाया हो रहा है आगोश में पिघलते पिघलते।। जो मिले है ज़ख्म उनके खंजर से हमको। वो ज़ख़्म भी नासूर बन जायेंगे पलते पलते।। चलो जी अब आराम करते है मौत की बाहों में। थक गए है ज़िन्दगी की सड़क पे चलते चलते।। वो लूट के ले गयी मेरी नींद चैन और दिल। और समर रह गया बस हाथ मलते मलते।।
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