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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“26/3/2022”*📚 📘*“शनिवार”*🌟 आपने देखा होगा कि एक “मकड़ी का जाल” “कीट” को अपनी ओर “उकसाने” के लिए “आकर्षित” करता है अपनी “चमक” से,अपनी “बुनावट” से वैसे ही “जुए” का ये “खेल” “मनुष्य” को अपनी और आकर्षित करता है, अंत में “मनुष्य” भी फंस जाता है इस जुए के खेल में, अंतर बस इतना है कि “कीट” जब इस “जाल” में फंसता है वो अपने “प्राण” गवा देता है, “मनुष्य” जो “जुए के खेल” के “उकसावे” में आता है तो मनुष्य अपना “मान” और “धन” सबकुछ गवा देता है, और अपना “विवेक” खो देता है किंतु आप अपना “विवेक” कभी मत खोईएगा, आपके मन में “लालच” आ जाए और यदि आप “जुए के खेल” में “प्रवेश” कर जाओ, तो स्मरण रखना कि लौटकर वापस आना लगभग “असंभव” है, तो इस “विवेक का साथ” कभी नहीं छोड़ना, क्योंकि “विनाश” के आने का “पहला संकेत” ही “विवेक” का जाना है... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“26/3/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*🌟 # “मकड़ी का जाल” #“कीट”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/1/2022”*📚 🖋️*“रविवार”* 🌟 धैर्य की सवारी क्या होती है ? आपको एक बात बता देता हूं इस संसार में ऐसी कोई सवारी नहीं जिसने कभी अपने सवार को गिराया न हो, चाहे वो ऊंट हो,चाहे हाथी हो,चाहे घोड़ा, कभी चलते-चलते डगमगा ही जाते है फिर वो सवार पहले गिरता है किसी के घुटनों में, फिर गिरता है स्वयं की दृष्टि में, किंतु धैर्य की सवारी ये कभी किसी को नहीं गिराती, न वो सवार किसी के घुटनों में गिरता है न स्वयं की दृष्टि में, क्योंकि धैर्य आपको विवेक देवता है,विवेक आपको योजना देता है और योजना देती है आपको शक्ति अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, तो समझे आप धैर्य के साथ,अपने आपको और धैयशील बनाए,इस धैर्य की सवारी किजिए फिर बस देखिए कि कैसे यह सवारी आपको आपकी मंज़िल तक ले जाएगी... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/1/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *“धैर्य की सवारी”* *#“जिसने कभी”*
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 महाभारत के समय में “पांडव” बड़े “कुशल” थे, बड़े “शक्तिशाली” थे, युधिष्ठिर ने अपने “परिश्रम” से कुछ इस प्रकार “ज्ञान” प्राप्त किया कि “संसार” उसे “धर्मराज युधिष्ठिर” कहने लगे, देखा जाए तो पांडवों के पास सब कुछ है किंतु जब बात आए और “धन” पाने की, तो “युधिष्ठिर” जो “पांडवों” में “श्रेष्ठ” थे, शेष सभी पांडवों के साथ द्यूत(जुए) का ये खेल बैठे, न केवल इसमें केवल “धन”,“विवेक” और “धर्म” हार गए, बल्कि इसमें अपनी “ग्रहलक्ष्मी द्रौपदी” को भी हार गए, कारण क्या है ? “भूल” गए एक सरल सी बात कि इस संसार में “मान” और “सफलता”... “परिश्रम” और “कर्म” से पाए जाते है, “द्यूत(जुए)” का ये खेल ये तो “भाग्य” पर ही चलता है, अब संसार में दो मार्ग है संसार में एक “मार्ग” वो जहां “कर्म” और “परिश्रम” से आप अपना भाग्य स्वयं रचते है एक मार्ग वो जहां ये “भाग्य” एक क्षण में आपको “बना” सकता है या फिर आपको “मिटा” भी सकता है, आप कौनसा “मार्ग” चुनेंगे, चयन आपका है, *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“परिश्रम” #“ज्ञान”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 💫*“27/9/2021”*✨ 📘 *“सोमवार ”*📚 “बुद्धि” और “विवेक” में क्या अंतर है ? ये केवल “संसार” सोचता है, कुछ “लोग” कहते है “बुद्धि” और “विवेक” एक ही है, किंतु यदि “सत्य” कहा जाए तो यह इनमें एक अत्यंत “अमूल्य अंतर” है और वो ये कि “बुद्धि का संबंध” है “मष्तिष्क” से और “विवेक का संबंध” है “मन” से, कोई भी “बुद्धिमान व्यक्ति” क्या करता है अपने अनुसार इस “संसार” को “बदलने का प्रयास” करता है एक “विवेकवान व्यक्ति” क्या करता है, अपने “मन” को,अपने स्वयं के “मन को बदलने” का “प्रयास” करता है, क्योंकि “मनुष्य का संसार” उसके “मन” में ही “वास” करता है, इसलिए अपनी “बुद्धि” अवश्य “दोड़ाइए” किंतु इस पर “विवेक की लगाम” अवश्य लगाकर रखिए... *“अतुल शर्मा🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 💫*“27/9/2021”*✨ 📘 *“सोमवार ”*📚 #“बुद्धि” #“विवेक”
*✍🏻“सुविचार"*📝 💫*“27/9/2021”*✨ 📘 *“सोमवार ”*📚 #“बुद्धि” #“विवेक” #“मनुष्य #“अमूल्य #“मष्तिष्क
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“16/6/2021”*🌟 🖋️*“बुधवार”*✨🖊️ ये “क्रोध” क्या है ? आपके “मन” की एक “भावना” है, “क्रोध” कभी कभी आवश्यक भी होता है जैसे कि आप एक “उचित पक्ष” में “खड़े” हुए है और सामने वाला “अधर्म” के पक्ष में खड़ा हुआ है और वो “विनम्रता” से ना माने, जैसे “श्रीराम” “क्रोधित” हुए थे “सागर” पर वो उचित थे, ये “क्रोध” सर्वप्रथम आपका “नाश” करता है,आपका “विवेक” हर लेता है,आप अपना “नियंत्रण” खो देते हो, अधिकतर लोग “क्रोध” में ऐसे “निर्णय” लेते है जो उन्हीं के “पतन” का कारण बनते है, और कुछ लोग तो ये कहते है कि हमारे “जीवन” में इतनी “पीड़ा” है,इतने “संकट” है कि “क्रोध” आ ही जाता है, तो ऐसे “समय” में उचित यहीं है कि आप स्वयं को इस “क्रोध” से दूर कर ले,और फिर “समस्या का निवारण” करे क्योंकि यहीं “निवारण” आपको “जीवन के श्रेष्ठ स्तर” पर ले जाता है इसलिए “क्रोध” से दूर रहे और स्वयं को “प्रसन्न” रखिए... *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“16/6/2021”*🌟 🖋️ *“बुधवार”*✨🖊️ #“क्रोध” #“मन” की “भावना”
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