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Best बेमौत Shayari, Status, Quotes, Stories

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Vivek

Anuj Ray

#बेमौत नहीं मर सकता" #लव

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Death_Lover

क्यों तरसते हो "हिमांश" मौत के लिए,
सब्र करो एक दिन बेमौत मारे जाओगे॥
(मौत का मन्ज़र)

©Himanshu Tomar #हिमांश #मौत #बेमौत #तरसते #तलाश-ए-मौत
#crimestory

Death_Lover

"हिमांश" एक बात कहें तुमसे :-
तुम जिस दिन भी मरोगे न, बेखौफ़ और बेमौत मरोगे॥

©Himanshu Tomar #मौत #बेखौफ़ #बेमौत #दूर 
#findsomeone

shayar_dillwala

#जहरीली #अदाओं का #तीर लिए यूं ही #बेसुध सी ना घुमा कर जानेमन। कोई #दवा काम ना करेगी तुझसे #घायल हुए शख्स पर... बेचारे सभी #बेमौत मारे जाएंगे। #girl

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जहरीली अदाओं का तीर लिए यूं ही बेसुध सी ना घुमा कर जानेमन।
कोई दवा काम ना करेगी तुझसे घायल हुए शख्स पर...
बेचारे सभी बेमौत मारे जाएंगे। #जहरीली #अदाओं का #तीर लिए यूं ही #बेसुध सी ना घुमा कर #जानेमन।
कोई #दवा काम ना करेगी तुझसे #घायल हुए शख्स पर...
बेचारे सभी #बेमौत मारे जाएंगे।
#girl

Ajay sahu

 वो #आईना देख _मुस्कुरा के बोली, #बेमौत मरेगा मुझ पर_मरने वाला #nojotophoto

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  वो #आईना देख _मुस्कुरा के बोली,
#बेमौत मरेगा मुझ पर#_मरने वाला

Neha Yadav

Pagal Fauji

वो #आईना देख #मुस्कुरा के बोली… 😊
#बेमौत मरेगा मुझ पर #मरने वाला.😍💓pagal fauji (bugga) die love

Pagal Fauji

वो #आईना देख #मुस्कुरा के बोली… 😊
#बेमौत मरेगा मुझ पर #मरने वाला.😍💓Pagal fauji (bugga) love

कवि मनीष

घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

 
घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

 
घर बार,संसार सब छोड़ के आता है,
एक फौजी न जानें कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकानें वतन की मिट्टी का कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है,

बहाते हो आँसू उसके ख़ातिर तो,
फक्र भी उसमें मिलाओ,
क्योंकि गुनहगारों के सीनें में वो,
ख़ंजर गाड़ के आता है,

मैं तो हूँ अमन का रक्षक,
तभी तो ख़ून वतन का बहता देख मुझे ग़ुस्सा आता है,
क्यों बेमौत की मौत मरे जो अमन का दाता है,
शांतिदूतों के बदन पे क़फ़न किसे भाता है,

घर-बार, सब संसार छोड़ के आता है,
एक फौजी न जाने कितनें दिल तोड़ के आता है,
चुकाने  वतन की मिट्टी का  कर्ज,
न जानें कितनें ख़्वाब तोड़ के आता है 
#कविमनीष 






















 #NojotoQuote #कविमनीष
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