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Ek villain
कर्नाटक के एक छात्र नवीन शेख रब्बा मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन भैरव शिवकरण के बीच छिड़ी जंग के दौरान एक दिन जब खाने का सामान खरीदने की लाइन में लगे थे उसी समय रूसी सेना की गोलाबारी में उनकी मौत हो गई शोक में गमन मन जमीन के परिवार के लिए हर सतवन कम है लेकिन तमाम सवाल आज उन हजारों युवाओं के सामने हैं जिन्हें भारत सरकार ने केवल संकटग्रस्त यूक्रेन से हाल ही में लौट आई है बल्कि उससे भी पहले 10 को तक दूसरी कई वजह से इराक सऊदी अरब यमन लीबिया आदि देशों से लौटते रहे युवा के घर सुरक्षित वतन वापसी के बाद जिन की खोज खबर के लिए जाने का कोई इतिहास नहीं मिलता उनको भी चिंता में शामिल यूक्रेन से लौट छात्रों की पढ़ाई को किस तरह पूरे करने का कोई सरकारी प्रबंधन कितना कारगर होगा यह भविष्य में पता चलेगा परंतु इससे पहले तो बताएंगे हजारों लोगों की खबर का कोई लेखा-जोखा तो नहीं हम कह सकते हैं कि स्वाधीनता के 75 वर्ष में हमारे देश में कई बड़े इतरा सदियों का सामना किया लेकिन भारत दुनिया का अकेला देश नहीं है जिसने विकास के कर्म पर आसन के सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया है पढ़ाई रोजगार और बेहतर जीवन की चाह में अपनी जमीन से दूर एक अलग देश में औलाद भाषा संस्कृत के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश में कई तकलीफ दे नतीजों के साथ खत्म हुई है यह सब चलेगा एक पूरा इतिहास की ताजा के माध्यम से स्वदेश लौटने की है इन छात्रों में भारत के मेडिकल शिक्षण संस्थाओं में नहीं मिलने की सूरत में देशों की राह पकड़ी थी वह साफ हो चुकी है कि पढ़ाई करना पड़ता है ©Ek villain #यूक्रेन से लौटे छात्रों के भविष्य का सवाल #youandme
Ek villain
मैंने रूस का नाम तो सुना था पर यूक्रेन का नाम अभी सुना जब रूस और यूक्रेन के भेजी हो तो की स्थिति बनी पिछले कुछ दिनों में यह तो यूक्रेन का नाम हर आदमी की सुन रहा है जिस विश्व के नक्शे में यूक्रेन कहां है यह भी नहीं मालूम कुछ लोग रूस और यूक्रेन के युद्ध को ऐसे ले रहे हैं जैसे उनकी ही शहर की कुछ चौराहे पर यह हो युद्ध हो रहा है उससे सबसे ज्यादा प्रभावित रही है कुछ दिनों से दूध वाला बहुत पतला दूर ही दे रहा था कारण पूछा तो कहने लगा रूस यूक्रेन युद्ध का असर है उसे दूध की पतली जाए पत्नी ने जब बनाई तो पहला घूंट पीते ही पता चला कि मोहतरमा ने शक्कर ही नहीं डाली बड़ी हिम्मत करके उनकी गलती की तरफ ध्यान दिलाया तो कहने लगी वह रूस यूक्रेन में युद्ध की स्थिति बनी हुई है क्या कब क्या हो जाए कुछ नहीं जाना जा सकता और आपकी चाय में शक्कर की पड़ी है इतने में दरवाजे की घंटी बजी कामवाली बाई आई अंत ही आते उसने कहा कि उसके मर्द ने उसके कहीं भी काम पर जाने से मना किया है जब यूक्रेन में हालत ठीक नहीं हो जाते मैं काम पर नहीं आएगी मेरे मर्द ने भी अगले कई दिन का कोटा घर में भर लिया है कहीं युद्ध के चक्कर में दारू की दुकानें बंद ना हो जाए मैं युद्ध के प्रभाव से बचते हुए ऑफिस पहुंचा यह भी दर्द से कुछ अलग ही नहीं था अधिकारी वर्मा जी को देर से आने के लिए डांट रहे थे और वर्मा जी कह जा रहे थे कि रूस यूक्रेन में युद्ध के कारण सड़क पर बहुत भीड़ थी जाम में फंसने के कारण वे लेट हो गए कई सहकर्मी उनकी बात पर हंस रहे थे उधर का कुछ कर्मचारी ने अपना काम एक तरफ सिर का दिया था युद्ध के हालात ठीक होने पर ही काम करेंगे इतने में पत्नी का फोन आया कि शाम को जल्दी घर आ जाना घर में सामान भरकर रखना है ©Ek villain #यूक्रेन और रूस का युद्ध हमारे पड़ोसियों तक के घर पर असर #Holi
Ek villain
रूस यूक्रेन की लड़ाई का गहरा प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है यह एक ऐसा समय हो रहा है जब कोई महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था कीमतों को स्थिर करने और आपूर्ति संकला को पर स्थापित करने का प्रयास कर रही है लेकिन योग करें निवेदन है उनके संभावित समाधान को अधिक कठिन बना दिया है अन्य देशों के साथ भारत के लिए भी अमेरिका यूरोप और रूस के बीच आर्थिक संतुलन को बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है यह युद्ध भले ही भारत से हजारों किलोमीटर दूर जा रहा हूं परंतु असर भारत की अर्थव्यवस्था दिखाई देने लगा के पश्चिमी देशों द्वारा आर्थिक प्रतिबंधों के साथ-साथ उसका उपयोग करने पर रोक लगा दी गई है यहां भारत अन्य देशों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत अधिक भुगतान करना पड़ेगा किससे डॉलर अधिक मजबूत और वह पर कमजोर होगा रूप से कमजोर होने से भारत की आयत महंगी हो जाएंगी जिससे महंगाई बढ़ेगी इस प्रकार की महंगाई को आजाद महंगाई कहते हैं भारत के चालू खाते का घाटा बढ़ जाएगा जो भुगतान संतुलन को बिगाड़ बढ़ा देगा पेट्रोल डीजल और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि से और सब्सिडी में कमी होने राजकोट घटाया जाएगा आज कच्चे तेल और गैस के अलावा कुछ अन्य वस्तुएं भी महंगी हो ©Ek villain #यूक्रेन युद्ध ने बढ़ाई आर्थिक चुनौतियां #Moon
Ek villain
यह न केवल चिंताजनक है बल्कि निराशाजनक भी है कि रूस और यूक्रेन में बातचीत का सिलसिला कायम रहना और उनकी ओर से युद्ध विराम को लेकर सहमति जताने के बाद भी उसी पर सही ढंग से अमल नहीं हो पा रहा है इसके चलते लड़ाई वाले शहरों में ना केवल यूक्रेन के फंसे हुए हैं बल्कि भारतीय संविधान में दिशानिर्देश नागरिक भी थे उनके सामने ना केवल खाने-पीने का संकट है 1 की जान बचाने का भी कबीर उस पर युद्धविराम में सहयोग न करने पर आरोप लगता है कभी यूक्रेन पर सच्चाई जो भी हो गए हमें संदेश नहीं है कि तमाम निर्दोष की हत्या लोगों की जान खतरे में है इन से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि किनी किनी यूक्रेन की लड़ाई विदेशी नागरिक को बाहर निकालने में रंग डाल रही हैं शायद ही इसी कारण भारतीय प्रधानमंत्री को पहले यूक्रेन और फिर रूसी राष्ट्रपति जी से बात करनी पड़ी वास्तव में इसकी चिंता और रूस और यूक्रेन के साथ-साथ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को भी करनी चाहिए कि जो क्षेत्र में फंसे लोग सुरक्षा बाहर निकालें यह देखना है कि यह देश यूक्रेन में ही दवाई चिंता जता रहे लेकिन इसे नहीं कर रहा है विराम प्रभावी तरीके से लागू हो तक जानमाल की क्षति को रोकने जा रहा है शांति प्रयासों को बल देने की बजाय उनके हत्यारों को उपलब्ध कराने में लगे हुए हैं ©Ek villain #यूक्रेन संकट का समाधान #election
Ek villain
यूक्रेन और रूस के बीच बीते कुछ दिनों से चल रहे आ रही युद्ध के यूक्रेन में जानमाल के बेशुमार हानि हुई है इससे वैश्विक समुदाय भी सकते हैं आ गया है दोनों देश अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की परवाह किए बिना एक दूसरे की लड़की निकालने के चक्कर में अपने आप राष्ट्रीय का नुकसान करने का तुले हुए हैं इधर भारत वन विदेश नीति के बेहतर पक्ष का पालन किया है इसके अलावा ज्यादा बेहतर होगा कि भारत रूस यूक्रेन अमेरिका चीन आदि महा शक्तियों के साथ संवेदन कायम रखते हुए इस विवाद को यथासंभव और से गिरता समाप्त करने के लिए भरकर प्रयास करें इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका से बचा जा सकेगा भारत वैश्विक शांति बनाए रखने और राष्ट्रीय संपदा की रक्षा में सब लोग को दोहराने के लिए स्पष्ट है कि रात में भूमिका न करें तभी देशों की लड़ाई इसका बड़ा नुकसान बचाया जा सकता है ©Ek villain #यूक्रेन मसले पर संवाद कायम करें भारत #Nofear
Ek villain
संजय गुप्ता ने अपने आलेख में खतरे में पड़ी विश्व में शांति यूक्रेन जंगल का विश्लेषण किया है उन्होंने बताने का प्रयास किया है कि किस तरह अमेरिका और रूस और यूक्रेन की आखिरी वक्त आने विश्व युद्ध का माहौल खड़ा कर दिया अमेरिका सीरियल के दौरान सोवियत संघ के विघटन के बाद भी रोज को अपना शत्रु मानता आया है विखंडन के उपरांत अस्तित्व में आए देश को बुलाकर अमेरिका के इस माध्यम से रूस को धरने की रणनीति और इसका कारण रूप में पैदा हुई असुरक्षा की भावना ने आज यूक्रेन को इस विनाश के मुहाने पर ला खड़ा किया है पूर्व सोवियत संघ जुड़े होने के कारण रूस अपनी भावनाओं में यूक्रेन से जुड़ी हुई हैं अपनी सुरक्षा को लेकर रोज अपनी भावनाएं पहले से बताया था आया है जिसे अमेरिका ने नाटो देशों में अपनी शक्ति के दम में अनदेखा किया है ऐसे में रूस के लिए ना चाहते हुए भी अतिक्रमण की आंतरिक अन्य कोई विकल्प शेष नहीं बचा था जहां तक भारत की स्थिति की बात है तो संकट में अमेरिका की विश्वसनीयता को स्पष्ट किया है लेख में भारत की भूमिका को लेकर बिल्कुल ठीक कहा है कि वर्तमान में भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति के कारण दोनों महाशक्ति है उसे अपने पक्ष में करना चाहती हैं लेकिन किसी और से बचना चाहिए ताकि भविष्य में भारत के पक्ष में रहेगी ©Ek villain #यूक्रेन पर भारत की सही नीति #mahashivratri
Ek villain
अच्छी बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति कूटनीति के जरिए यूक्रेन संकट का हल निकालने के पक्ष में है लेकिन यदि व्यवस्था की में अगर चाहते हैं तो फिर उन्होंने रूस पर शरद थोपने के साथ ही उसकी चिंताओं का समाधान करना होगा यदि रूस यूक्रेन को लेकर आक्रमक है तो इसके पीछे के कारणों को अमेरिका को उसी तरह समझना होगा जिस तरह कुछ कई व्यापारी दे समझते दिख रहे हैं उन्हें बीच-बचाव की कोशिश भी कर रहे हैं यूक्रेन संकट के मूल में अमेरिकन नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का उन देशों में भी विस्तार है जो एक समय रूस के नेतृत्व वाले सोवियत संघ का हिस्सा थे जब सोवियत संघ अस्तित्व में था और अमेरिका उसके बीच शीतयुद्ध चरम पर था तब नाटो के जवाब में वारसा संधि भी थी कायदे से वारसा संधि खत्म हो जाने के बाद नाटो को भी अपना विस्तार रोक देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसकी यह चिंता जायज दिखती है कि अमेरिका नाटो के विस्तार के माध्यम से उसकी घेराबंदी कर रहा है यूरोपीय देशों को भी इस पर ध्यान देना होगा कि जब वे अपनी उर्जा सूत्रों के लिए रोज पनीर है तो फिर नाटो के विस्तार में योगदान देकर मैक्सो की चिंता बढ़ाने में भागीदारी क्यों बन रहे हैं रूस भी नहीं कर सकता अमेरिका नाटो का सदस्य बनाने को तैयार है बल्कि उसे सैन्य सामग्री प्रदान कर रहा है यह विचित्र है कि अमेरिका अपने हितों के साथ व्यवस्था के साथ भी चीन के उभार को लेकर चिंतित है करने में लगा हुआ ©Ek villain #यूक्रेन संकट का हल #selflove
3 Little Hearts
इंसान और कीड़ों में बस इतना ही फर्क है, इंसान बम बनाते हैं और कीड़े रेशम बनाते हैं। ©Vishnuuu X #Russia #ukraine #War #NoWar #रूस #यूक्रेन #युद्ध #इंसान #कीड़े #बम
Sanjay Gupta
#यूक्रेन युद्ध में सनातनधर्म ने दिया मानवता का सन्देश #युक्रेन में सभी मंदिरो ने बेघरों को दिया सहारा और साथ में दूसरी सहायता भी इसीलिए मुझे गर्व है अपने धर्म पर🚩🚩 ©Sanjay Gupta #VantinesDay