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Krish Vj
रस्में बिखरी, कसमें बिखरी, बिखरी तेरी यादें है ख़ुद को बिसरा, बिसरा ज़माना, याद तेरी बातें है साँस बहती, धड़कन चलती, "लब" यह रुलाते है जुदा जिस्म हुए, बस रूह से रूह की मुलाकातें है याद कर लूँ, साथ चल लूँ, 'नसीब' की यह बातें है दर्द सह लूँ, ज़ख़्म भर लूँ, 'एहसास' के यह नाते है नींद ले लूँ, ख़्वाब देख लूँ, कैसे? लोग भूल पाते है ज़ुर्म कर लूँ, इश्क़ कर लूँ, ग़म कैसे? सह जाते है नाम तेरा लबों पर ह्रदय में प्रतिबिंब यह सजाती है निगाहें मेरी तेरे प्रतिबिंब से यूँ नित लाड़ लड़ाती है हाँ तू साथ नहीं मेरे, यूँ एहसास मेें तू नज़र आती है 'यादों' का सागर संग है, प्यास फ़िर लग आती है ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Sweta
बिखरी हैं यादें हर तरफ अब ना दिखते है वो लोग घर ऐसे उजड़ा था जैसे खंडहर ऐसा लगा क्या रोग अब बिखरे बिखरे है नजारे किस किस को सुनाए जोग अब होगें वो मसरूफ़ कही ध्यान किसका लगायें लोग हमारे हिस्से तन्हा-तन्हा रात रातों को उठ उठ कर रोये लोग ।। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Nitesh Prajapati
बिखरी यादों का बोझ लेकर, जी रहे हैं तन्हाइयों के सहारे, हमारी हकीक़त कब ख़्वाब बन गई, इस नादान दिल को पता ही नहीं चला। जब कोई किरदार दस्तक देता है हमारी जिंदगी में, तो वो सुनहरी यादें लेकर आता है, और फिर जब वह हमें तन्हा छोड़कर जाता है, तो पीछे बिखरी यादों का संदूक देकर जाता है। इंसान जब टूटता है तो, थोड़े दिनों में संभल भी जाता है, अपने अतीत से आगे भी बढ़ जाता है, लेकिन किसी अपने की यादें वो कभी भुला नहीं पाता। बिखरी यादों को अपनी जिंदगी का, एक हिस्सा मानकर जी रहे हैं हम आज, और उसके किरदार को जिंदगी का, एक बुरा ख़्वाब मान कर भूल रहे हैं हम आज। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Nazar Biswas
बिख़री यादें ज़हन में अक्सर उफानें मारे है छुअन से महरूम,अब फ़क़त यादों के सहारे हैं अब कौन सा नया दिलासा मैं अपने दिल को दूँ दिल की होशियारी के आगे हर फ़साने हारे हैं दिन उधेड़बुन में गुज़रा, रात आँसुओं में कटती नज़रें अवाक मेरी हरपल, सन्नटों को निहारे है शम-ए-मसर्रत की लौ बुझी तो बुझती चली गई तारीकियों में जकड़ी रुदन, जाने किसे पुकारे है फ़िराक़ में जी रहें, मुद्दत से मिलना भी न हुआ ख़ाक छानता गली गली, बावरा मन विहारे है ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Sunil itawadiya
मुझे शोहरतें कितनी भी मिले मैं हशरते नहीं रखता सब भूल जाता हूं पर दिलों में कभी नफरते नहीं रखता क्योंकि मैं बिखरी यादें में संभाल कर नहीं रखता 😊 ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
No Name
यादें जो हमारे दिल के किस्से होते हैं, लेकिन उन यादों में से बिखरी यादें जो हमारे दिल के हर एक कोने का एक एक अधूरा हिसा होते हैं। यादों के सहारे जिंदगी बनाई जा सकती है लेकिन बिखरी यादों के सहारे जिंदगी के एक एक लम्हों को समेटा जा सकता है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Anita Saini
उड़ गया गुब्बार बन पुलिंदा झूठे वादों का तोड़े से भी क्यूँ टूटता नहीं है क़फ़स यादों का आके देख तो सही हश्र तेरे तोताचश्म इरादों का ख़ैर करे मौला मुस्तक़बिल में हाल पर क़र्ज़ माज़ी की मुरादों का टूटे दिल की आहों के बोझ से कम होता है बोझ जनाजों का उड़ गया गुब्बार बन पुलिंदा झूठे वादों का तोड़े से भी क्यूँ टूटता नहीं है क़फ़स यादों का आके देख तो सही हश्र तेरे तोताचश्म इरादों का
Dr Upama Singh
बिखरी यादें संभालूंँ कैसे ये है ज़िंदगी के ज़मापूँजी मेरे इन यादों को मन के आँगन में रहने दो जो बिखरी हैं उनको समेटने दो बिखरे यादों संग खुशी और ग़म संग आते हैं दिल में दर्द और आँखों में आंँसू दे जाते हैं कुछ यादें ऐसी आती हैं जो दिल को बर्बाद कर जाती हैं भूलना पड़ता है उनको, यादों के सहारे ज़िंदगी कहांँ कटती है उन यादों को भुलाना इतना आसान नहीं ज़माना किसी के ग़म का परवाह करता नहीं दूर हो गए तुम मुझसे कोई ग़म नहीं दूर जाकर भी मुझे भुलाना नहीं मुलाकात ना हुआ तुमसे, तेरी यादें किसी मुलाकात से कम तो नहीं यादों की हवा उनकी जब चलती है बिखर जाते हैं हम गुज़र जाता वो लम्हा दर्द और आंँसुओं की बारिश में इन बिखरी यादों के किस्से बहुत थे भरी महफ़िल में मशहूर हम बहुत थे सारा दिन गुज़र जाता ख़ुद को समेटने में कैसे मैं बताऊंँ हम अब अजनबी हैं ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
Divyanshu Pathak
जो अधूरे रह गए वो हिसाब पूरे करलो। जो अधूरे रह गए वो ख़्वाब पूरे करलो। बदी करते आए हो बदनाम कलेवर है। जो अधूरे रह गए वो सवाब पूरे करलो। तुम बहते हो पानी की तरह तो ये भी है! जो अधूरे रह गए वो हबाब पूरे करलो। सिमटने लगे हो क्यूँ तुम ऐसे तो नहीं थे! जो अधूरे रह गए वो रुआब पूरे करलो। उम्र रीत चली कुछ सवालों का हल नहीं जो अधूरे रह गए वो जवाब पूरे करलो। क्यों बिख़री यादें समेंटने लगते हो पंछी' जो अधूरे रह गए वो शादाब पूरे करलो। जो अधूरे रह गए वो हिसाब पूरे करलो। जो अधूरे रह गए वो ख़्वाब पूरे करलो। बदी करते आए हो बदनाम कलेवर है। जो अधूरे रह गए वो सवाब पूरे करलो। तुम बहते हो पानी की तरह तो ये भी है! जो अधूरे रह गए वो हबाब पूरे करलो।
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पुराने आसमां के दौर से बादलों के धुँध से झाँकती लुका-छुपी सा खेल खेलती वो पुरानी बिखरी यादें, कुछ भुलावट भरी सी तो कुछ अंजान भरी सी वो पुरानी बिखरी यादें, कभी इस दिल को सितारों सी रोशन कर देती तो कभी स्याह भरी अंधेरी की चादर में सिमट सी जाती वो पुरानी बिखरी यादें, चले ऐसी पूरवाई कि महका जाये ये आलम सारा महसूस करना चाहे दिल हमारा खुशबू भरी वो पुरानी बिखरी यादें, उड़ान भरने की चाह अक्सर जगाती दिल को हमारे लगती मानों जानी पहचानी सी वो पुरानी बिखरी यादें, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।