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Suchita Pandey
चाहा है जबसे तुमको, हुआ तबसे मुझे खुद से ही प्यार है।💕 तुम्हारे होंठों पर जब भी सजती हूँ मैं, सच कहती हूँ, सुकून में तब होती हूँ मैं। तुम्हारी आँखे मुझे, ख्वाब दिखाती है। मेरा होना इनमें मुझे, खुद से ही मिलवाती है। सच है कि मुझे इश्क़ है, तुमसे बेपनाह। क्योंकि ये मुझे फिर से, जीना सिखाती है।। #सुचितपाण्डेय💕 #इश्क़हुआ #चाहतों_के_मायने #प्यार_का_एहसास #yqlovepoetry #सुचिता #suchitapandey चाहा है जबसे तुमको, हुआ तबसे मुझे खुद से ही प्यार है। तुम्हारे होंठों पर जब भी सजती हूँ मैं, सच कहती हूँ, सुकून में तब होती हूँ मैं। तुम्हारी आँखे मुझे, ख्वाब दिखाती है।
#इश्क़हुआ #चाहतों_के_मायने #प्यार_का_एहसास #yqlovepoetry #सुचिता #suchitapandey चाहा है जबसे तुमको, हुआ तबसे मुझे खुद से ही प्यार है। तुम्हारे होंठों पर जब भी सजती हूँ मैं, सच कहती हूँ, सुकून में तब होती हूँ मैं। तुम्हारी आँखे मुझे, ख्वाब दिखाती है।
read moreSuchita Pandey
चलो मेरे साथ.. हर गली है अंधेरा तो, चलो मेरे साथ। तुम्हें ख़्याल है मेरा तो, चलो मेरे साथ। मैं जा रही हूँ उजालों की ज़ुस्तुज़ू के लिए, सता रहा हो अंधेरा तो, चलो मेरे साथ। जो चाहता हो सवेरा हो, तो चलो मेरे साथ। नहीं है कोई बसेरा तो, चलो मेरे साथ। #सुचिता चलो मेरे साथ.. #चलोमेरेसाथ #yqdidi #suchitapandey #yqlovepoetry चलो मेरे साथ.. हर गली है अंधेरा तो, चलो मेरे साथ। तुम्हें ख़्याल है मेरा तो, चलो मेरे साथ। मैं जा रही हूँ उजालों की ज़ुस्तुज़ू के लिए, सता रहा हो अंधेरा तो, चलो मेरे साथ।
चलो मेरे साथ.. #चलोमेरेसाथ #yqdidi #suchitapandey #yqlovepoetry चलो मेरे साथ.. हर गली है अंधेरा तो, चलो मेरे साथ। तुम्हें ख़्याल है मेरा तो, चलो मेरे साथ। मैं जा रही हूँ उजालों की ज़ुस्तुज़ू के लिए, सता रहा हो अंधेरा तो, चलो मेरे साथ।
read moreRabindra Kumar Ram
Mahaj...!!! " Mahaj ye ek iktefak hai , Hum muhabbat karte hai , O thori gusse bhari nigaah se dekhte hai , O samajh ke bhi , Thore nadan ban rhe hai , Apni chahat chhupa ke , O is chahat se anjaan ban rhe hai . " --- Rabindra Ram 💝 इन सर्द हवाओं ने रुख अपना कुछ यूँ मोड़ा है रूहानी इश्क की खुश्बू को फिज़ाओं में बिखेरा है 🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪
💝 इन सर्द हवाओं ने रुख अपना कुछ यूँ मोड़ा है रूहानी इश्क की खुश्बू को फिज़ाओं में बिखेरा है 🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
उस दिन उस समय उस घड़ी तकती रही मैं उसको एकटक जैसे भर लेना चाहती थी उसकी छवि को अपनी आँखों के कसोरों में जैसे भर जाता है बारिश का पानी सूखी धरा में... समा लेना चाहती थी उसके अस्तित्व को अपने वजूद में ताकि न हो सकें फिर कभी पृथक हम जैसे समा लेता है वृक्ष का सूखा तना बरसते पानी को अपने में फैला देता है अपने पूरे शरीर में.... मैं भी चाहती थी कुछ ऐसा ही पर... मैं बस.. चाहती ही रही.... 🌹 #mनिर्झरा उस दिन उस समय उस घड़ी तकती रही मैं उसको एकटक जैसे भर लेना चाहती थी उसकी छवि को अपनी आँखों के कसोरों में
#mनिर्झरा उस दिन उस समय उस घड़ी तकती रही मैं उसको एकटक जैसे भर लेना चाहती थी उसकी छवि को अपनी आँखों के कसोरों में
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
उसके चेहरे से नहीं मुझे उसकी बातों से प्यार है वो लाख बुरा समझे लेकिन मुझे उसी से लगाव है अजीब पहेली बन गयी हूँ उससे सुलझने का ख़्वाब है अनजान है ख़ुद से ही वो उसके सच जानने का इंतज़ार है मान जायेगा वो भी'निर्झरा' मुझे तो उसी दिन का इंतज़ार है! 🌹 #mनिर्झरा उसके चेहरे से नहीं मुझे उसकी बातों से प्यार है वो लाख बुरा समझे लेकिन मुझे उसी से लगाव है अजीब पहेली बन गयी हूँ
#mनिर्झरा उसके चेहरे से नहीं मुझे उसकी बातों से प्यार है वो लाख बुरा समझे लेकिन मुझे उसी से लगाव है अजीब पहेली बन गयी हूँ
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
लिखती हूँ कुछ पंक्तियाँ मैं कभी कम कभी ज़्यादा मैं हाँ.. लिखती हूँ शायद कविता मैं मन,हृदय के भावों पर, दिल के अरमानों पर, दबे-उभरे एहसासों पर, उछलती-उफ़नती इच्छाओं पर, कभी इस पर, कभी उस पर, नदी,पर्वत,झरने,सागर, लहरें,बारिश,पानी सभी पर, लेकिन... लिखती हूँ बस.. 'तुमको' ही मैं कभी खुलकर तो कभी छिपकर, कभी हँसकर तो कभी रोकर, कभी जुड़कर तो कभी टूटकर, कभी समर्पण में कभी पश्चाताप में कभी हार में कभी जीत में कभी ऐसे ही कभी वैसे ही कभी यूँ ही, हाँ.. 'तुमको' ही बनाती हूँ आधार शब्दों का, श्रृंगार भावों का, आकार मेरी कविता का, लेखन मेरे 'प्रेम' का लक्ष्य तुम्हारे हृदय का..! 🌹 लिखती हूँ कुछ पंक्तियाँ मैं कभी कम कभी ज़्यादा मैं हाँ.. लिखती हूँ शायद कविता मैं मन,हृदय के भावों पर, दिल के अरमानों पर, दबे-उभरे एहसासों पर,
लिखती हूँ कुछ पंक्तियाँ मैं कभी कम कभी ज़्यादा मैं हाँ.. लिखती हूँ शायद कविता मैं मन,हृदय के भावों पर, दिल के अरमानों पर, दबे-उभरे एहसासों पर,
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
दिल जिसके लिए बेचैन रहता है वही हाल-ए-दिल से अंजान रहता है मोहब्बत है कि क्या बला है ये दिल मेरा किसी और के लिए धड़कता है कहना चाहे बेचारा दिल बहुत कुछ सामने उसे देख धड़कन खोने लगता है समझाया बुझाया दिल को बहुत बेबसी में बस अश्क बहाने लगता है मेरी कहाँ सुनता मेरा दिल अब बेवफ़ा से वफ़ा की उम्मीद करता है दिल तो आखिर दिल ही ठहरा'निर्झरा' इश्क़ कर अपना फर्ज़ पूरा करता है..! 🌹 #mनिर्झरा #दिल #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं #yqhindi #yqlovepoetry #yqdidi #yqtales #yqlovefeelings
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
कब ऐसा चाहा मैंने मन में जैसा सोचा तुमने तुम्हारे संग हँसना चाहा मैंने दिल को जाने क्यूँ तोड़ा तुमने उठी थी जो मन में लहर बवंडर क्यूँ जाने समझा तुमने मन में तो कुसुम खिला काँटों को कहाँ जाने देखा तुमने चेहरा मेरा पढ़ा नहीं बातों को जाने क्या समझा तुमने जो कहा वो कह दिया मैंने अर्थ जाने क्या तब समझा तुमने छोड़ो अब जब जो हुआ ख़ुद को क्या थोड़ा समझाया तुमने अब भी वही वैसी हूँ मैं अपना बदलाव क्या पहचाना तुमने 🌹 #mनिर्झरा #yqhindi #bestyqhindiquotes #yqdidi #yqlovepoetry #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं #प्रेम
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
तुम कहते हो.. लिख दूँ मैं तुमको,तुम्हारे प्रेम को, जस का तस..... कैप्शन् में पढ़ें.... #mनिर्झरा #प्रेम #तुम #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं #yqdidi #yqhindi #yqlovepoetry #yqbesthindiquotes
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
अक्सर ऐसा होता है मन क्षण में उदास हो जाता है हृदय में हूक सी उठती है बेचैनी-सी दिल में छा जाती है अक्सर ऐसा होता है जिह्वा मूक हो जाती है अंतरतम रोने लगता है दिल के किसी कोने का अंधियारा बाहर भी काले बादल फैला देता है अक्सर ऐसा होता है मन का पंछी दूर कहीं... उड़ जाने को आतुर होता है अक्सर ऐसा होता है छोड़ सब बंदिशे मन की छोड़ सब सोच औरों की दिल को वाचाल बनाने का मन होता है अक्सर ऐसा होता है भूल ख़ुद को ही तुम्हारा हो जाने का मन होता है...! 🌹 अक्सर ऐसा होता है मन क्षण में उदास हो जाता है हृदय में हूक सी उठती है बेचैनी-सी दिल में छा जाती है अक्सर ऐसा होता है
अक्सर ऐसा होता है मन क्षण में उदास हो जाता है हृदय में हूक सी उठती है बेचैनी-सी दिल में छा जाती है अक्सर ऐसा होता है
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