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Anjali Jain

#विभीषण का औचित्य #अपराधों की बाढ़ 17. 04.20

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माना कि मेघनाद व कुंभ करण ने रावण का साथ दिया और अपने पुत्र व भाई होने का दायित्व निभाया, इस हेतु वे यश के पात्र हैं! उन्होंने बहुत जोर - शोर से अपना पक्ष रखा और विभीषण को बहुत गलत व बुरा ठहराया, लेकिन इस नजरिए से ये सब उचित ठहराने वाले ये क्यों नहीं सोचते कि _अगर उन्हें रावण का साथ देना चाहिए था तो क्या रावण को कुंभ करण व विभीषण की सही बात को नहीं मानना चाहिए था! एक - दो नहीं, सभी बड़े बुजुर्गों ने, शुभ चिंतकों ने उन्हें सीता को लौटा देने का आग्रह किया किन्तु रावण टस से मस नहीं हुआ, ऎसे में अगर रावण गलत नहीं तो विभीषण भी गलत नहीं!
अगर इस बात को किसी भी दृष्टि से 
सही माना जाए तो, स्वाभाविक रूप से कोई भी व्यक्ति गलत रास्ते की ओर आसानी से जाता है और चूँकि गलत रास्ता, सही रास्ते से आसान ही होता है! अगर सभी गलत का साथ देकर अपने आपको सही साबित करने लग जाएं तो दुनिया में अपराधों की बाढ़ ही आ जाएगी!
सच तो ये है कि विभीषण जैसे लोगों पर ही ये धरती टिकी है भले ही व्यक्तिगत स्वार्थ व सांसारिक लाभों के लिए कुछ भी कहा जाए!! #विभीषण का औचित्य #अपराधों की बाढ़ #17. 04.20

kavi amit kumar

दिल पर लगनी वाली बात अमित कुमार .....

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कविता                  (  रावण दहन क्यों  )
""""'''''"""""""""""""""''"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
 मैंने अपराध किया नहीं , करूं उसे सहन क्यों ।
 जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 स्त्री को उठाकर लाना यह एक अपराध था ।
 मैं छू नहीं सकता स्त्री को यह मुझे अभिशाप था ।
 मुझे घुट घुट कर मार दिया है मुझ पर लगे अपराधों ने ।
 मुझे झूठा साबित कर दिया है वेद और पुराणों ने ।
 मैं अपराधी हूं ऐसा लोगों का कहन क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 भगवन की पत्नी को उठा सके यह मजाल किसकी ।
 मैंने रखा उसे अपने पास कुटिया अलग बनाई उसकी ।
 मेरे ही मुझ पर इतना अपराध रख रहे हैं ।
 मैं कैसे समझाऊं इन्हें यह मुझे क्यों जला रहे हैं ।
 मुझे जलाने की लोगों में पहल क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 मुझ पर लगे झूठे अपराधों का यह एक धागा है ।
 मैं अगर दोषी हूं राम ने सीता को क्यों त्यागा है ।
 मैं सच्चा हूं ! यह तुम्हारी मर्जी मुझे जैसी सजा दो ।
 राम ने भी किया है गुनाह उसको भी सजा दो ।
  कहें अमित पुकार के रावण पर सवाल उठे क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।।

अमित कुमार .......✍️✍️✍️✍️ दिल पर लगनी वाली बात
अमित कुमार .....


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