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Dr Jayanti Pandey

सुनो चुनाव है.....… हां कुछ तो खटक रहा है वो फिर आसपास फटक रहा है उसका बड़ा मुलायम हाव भाव है लगता है फिर कहीं चुनाव है #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqquotes #scribbles #wrscribblezone #yqwritosphere #jayakikalamse #wsknifeandrose

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सुनो चुनाव है.....…

हां कुछ तो खटक रहा है
वो फिर आसपास फटक रहा है
उसका बड़ा मुलायम हाव भाव है
लगता है फिर कहीं चुनाव है

प्याज से लेकर मंहगाई तक पर 
बड़ी जोर से उठा रहे आवाज़ हैं
यह भी माफ और वह भी माफ 
वादों की लंबी चौड़ी छपी किताब है

मोहिनी सी चला रहे हैं सारे नेता
हर किसी को हरी नज़र आती है जनता
हर रैली में मची है ठेलमठेल
ऊंट किस करवट बैठेगा, सबको आशंका

जनता भी समझ रही है सारा खेल
चार दिन की चांदनी फिर डब्बा गोल
बस नचा रही है बंटी बबली को ताता थैया
चुनाव बीतते ही कौन किसका पप्पा, किसकी मैया 
सुनो चुनाव है.....…

हां कुछ तो खटक रहा है
वो फिर आसपास फटक रहा है
उसका बड़ा मुलायम हाव भाव है
लगता है फिर कहीं चुनाव है

Dr Jayanti Pandey

जनतंत्र के नाम पर, गुंडे खादी पहन कर काम पर सुनो जनाब, दुनिया तो ताकत पर चलती है नियमों के बंधन में कमज़ोर जनता ढलती है जब गुंडे नेता बन कर, देश को ही लूट रहे हैं जनतंत्र के सारे स्तंभ बिक रहे या टूट रहे हैं कल तक जो वर्दी को बंधुआ सा नचा रहे थे #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqquotes #scribbles #wrscribblezone #yqwritosphere #jayakikalamse #wsknifeandrose

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सुनो जनाब, दुनिया तो ताकत पर चलती है
नियमों के बंधन में कमज़ोर जनता ढलती है
जब गुंडे नेता बन कर, देश को ही लूट रहे हैं
जनतंत्र के सारे स्तंभ बिक रहे या  टूट रहे हैं

कल तक जो वर्दी को बंधुआ  सा नचा रहे थे
कानून के  साए में  कैसे  घुटनों  पर आ रहे हैं
बेशर्मी की सारी हदें जब पार कर चुके नेताजी
नैतिकता के नाम पर,अब इस्तीफा थमा रहे हैं

(पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) जनतंत्र के नाम पर, गुंडे खादी पहन कर काम पर

सुनो जनाब, दुनिया तो ताकत पर चलती है
नियमों के बंधन में कमज़ोर जनता ढलती है
जब गुंडे नेता बन कर, देश को ही लूट रहे हैं
जनतंत्र के सारे स्तंभ बिक रहे या  टूट रहे हैं

कल तक जो वर्दी को बंधुआ  सा नचा रहे थे


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