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अभिषेक मिश्रा "अभि"

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Prof. RUPENDRA SAHU "रूप"

हर नज़र से अलग अलग नज़र आते हो , समझ आता है सबको पास बुलाते हो । बनारस 😍 #शाम_ए_बनारस #रूप_की_गलियाँ #बनारस_की_गलियां #महादेव #काशीविश्वनाथ #rs_rupendra05 #बनारस #इश्क़

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हर नज़र से अलग अलग नज़र आते हो ,
समझ आता है सबको पास बुलाते हो ।
शाम-ए-बनारस 😍 हर नज़र से अलग अलग नज़र आते हो ,
समझ आता है सबको पास बुलाते हो ।
बनारस 😍
#शाम_ए_बनारस #रूप_की_गलियाँ #बनारस_की_गलियां 
#महादेव #काशीविश्वनाथ #rs_rupendra05 #बनारस #इश्क़

Prof. RUPENDRA SAHU "रूप"

जब शाम बनारस सी ढल जाती है
इश्क़ की बयार बहने लग जाती है
हर एक ख्याल उसकी हो ना हो 
पर इश्क़ हर बार उसी से हो जाती है
जब शाम बनारस सी ढल जाती है #शाम_ए_बनारस  #बनारस
#openforcollab
 #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #इश्क़

Prof. RUPENDRA SAHU "रूप"

एक शब्द जिसमें ज़िन्दगी भर की बातें समा जाती हैं। #अलविदा #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #शाम_ए_बनारस #broken_diary_

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अलविदा कहना था उस शहर को
जहाँ जीवन का अहम हिस्सा बिताया
सीखे गुर और चेला से गुरु के हिसाब
जहाँ प्यारी थी मेरी हर एक किताब
पर कह ना सका उसे अलविदा 
कैसे फेरता मैं उन घाटों से नज़र
जहाँ के नज़ारों से दिल मे सुकुन था
डूबती सुबह और चमकती शाम
डूबती जिंदगी और राख हर मुकाम
कोई नहीं खास हर कोई जहाँ आम
पर कह ना सका उसे अलविदा 
दोस्तों की खिलखिलाती वो आवाज
काशी के बाबा की अनोखे है जहाँ राज
वो शाम-ए-बनारस में कश्ती पर मटरगस्ती
कैसे कहता इन सबको अलविदा मैं
और चला आया बिना कहे अलविदा
कि फिर मिलेंगे सफर अभी लम्बा है एक शब्द जिसमें ज़िन्दगी भर की बातें समा जाती हैं।
#अलविदा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #शाम_ए_बनारस 
#broken_diary_

Prof. RUPENDRA SAHU "रूप"

इक ठन्डी छाव की बेला मैं हूँ सब में एक अकेला जब धुप सी लागे तन में चुभन सी हो हर ताप जलन में झिलमिल करता कलरव करता खुद मे एक मनोरम गगन सा संग लाया इक मीठी धुप #yqdidi #यार #बनारस #दोस्ती #मस्ती #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #शाम_ए_बनारस

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एक पुरानी कविता इक ठन्डी छाव की बेला
मैं हूँ सब में एक अकेला
जब धुप सी लागे तन में
चुभन सी हो हर ताप जलन में
झिलमिल करता
कलरव करता
खुद मे एक मनोरम गगन सा
संग लाया इक मीठी धुप


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