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अभिषेक मिश्रा "अभि"
White दायरे तुम क्या तय करोगे मेरे, मेरे खुद के दायरे बहुत हैं! रोज होती है भूख से जद्दोजहद मेरी, सोनू, तेरे शहर में रावण बहुत हैं। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #Dussehra , #सोनू_की_कलम_से , #बस_यूँ_ही_अभिव्यक्ति, #रावण, #विजय_दशमी
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White जब भी लांघी गयी मर्यादा, तब ही मिले हैं रावण। झाँक कर देखो अंतर्मन में, बैठे हैं कितने रावण। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #Dussehra #बस_यूँ_ही_अभिव्यक्ति #सोनू_की_कलम_से #happy_vijaydashmi #RAVAN
अभिषेक मिश्रा "अभि"
White इक शख्स के जाने से कारवाँ भी कब रुका, होती है हर रोज़ सुबह सूरज भी कब रुका। चल जाएगी दुनिया तेरे बगैर भी, बता तेरे न होने कौन कब रुका। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #सोनू_की_कलम_से #अल्फाज़ Shivaji_Ke_Alfazz (तरूण तरंग)तरूण.कोली.विष्ट Aarti Choudhary
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सुनो, अबकी जो आएगा सावन तो तुम भी आना! लोग तो भीगेंगे इस बारिश में, तुम बस आँचल की छाँव लाना। बूंदें तो गिरेंगी टिप टिप छम छम, छोड़ो इनको- तुम हाथों में लगाए मेंहदी आना। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #सोनू_की_कलम_से, #सावन_और_तुम,
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भले ही चढ़ी कामयाबी की सीढ़ियाँ हजार, पर पहली सीढ़ी बिन सब अधूरी! और जो भूला ये सबक ही पहला, 'सोनू' उसकी हजार खूबियाँ भी अधूरी। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #Path #सोनू_की_कलम_से
अभिषेक मिश्रा "अभि"
आज आसमान के पार किसी को देखा, विक्रम की आँखों से मामा का घर बार देखा। कौन कहता है हम उड़ नहीं सकते, हमने तो बाज़ लड़ाए हैं! कईयों के झण्डे में चाँद तो, चाँद पर वतन का तिरंगा फ़हरा देखा है। #चंद्रयान_3 ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #chandrayaan3, #सोनू_की_कलम_से , #mission_moon
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अल्फाज़ों मे भी *न बयाँ हो वो आबंध* हो तुम, जो सुनाता हूँ सबको, कोई *मधुर संगीत* हो तुम। *उस राधा सा ठहराव तुम* में, व्याकुल सा मन हूँ मैं... सुनो इस *'सोनू' को निहारत रहने का दास* बना लो तुम। एक *अजीब सा कौतुहल* है मन का, कभी *सुनाऊँगा* जब समक्ष होगे मेरे, आँचल से इक पल की छाँव कर ही देना तुम। उस *राग की परिभाषा* भी अजीब होगी 'अनु' बस *परिभाषित भी कर देना तुम*। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #Relationship #सोनू_की_कलम_से #प्रेम
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ये जीवन, मरण का संताप! और उस पर तेरा ये मणिकर्णिका घाट, एक दिन इसी पर रख सिर सोने आऊँगा। जब जाऊँगा सब से रूठ के, आखिरी बार सही पर तुझ से मिलने आऊँगा की सुन, मेरे बनारस तुझ से मिलने आऊँगा। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #मणिकर्णिका_घाट #बनारस #सोनू_की_कलम_से #शाम_ए_बनारस
#मणिकर्णिका_घाट #बनारस #सोनू_की_कलम_से #शाम_ए_बनारस
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वज़ूद जैसा भी सही मेरा, *मुगरहाँ_के_नीम* की याद अभी बाकी है। कलिजुग का परिवेश जैसा भी सही, वो पुराना *विरसा* अभी भी बाकी है। और सब कहते हैं नाम हो रहा है मेरा, पर *बापू_तेरी_नई_पहचान* बनाना अभी बाकी है। ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #सोनू_की_कलम_से #विरसा
अभिषेक मिश्रा "अभि"
घर जल रहा मेरा ख़ुद को बचाने की जद में अब ख़ाक की राख तक न सिमट रही उस जद में! काश.... की करिश्मा कुछ यूँ हो मेरे राम, दो-दो हाथ हो ही जाएँ जिंदगी से हारने की जद में। मुमकिन है रोएँगे कुछ दूर सोनू, पर किसी को मरम तक न रहे मेरे होने न होने की जद में ©अभिषेक मिश्रा "अभि" #jindagi_ki_haqeeqat #सोनू_की_कलम_से #संघर्ष_ए_जिंदगी #मैं_मेरी_तन्हाई