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Musafeer K S Adhikari
हमसे जलने वालों तुम भी क्या खूब करते हो , महफिल तुम्हारी, दोस्त तुम्हारे और बाते हमारी करते हो । #तुम #जलन #बरकरार #रक्खो, #हम #जलवे #बरकरार#रक्खेंगे।।
Priyanshu Agnihotri
हम अपने जीवन को संयम रख , कर सकते सब हैं पार प्रिये , तुम कुछ रक्खो कम अपना भी , देखो अपना अभिमान प्रिये , हम अपने जीवन को गिरवीं रख कर देंगे तुम्हें उधार प्रिये , मत करना कम तुम भी अपना पर देखो तो अभिमान प्रिये , कर प्यार दुलार न मिला तुझे ऐसे है क्या संस्कार प्रिये , तुम कुछ रक्खो कम अपना भी, देखो अब तो अभिमान प्रिये .... घायल पड़ा कराह रहा , मत मारो नैनों से बाण प्रिये अब तक तो किये बहुत नखरे , अब कर लो थोड़ा प्यार प्रिये हम अपने जीवन को संयम रख, कर सकते हैं सब पार प्रिये तुम कुछ रक्खो कम अपना भी, देखो अपना अभिमान प्रिये ..... M₹-@gnihotri ..... कविता
Priyanshu Agnihotri
हम अपने जीवन को संयम रख , कर सकते सब हैं पार प्रिये , तुम कुछ रक्खो कम अपना भी , देखो अपना अभिमान प्रिये , हम अपने जीवन को गिरवीं रख कर देंगे तुम्हें उधार प्रिये , मत करना कम तुम भी अपना पर देखो तो अभिमान प्रिये , कर प्यार दुलार न मिला तुझे ऐसे है क्या संस्कार प्रिये , तुम कुछ रक्खो कम अपना भी, देखो अब तो अभिमान प्रिये .... घायल पड़ा कराह रहा , मत मारो नैनों से बाण प्रिये अब तक तो किये बहुत नखरे , अब कर लो थोड़ा प्यार प्रिये हम अपने जीवन को संयम रख, कर सकते हैं सब पार प्रिये तुम कुछ रक्खो कम अपना भी, देखो अपना अभिमान प्रिये ..... Mr.Agnihotri ... कविता
Mohammed Shahnawaz Saifi Abid
Natural Morning फौलद जिगर रक्खो, बिजली सी नज़र रक्खो। गर्दिश में काम आये ऐसा भी हुनर रक्खो। अपनो का पता रक्खो, दुश्मन की खबर रक्खो। लो हाथ में तदबीरें फिर चाहे जिधर रक्खो। फौलद जिगर रक्खो, बिजली सी नज़र रक्खो। गर्दिश में काम आये ऐसा भी हुनर रक्खो। अपनो का पता रक्खो दुश्मन की खबर रक्खो। लो हाथ में तदबीरें फिर चाहे जिधर रक्खो। . . . .
Rizwan Khan
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा - बशीर बद्र यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे - जौन एलिया दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं - जिगर मुरादाबादी लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से - जाँ निसार अख़्तर बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर - अज्ञात अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो - अमीर मीनाई एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता - जावेद नसीमी अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले - सालिम सलीम इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते - फ़रहत एहसास तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे - क़ैसर-उल जाफ़री तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना - शकील बदायुनी तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने - मुनव्वर राना जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा - शहरयार यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है - शहज़ाद अहमद दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी - अंजुम रूमानी क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है - साहिर लखनवी शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास - साग़र आज़मी इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो - इफ़्तिख़ार नसीम #urdushari
Rizwan Khan
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा - बशीर बद्र यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे - जौन एलिया दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं - जिगर मुरादाबादी लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से - जाँ निसार अख़्तर बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर - अज्ञात अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो - अमीर मीनाई एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता - जावेद नसीमी अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले - सालिम सलीम इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते - फ़रहत एहसास तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे - क़ैसर-उल जाफ़री तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना - शकील बदायुनी तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने - मुनव्वर राना जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा - शहरयार यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है - शहज़ाद अहमद दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी - अंजुम रूमानी क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है - साहिर लखनवी शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास - साग़र आज़मी इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो - इफ़्तिख़ार नसीम #urdushari
__puresoul__08
इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो #razz e #Hindi Jyoti Yadav teddy bear Palvi Chalana
Avnish kumar pandey
#हालात वो ना #रखे , #जो हौसलो को #बदल दे। #बल्कि #हौसला वो #रक्खो , #जो हालातो #को बदल दे।। 🙏🙏🙏🙏🙏