Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best पहचाना Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best पहचाना Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutपहचाना है, पहचाना नहीं in english, पहचाना क्या in english, पहचाना मुझे in english, पहचाना कि नहीं,

  • 23 Followers
  • 97 Stories

Anuradha T Gautam 6280

#शिकायतों की कश्ती 🚣🚣🚣🚣🚣🚣 आज की मेरी रचना हमारी उस मनःस्थिति के लिए जिसमें हम हर बात पर शिकायत करते है, पर क्या कभी #समाधान ढूंढने की कोशिश करते हैं......🖊️ अक्सर हमें ये शिकायत होती है किसी ने हमें समझा ही नहीं पूछती हूँ मैं खुद से ही

read more

Sahil Bhardwaj

Happy Independence Day Guys 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 A different meaning of aazadi in Caption...... 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

read more
संस्कार और संस्कृति की जो धरती है
ऐसे भारत को मैंने जाना है,
विविधता में एकता है 
भाई भाई हर हिंदू हर मुसलमान है
ऐसे भारत को ही आज़ाद मैंने माना है... Happy Independence Day Guys
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

A different meaning of aazadi
in Caption......

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

Mohammad Arif (WordsOfArif)

अच्छे ने अच्छा पहचाना और बुरे ने बुरा जाना हैं

जिसका जितना जर्फ था उतना हमें पहचाना है ।।

जिन्दगी
#आरिफ #Nojoto #Shair #Zindagi #Love #Tanha

priya

read more
उसे जाना था मुझसे दूर !मैंने भी उसे रोका नहीं
उसकी फितरत को कभी पहचाना नहीं
हाले तमन्ना को उसके मैंने कभी टोका नहीं
वो मेरा कभी था ही नहीं
इसलिए मैंने भी उसे रोका नहीं
घावों की बौछार उसने कई बार की पहले भी
मैंने उसकी हर खता को नकारा भी
शायद एक न एक दिन वो होगा हमारा भी
ये ख्वाब रहा हमेशा अधूरा ही
वो चाहे तो लोट आये वापस
पर अब मैं उसकी दुबारा बन जाऊं
ये अब मुझे गवारा नहीं
उसकी असलियत को पहचाना नहीं
हम नादान  थे उसकी खता को जताया नहीं
प्यार को उसके फिर भी निभाते रहे
ये उसने कभी जाना ही नहीं
मेरे दिल की चाहत को वो अपनाता नहीं

sc_ki_sines

poetry (bachpan)

read more
बचपन था एक अनजाना सा, कुछ जाना पहचाना। सा, शौक बड़े अरमानों के कुछ जाने से पहचाने से। नादान बड़ा था दिल मेरा एक छोटा सा अनजाना सा। ना जाने कब क्या कह बैठे ,कुछ ना समझी फरमाने सी। दिल दे किसी से बोल रहा, कुछ ये ले दो कुछ वो ले दो।ना अंजाना सा वह बचपन था ,कुछ बातें जो ना बोल सका ।वह बात बड़ी अंजानी सी अलबेली सी मस्तानी सी।उड़ना चाहे मन चाहे जब, गिरना चाहे मन चाहे जब। दिल मन की बातों में डोल रहा, है हिचकोल रहा मन बोल रहा।कहासुनी जब हो जाती, ना कुछ कह पाती ना सुन पाती।बातों बातों में रो आती हंसने की बात सता जाती। छोटे-छोटे वह झूले थे छोटे से खेल खिलौने थे।कुछ साथी थे वह बचपन के जब साथ हाथ मिल जाते थे। कुछ बात बात पर अब देखो,ना जाने कब क्या होने वाला। कुछ बात बड़ी अंजानी से कुछ याद बड़ी पहचानी सी ,बचपन था एक अनजाना सा कुछ जाना पहचाना सा poetry (bachpan)

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile