Find the Best tehzeebhafi Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutlove shayari edited by tehzeeb fatima, love shayary edited by tehzeeb fatima, tehzeeb hafi shayari in hindi lyrics, tehzeeb hafi shayari in hindi, tehzeeb shayari in hindi,
Aarav Singh Gaurav
Bahr aa rhe h.... . . . . . Poetry Shayari Love #Instagram #tehzeebhafi #Lines #mohabbat #Emotional h
read moreRaah-e-fakira
बने-बनाए से रस्तों का सिलसिला निकला नया सफ़र भी बहुत ही गुरेज़-पा निकला ! न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला ! हमारे पास से गुज़री थी एक परछाईं पुकारा हम ने तो सदियों का फ़ासला निकला ! ~ ख़लील-उर-रहमान आज़मी ©Raah-e-fakira Jisse kareeb se dekha woh dusra nikla..I call it divine deepness.#Childhood #KhalilUrRehmanAzmi#tehzeebhafi#jaunelia#besysadloetry#sadstorytelling#sadpoetry#dard#raahefakira#lehaaz
Jisse kareeb se dekha woh dusra nikla..I call it divine deepness.#Childhood #KhalilUrRehmanAzmi#tehzeebhafi#jaunelia#besysadloetry#SadStorytelling#sadpoetry#Dard#raahefakira#Lehaaz
read moreRaah-e-fakira
वो ज़माना गुज़र गया कब का था जो दीवाना मर गया कब का ढूँढता था जो इक नई दुनिया लूट के अपने घर गया कब का वो जो लाया था हम को दरिया तक पार अकेले उतर गया कब का उस का जो हाल है वही जाने अपना तो ज़ख़्म भर गया कब का ख़्वाब-दर-ख़्वाब था जो शीराज़ा अब कहाँ है बिखर गया कब का Written by-Javed Akhtar ©Raah-e-fakira Woh jamana Gujar Gaya kabka.Its a beautiful poetry written by Javed Sahaab#galiyaan #javedakhtar #jaunelia #tehzeebhafi #raahefakira #Lehaaz #jaani #sad_feeling #SadStorytelling #sadShayari
Woh jamana Gujar Gaya kabka.Its a beautiful poetry written by Javed Sahaabgaliyaan #javedakhtar #jaunelia #tehzeebhafi #raahefakira #Lehaaz #jaani #sad_feeling #SadStorytelling #sadShayari
read moreRaah-e-fakira
मैं तुझे फिर मिलूँगी कहाँ कैसे पता नहीं शायद तेरे कल्पनाओं की प्रेरणा बन तेरे कैनवास पर उतरुँगी या तेरे कैनवास पर एक रहस्यमयी लकीर बन ख़ामोश तुझे देखती रहूँगी मैं तुझे फिर मिलूँगी कहाँ कैसे पता नहीं या सूरज की लौ बन कर तेरे रंगों में घुलती रहूँगी या रंगों की बाँहों में बैठ कर तेरे कैनवास पर बिछ जाऊँगी पता नहीं कहाँ किस तरह पर तुझे ज़रूर मिलूँगी या फिर एक चश्मा बनी जैसे झरने से पानी उड़ता है मैं पानी की बूंदें तेरे बदन पर मलूँगी और एक शीतल अहसास बन कर तेरे सीने से लगूँगी मैं और तो कुछ नहीं जानती पर इतना जानती हूँ कि वक्त जो भी करेगा यह जनम मेरे साथ चलेगा यह जिस्म ख़त्म होता है तो सब कुछ ख़त्म हो जाता है पर यादों के धागे कायनात के लम्हें की तरह होते हैं मैं उन लम्हों को चुनूँगी उन धागों को समेट लूंगी मैं तुझे फिर मिलूँगी कहाँ कैसे पता नहीं मैं तुझे फिर मिलूँगी!! By-Amrita Pritam ©Raah-e-fakira This is a beautiful poem written by Amrita Pritam#KhaamoshAwaaz #tech#tehzeebhafi#raahefakira#jaunelia#umair nazmi#
This is a beautiful poem written by Amrita PritamKhaamoshAwaaz #tech#tehzeebhafi#raahefakira#jaunelia#umair nazmi#
read moreRaah-e-fakira
निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है -Umair Nazmi #SadStorytelling #umairnajmi #tehzeebhafi #jaunelia #alijaryoun #raahefakira #Gulzar
read more