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Jyoti Jangra Mandavriya

In the end...
The Books are my Last Hope to fulfill my incomplete Dreams...

©Jyoti Jangra Mandavriya #BookLife #lasthope #Success #Dream #Life #Life_experience

Shubhro K

#lasthope

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Anjali kandari

Anjali kandari

जब सब कुछ खराब चल रहा था ज़िंदगी में, तब तुम 
आ गये,,
जब अँधेरा छाया था ज़िंदगी में,  तब रोशनी की
किरण बन तुम आ गये।
जब दोस्त, प्यार सब कुछ हार चुकी थी ज़िंदगी से, 
तब आखिरी उम्मीद बनकर मेरी ज़िंदगी मे 
तुम आये।
बेरंग सी मेरी जिंदगी में रंग भरने तुम आये,
........
मेरी ज़िंदगी को नई शुरुआत देने तुम आये।
                                                     
                  ।।Annu k।।

©Anjali kandari #blackandwhite #zinfagi #lasthope

Jyothirmayee Mukkamala

#lasthope #Hope love

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Zumi

// Last Hope and First Home // I wasn't like this for always, I wasn't an entangled mess of unworthiness, I was someone far from that, A bizarre beauty, a serene sanctity, A girl with dreams in her eyes, Shining brighter than pearls, diamonds, and emeralds.

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// Last Hope and First Home //

I wasn't like this for always, 
I wasn't an entangled mess of unworthiness, 
I was someone far from that, 
A bizarre beauty, a serene sanctity, 
A girl with dreams in her eyes, 
Shining brighter than pearls, diamonds, and emeralds. 
I wasn't a nobody. 
I wasn't a 'the someone' but 
I definitely wasn't someone whom no one acknowledged. 
//Caption // Last Hope and First Home //

I wasn't like this for always, 
I wasn't an entangled mess of unworthiness, 
I was someone far from that, 
A bizarre beauty, a serene sanctity, 
A girl with dreams in her eyes, 
Shining brighter than pearls, diamonds, and emeralds.

Manish Diwaker (barellian)

#lasthope from love with evening...

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Manish Diwaker (barellian)

#lasthope from love with evening."""""**""

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Ae shaam tu itni udas kyu hai(2)
fir bhi tu mere liye khas kyu hai,,,
luta diya maine sabkuchh yad me uski(2)
Fir bhi mujhe usse itni aas kyu hai...

©Manish Diwaker (barelvi) #lasthope from love with evening."""""**""

"Vibharshi" Ranjesh Singh

हर जगह से हारा हूँ 
महादेव बचा लो तुम 
कोई नहीं है साथी मेरा
अब तो साथ निभा दो तुम 

ये रिश्ते नाते सब ढकोसला है 
तु ही है जो हर दर्द समझता है 
तुझसे ही थोड़ा हौसला है

सबने साथ मेरा छोड़ दिया 
अपने परायो ने भी मुख मोर लिया  
डुबो रही है मेरी नाव 
अब तो हाथ बढ़ा दो तुम 
कोई नहीं है साथी मेरा 
अब तो साथ निभा दो तुम

--रंजेश सिंह #Lordshiva #Mahadev #lasthope

Shiprika Saxena Acharya

ये जगमगाहट ज़माने को दिखाने के लिए एक झूटी कहानी है
घर लौट आओ कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी है

घर की चौखट पर इसलिए हुँ कि तुम अँधेरा देख बाहर से ही न लौट जाओ
आने से पहले ही फिर अगले साल आने का वादा न कर पाओ
आज फिर तुम्हारे इंतज़ार में सारा दिन रसोई में लगकर
वो सा पकवान बनाएं जो तुम्हारे बचपन की निशानी है
घर लौट आओ कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी है

आ जाओ की तुम्हारी ऊँगली पकड़ कर चलना सीखाने वाली 
हड्डियां अब बूढ़ा चुकीं है
जिन आँखों ने ये दुनिया तुम्हें दिखाई
वो नज़रें अब धुंधला चुकीं हैं
मेरे नातिन पोतों से ये बात कहने में देर न हो जाये
चलो इस बार चलें जहाँ रहती तुम्हारी दादी या नानी हैं
घर लौट आओ कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी है

छोटा सा ही ख़्वाब था कि बहुत काबिल बनो
पर तुम तो मेरे हाथों कि पहुंच से निकल कर काफी बड़े हो गएँ
तुम्हारा ओहदा, तुम्हारी पहचान, तुम्हारी मसरूफ़ियत
जैसे मेरे और तुम्हारे बीच दीवार बनकर खड़े हो गए
खुद अपनों से ही इतना दूर हो जाओ
आखिर क्यों इतना ऊँचा उड़ने कि ठानी हैं
घर लौट आओ कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी है

गाजर के हलवे में भी अब 
तुम बिन कहाँ वो स्वाद रहा हैं
जो पतझड़ में भी खिला रहता था
वो शज़र अब हर सावन में बर्बाद रहा हैं
कुछ पल तो ठहरो मेरे पास
यु ही समझ लो तुम्हारे वक़्त पे हक़ जाताना मेरी ढलती उम्र कि नादानी हैं
घर लौट आओ कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी है

पडोसी कहते हैं अक्सर बंटी की मम्मी, बंटी इस साल भी नहीं आया
खैर हमारी कुछ ज़रूरत हो तो बताना
जी करता हैं उनसे की कहके देख लूँ
बंटी की चाहत हैं, ज़रा उसे ही लाकर दिखाना
सुनो,
अमृत तो नहीं पिया, अमर तो नहीं हूँ मैं
कहाँ तुम्हें हमेशा के लिए पकड़ कर बैठने वाली मेरी ज़िंदगानी हैं
शम्स-ऐ-ज़िन्दगी ढल जाये, उससे पहले ही आ जाओ
कि ये दिवाली तुम बिन बिल्कुल वीरानी हैं

                                                                   #Diwali #memories #lasthope
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