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Best रँग Shayari, Status, Quotes, Stories

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kumaarkikalamse

बस इतनी सी बात है.. #yqbaba #Kumaarsthought#yqdidi #kumaarsher #Kumaar_2liner #रँग #काला

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रंगों  में  भी  अब  काला  रंग  मशहूर  हो गया है,
जब से मेरा ख़ुदा, मुझसे दूर, बहुत दूर हो गया है।  बस इतनी सी बात है..

#YQBaba #Kumaarsthought#YQDidi #kumaarsher #kumaar_2liner #रँग #काला

hirpara amit

दिल खोल कर...रंगों में डूब कर आओ collab करें😀 नूतन पर्सनली नहीं लीजियेगा, ये सिर्फ अल्फ़ाज़ है। #होली #मस्ती #धमाल #गुझिया #रँग #YourQuoteAndMine #प्रीत

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जैसे सूरज को रंग चढ़ा है पिली रौशनी का,
समंदर को रंग चढ़ा है नीला पानी सा
वैसे मुजे प्यार का रंग चढ़ा है ”नूतन” सा।  दिल खोल कर...रंगों में डूब कर
आओ collab करें😀 नूतन पर्सनली नहीं  लीजियेगा, ये सिर्फ अल्फ़ाज़ है।

#होली 
#मस्ती 
#धमाल 
#गुझिया 
#रँग

Swatideep 893

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Lotus banana (Arvind kela)

हम ऐसे 'समाज' में रहते हैं जहाँ #सुँदरता त्वचा के #रँग से तौला जाता है !!
#बुद्धिमत्ता का मापदण्ड #अँगरेजी बोलने की #क्षमता से आँका जाता है !! 
#कला का मूल्याँकन #पेन्टिंग पर दृश्यमान #नग्नता से किया जाता है !!!!

©Lotus banana (Arvind kela) #allalone

अनकहीं रोशनी

मेरी पहचान 
मेरे रंग-रुप से ना करना।
मैं ना जानू
रंग-रुप की परिभाषा ।
ये तो ईश्वर की देन हैं
कुछ सोच कर ईश्वर ने 
हर व्यक्ति को रंग रुप दिया ।
मैं ना जानू
रंग-रुप की परिभाषा।
मेरी कला बने पहचान मेरी
मेरी पहचान।
©अनकहीं रोशनी
15/07/2020 #मेरी #पहचान #कला #हिंदी_कविता #विचार #हिंदीnojoto #मेरी_कलम_से✍️ #रँग #लेखक

Rohit Bairag

#रँग केसरी #कविता

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रँग केसरी , रँग भगवा , दिन दिन मुझपर चढता जाए।
ऐसा मोह लगे माटी का की और मोह कोई चढ ना पाये,
पागलपन हो तो देशभक्ति का , पहचान मेरी हो भारत भूमि,
मेरे तन मन मैं इस मिट्टी की, खुशबू इतनी मिल जाए।
रँग केसरी, रँग भगवा..........

उठे ललकार हर मुख से , हर जन प्रताप हो जाए।
फिर पावन हो पानी गंगा का , लक्ष्मीबाई सी हर नारी हो जाए।
धनुष उठे फिर पृथ्वीराज सा, शिवाजी की तलवार लहाराए।
भगत सिंह सा हो मतवाला , शेखर की फिर बन्दूक चल जाए।
स्वपन अधुरा हो पुरा उनका, सिन्धू फिर भारत की हो जाए।
लत लगे तो देश प्रेम की ,और हर युवक इसका आदी हो जाए।
उठे प्रचंड जवाला हर सीने में, आग सुर्य की कम पड जाए।
गुरु गोविंद सा बलिदानी हो , कटे शीश धड़ फिर लडता जाए।
रँग केसरी, रँग भगवा, ........

चाणक्य सा गुरु मिले, चंद्रगुप्त हर बालक हो जाए।
विक्रमादित्य जगे भितर सबके
स्वपन अखंड भारत का सच हो जाए।
दाग मिटे सब अब इस भूमि की काया से,
राम राज्य फिर स्थापित हो जाए।
प्राण दान की शक्ती जागे अब हर मन के भीतर,
जुनन अशोका सा चढ जाए
भुगत चुके जो वो अब ना भुगते ,
फैन सांपो का अब कुचला जाए।
इतिहास लिखे अब फिर सर्वण आखर में ,
धवज केसरी प्योर भूमंडल पर लहराए।
रँग केसरी , रँग भगवा......... #रँग केसरी

sargam

मुझे शोंक है अपने रँग में रहने का 
मैं गरूर ए नज़ाकत नही रखती
मेरी बातें ही काफ़ी हैं दिल चुराने को
मैं यू ही किसी के रँग में नही ढ़लती #नज़ाकत #रँग #आदत

अभ्भू

अभ्भू आप ही कहो कैसे मैं चुप रहूँ..

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"ख़त"
 बेनाम सा लगता है ना

कुछ कुछ फटा सा बिखरा सा
स्याहियों से भरा नीली लाल हरी गुलाबी
बहोत सारे रँग
पर
पर दिल के जज्बातों का कोई रँग नहीं होता
नहीं होता रँग शरारती आशाओं का
क्या पतझड़ का कोई रँग होता है
क्या दुःखते दिल की कोई धड़कन रँगीन होती है
नहीं ना

सबका जवाब नहीं तो फिर क्यों नहीं समझते
ख़तों के जरिये पास आना छोंड़ दो
मैं बेक़रार हूँ अब बेवज़ह मिलने के लिये
##
## #अभ्भू

आप ही कहो कैसे मैं चुप रहूँ..

✍️ रोहित

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इस बार होली पर होली

छः ऋतुओं का देश हमारा, खुशियों में तल्लीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।
नई चेतना हो हर दिल में, गौरव भी प्राचीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।
होली है त्यौहार पुराने, शिकवे-गिले भुलाने का,
जिनसे दूरी बनी हुई है, उन्हें पास ले आने का।
सबका दिल हो ख़ूब प्रफुल्लित, न कोई ग़मगीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।
अगर जलाना ही है अपने, दुर्गुण सभी जलायें हम,
नये सद्गुणों को धारण कर, जीवन स्वर्ग बनायें हम।
हों स्वतन्त्र पर सबका जीवन, सद्गुणों के आधीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।
रँगों से धुलकर पावन हो, जीवन सारा जन-जन का,
होली के अवसर पर सारा, दूर प्रदूषण हो मन का,
नहीं किसी का भी जीवन ये, संस्कार से हीन रहे।
होली सा रंगीन रहे।
पीकर के शराब के प्याले, कोई न हुड़दंग करे,
कोई हो मदहोश किसी, नारी का शील न भंग करे।
पावन पर्व हमारा है ये, पावन और शालीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।
रँग उड़ाओ ऐसे जिनसे, प्रेम की गंगा बह जाये,
बेशक सारे रँग हों फ़ीके, किन्तु तिरंगा रह जाये।
"रोहित" सबके हृदयों पे, केवल भारत आसीन रहे,
होली सा रंगीन रहे।। #NojotoQuote

Sachin Ken

#Aarakshan #jaativad रँग रूप जब सब कुछ उन जैसा है फिर मुझसे कोई क्यू नही पूछता माँ, स्कूल के कोने में ये रोता उदास बालक कैसा है #Poetry

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#Aarakshan
#jaativad

रँग रूप जब सब कुछ उन जैसा है
फिर मुझसे कोई क्यू नही पूछता माँ, 
स्कूल के कोने में ये रोता उदास बालक कैसा है
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