Find the Best तुलसीदास Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तुलसीदास किसकी रचना है, तुलसीदास की कहानी, तुलसीदास की कथा, तुलसीदास की जीवनी, तुलसीदास की रचनाएँ,
Archana pandey
Jai shree ram महिमा मेटय राम की शत्रु किहा प्रयास अवधी मा मानस लिखय आए तुलसीदास.. अर्चना"अनुपमक्रान्ति" ©Archana pandey #तुलसीदास
Kalpana Tomar
समय बीत पुनि का पछतानी का बर्षा जब कृषि सुखनी _महा कवि श्री तुलसी दास_ ©Kalpana Tomar #तुलसीदास #nojohindi #nojolife #nojo_quotes
अनुभव पंडित जी
Tulsidas Kavi
बिधि हरि हर कबि कोबिद बानी । कहत साधु महिमा सकुचानी।। सो मो सन कहि जात ना कैसें । साक बनिक मनि गुन गन जैसें।। #श्रीरामचरितमानस #तुलसीदास
Tulsidas Kavi
बंदउँ संत समान चित हित अनहित नहिं कोइ। अंजलि गत सुभ सुमन जिमि सम सुगंध कर दोइ।। संत सरल चित जगत हित जानि सुभाउ सनेहु। बालबिनय सुनि करि कृपा राम चरन रति देहु।। #दोहा #रामचरितमानस #तुलसीदास
विष्णुप्रिया
जय नाथ रमापति विष्णु प्रभो, जलधाम कृपा जगदीश विभो जय माधव मोहक कृष्ण हरे, करुणाकर राघव कष्टहरें । जय शाश्वत दक्ष अमोघ हरी, भव कष्ट भयादुख रोग अरी भू मंडल भूषण व्योम पते, शिव संत सदा तुमको जपते जगताखिल तत्व अधार अहो, तुम ही अवनी भवपालक हो तुम से प्रभु व्योम रसा चरते, तरु पुष्प सदा मरु में फरते वसुदेव शिरोमणि भृत्यतरं, दुख पाप विमोचन साधु नरं प्रभु ध्यान धरूँ तव मैं चरणं, महिनाथ हमें लो निज शरणं पृथुदेव शुभेक्षण भृत्य सखं, कर चक्र गदा मृदुहास मुखं मद मोह तृषा विपदा हरणं, प्रभु मांगत हूँ तव श्री शरणं शुचि भाव विनिर्मित शब्द प्रभो , मम् अंतस से यह भेंट विभो निज श्री पद में अनुमोद करें, प्रभु लें गति में उपकार करें। #श्रीहरि #स्तुति #तोटकछंद #yqdidi #हिंदी_साहित्य #हिंदी_कविता #विष्णुप्रिया #तुलसीदास जय रामराम स् रमनं शमनं
Anand Tripathi 'रवि'
ख़ुद की हरकतें यदा कदा याद दिला जाती हैं 'तुलसी' बाबा की मुस्कुरा पड़ते हैं सोचकर गर हुआ सच में ऐसा तो भी हश्र खूबसूरत होगा #तुलसीदास #महादेव
Kamlesh Gupta Nirala
ग्रंथ हो या साहित्य सुधारात्मक प्रक्रिया के अनुसार अद्यतन होता ही रहता है साथ ही उनसे जुड़ी बातों पर आलोचनाओं का होना स्वभाविक है,आलोचना सुधार की हीं एक प्रक्रिया है । आलोचना तथ्यों के आधार पर तर्क संगत होनी चाहिए। कोई भी साहित्यिक ग्रंथ ना तो शाश्वत हैं और ना हीं अंतिम सत्य उनपर शोध एवं संसोधन होना चाहिए। ©Kamlesh Gupta Nirala ग्रंथ हो या साहित्य सुधारात्मक प्रक्रिया के अनुसार अद्यतन होता ही रहता है साथ ही उनसे जुड़ी बातों पर आलोचनाओं का होना स्वभाविक है,आलोचना सुधार की हीं एक प्रक्रिया है । आलोचना तथ्यों के आधार पर तर्क संगत होनी चाहिए। कोई भी साहित्यिक ग्रंथ ना तो शाश्वत हैं और ना हीं अंतिम सत्य उनपर शोध एवं संसोधन होना चाहिए। #तुलसीदास #रचित #रामायण
Prachi Mishra
हरि अनंत हरि कथा अनंता कहहीं सुनहीं बहु विधि सब संता "तुलसीदास जयंती की शुभकामनाएं" ©Prachi Mishra #तुलसीदास #NojotoRamleela