Find the Best शिशु Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutगर्भस्थ शिशु की धड़कन, गर्भस्थ शिशु की जानकारी, गर्भस्थ शिशु की हलचल, गर्भस्थ शिशु की देखभाल, शुभ मुहूर्त में शिशु-जन्म,
अदनासा-
Bindu Sharma
शिशु का मुस्कुराना है खुशियों का खज़ाना.. माँ का सारे गम-थकान भूल जाना.. बिंदास ©Bindu Sharma #MothersDay #माँ #शिशु #Nojoto #nojohindi #Shayari #poem #मुस्कुराना
#MothersDay #माँ #शिशु #nojohindi Shayari #poem #मुस्कुराना
read moreAmit Singhal "Aseemit"
किसी अबोध शिशु के खुशी से जो चहकने पर आये, किसी नवेली दुल्हन के लजा जाने पर चेहरे पर छाये। उगते हुए सूरज की लालिमा जो सुबह के समय दिखे, यह सब हमारे दिलों में खुशी की नई परिभाषा लिखे। ©Amit Singhal "Aseemit" #किसी #अबोध #शिशु #के
Mamta Singh
क्या सच में हम कन्या पूजन करते है पर वही कन्या काेख में आये ताे कचड़े में फेंकते है... मित्राे अगर इस कन्या शिशु की जगह नवजात पुत्र हाेता ताे क्या वाे भी कचड़े में फेकां जाता.. शायद नहीं ,क्याेकि अवाँछित हाेने के बावजूद वह पुऱूष हाेता. वैसे दाेष किसका हाेगा उस स्त्री का जिसने नाै महिने अपने काेख में रखकर जन्म देने के बाद जानवर का निवाला बन ने काे कचड़े में फेंक दिया,या फिर उस पुरूष का जिसने अपनी हवस ताे पूरी की पर जिम्मेदारी नहीं.. कन्या पूजन #अवाँछित #शिशु #हवस #गुनाह #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqhindi
मित्राे अगर इस कन्या शिशु की जगह नवजात पुत्र हाेता ताे क्या वाे भी कचड़े में फेकां जाता.. शायद नहीं ,क्याेकि अवाँछित हाेने के बावजूद वह पुऱूष हाेता. वैसे दाेष किसका हाेगा उस स्त्री का जिसने नाै महिने अपने काेख में रखकर जन्म देने के बाद जानवर का निवाला बन ने काे कचड़े में फेंक दिया,या फिर उस पुरूष का जिसने अपनी हवस ताे पूरी की पर जिम्मेदारी नहीं.. कन्या पूजन #अवाँछित #शिशु #हवस #गुनाह #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqhindi
read moreसिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
#story #kahani #कॉमेडी #स्वतंत्र nojoto #StoryTeller #अदर_ब्रदर_और #शिशु पार्ट 1 #कहानी का अगला भाग आपकी प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है मित्रों
read moreAjay Amitabh Suman
ये कविता एक माँ के प्रति श्रद्धांजलि है । इस कविता में एक माँ के आत्मा की यात्रा स्वर्गलोक से ईह्लोक पे गर्भ धारण , बच्ची , तरुणी , युवती , माँ , सास , दादी के रूप में क्रमिक विकास और फिर देहांत और देहोपरांत तक दिखाई गई है। अंत में कवि माँ की महिमा का गुणगान करते हुए इस कविता को समाप्त करता है। माँ आओ एक किस्सा बतलाऊँ,एक माता की कथा सुनाऊँ, कैसे करुणा क्षीरसागर से, ईह लोक में आती है? धरती पे माँ कहलाती है।
ये कविता एक माँ के प्रति श्रद्धांजलि है । इस कविता में एक माँ के आत्मा की यात्रा स्वर्गलोक से ईह्लोक पे गर्भ धारण , बच्ची , तरुणी , युवती , माँ , सास , दादी के रूप में क्रमिक विकास और फिर देहांत और देहोपरांत तक दिखाई गई है। अंत में कवि माँ की महिमा का गुणगान करते हुए इस कविता को समाप्त करता है। माँ आओ एक किस्सा बतलाऊँ,एक माता की कथा सुनाऊँ, कैसे करुणा क्षीरसागर से, ईह लोक में आती है? धरती पे माँ कहलाती है।
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited