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नीरा आर्य- जेल में जब अंग्रेजो द्वारा मेरे स्तन काटे गए. नीरा आर्य भारत वर्ष की आज़ादी पूरी दुनिया में सबसे विचित्र प्रकार की हैं। भारत की आज़ादी के बारे में कुछ बात बड़ा ही आश्चर्यजनक हैं जैसे की कहा जाता है "बिन खडग बिन ढाल गाँधी तूने कर दिया कमाल" इसका अर्थ यह हुआ की बिना किसी हिंसा के गाँधी जी आपने भारत को आज़ादी दिलाकर कमाल कर दिया। लेकिन क्या सही में बिना एक बून्द खून बहाए गाँधी जी के अहिंसात्मक आंदोलन मात्र से भारत को आज़ादी मिली नीरा आर्य के जीवन पर एक मूवी निकलने की भी खबर कई बार आई हैं। नीरा आर्या एक महान देशभक्त, क्रन्तिकारी, जासूस, सवेदनशील लेखक, जिम्मेदार नागरिक, साहसी और स्वाभिमानी महिला थी। जिन्हे गर्व और गौरव के साथ याद किया जाता हैं। हैदराबाद की महिला नीरा आर्या को पेदम्मा कहते थे।नीरा आर्या ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्राण की रक्षा के लिए सेना में अफसर अपने पति #जयकांतदास की हत्या कर दी थी। मौका देखकर जयकांत दास ने सुभाष चंद्र बोस पर गोलियाँ दागी लेकिन वो गोली सुभाष बाबू के ड्राइवर को जा लगी लेकिन इस दौरान नीरा आर्या ने अपने पति जयकांत दास के पेट में खंजर घोप कर हत्या कर दी और सुभाष बाबू के प्राणो की रक्षा की।अपने पति हत्या करने के कारण सुभाष बाबू ने नीरा आर्या को नागिन कहा था। आज़ाद हिन्द फौज के समर्पण के बाद जब दिल्ली के लाल किले में मुक़दमे चला तब आज़ाद हिन्द फौज के सभी सिपाही बरी कर दिए गए लेकिन नीरा आर्या अपने अंग्रेज अफसर पति की हत्या के आरोप में काले सजा सुनाई गई तथा वह इन्हे घोर यातनाएँ दी गई। आज़ादी के बाद नीरा आर्या ने फूल बेच कर जीवन यापन किया।नीरा आर्या के भाई बसंत कुमार ने भी आज़ादी के बाद सन्यासी बनकर जीवन यापन किया था। स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका पर नीरा आर्या ने अपनी आत्मकथा भी लिखी हैं। उर्दू लेखिका फरहाना ताज को नीरा आर्या ने अपने जीवन के अनेक प्रसंग सुनाये थे। प्रसंगो के आधार पर फरहान ताज ने एक उपन्यास भी लिखा हैं, आज़ादी के जंग में नीरा आर्या के योगदान को रेखांकित किया गया हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में काला पानी सजा के दौरान उनके साथ हुवे अमानवीय घटना के बारे में लिखा हैं की"मैं जब कोलकत्ता जेल से अंडमान के जेल में पहुँची, तो हमारे रहने का स्थान वही कोठरियाँ थी, जिनमे अन्य राजनितिक अपराधी महिला रही थी अथवा रहती थी।हमें रात के 10 बजे कोठरियों में बंद कर दिया गया और चटाई, कम्बल का नाम भी नहीं सुनाई पड़ा। मन में चिंता होती थी इस गहरे समुद्र में अज्ञात द्वीप में रहते स्वतंत्रता कैसे मिलेगी, जहाँ अभी तो ओढ़ने बिछाने का ध्यान छोड़ने की आवश्यकता आ पड़ी हैं जैसे-तैसे जमीं पर लोट लगाई और नींद भी आ गई। लगभग 12 बजे एक पहरेदार दो कम्बल ले कर आया और बिना बोले-चाले ही ऊपर फेक कर चला गया। कम्बलो का गिरना और नींद का टूटना भी एक साथ ही हुआ। बुरा तो लगा लेकिन कम्बलो को पाकर संतोष भी आया।अब केवल वही एक लोहे के बंधन का कष्ट और रह-रहकर भारत माता से जुदा होने का ध्यान साथ में था।सूर्य निकलते ही मुझे खिचड़ी मिली और लोहार भी आ गया, हाथ का सांकल काटते समय चमड़ा भी कटा परन्तु पैरो में से आड़ी-बेड़ी काटते समय केवल दो-तीन बार हथौड़ी से पैरो की हड्डी को जाँचा की कितनी पुष्ट हैं। मैंने एक बार दुखी होकर कहा "क्या अँधा हैं, जो पैर में मारता हैं ? पैर क्या हम तो दिल में भी मार देंगे क्या कर लोगी ? उसने मुझे कहा था। तुम्हारे बंधन में हूँ कर भी क्या सकती हूँ ? फिर मैंने उसके ऊपर थूक दिया और बोला औरत की इज़्ज़त करना सीखो। जेलर भी साथ में था उसने कड़क आवाज में कहा "तुम्हे छोड़ दिया जाएगा, यदि तुम सुभाष चंद्र बोस का ठिकाना बता दोगी"भारत के पाठ्यपुस्तकों से पता चलता हैं की पूरी दुनिया में एकमात्र आज़ादी भारत की आज़ादी हैं जिसको बिना खडग बिना ढाल यानि की बिना हिंसा के एक क्रूर हिंसात्मक शासक(अंग्रेज) से प्राप्त किया गया हैं। जबकि अन्य कई इतिहासकारो का कहना हैं की लाखो क्रांतिकारियों के प्राणो के बलिदान का परिणाम भारत की आज़ादी हैं।तथ्यों पर ध्यान देने से पता चलता हैं की गुलामी काल में जिन्होंने अपने पेट और अपने स्वार्थ की चिंता से दूर सिमित संसाधन होते हुवे भी अंग्रेजो से स्वतंत्रता की लड़ाइ लड़ते हुवे अपने प्राण दे दिए उनको भुला दिया गया और जिन्होंने अंग्रेजो के साथ उनके महलो में लंच डिनर किया, उनके साथ हवाई जहाज पर घूमें। #नीराआर्यवीरांगना #जयकांतदास #उर्दूलेखिकाफरहानाताज #सुभाषचंद्रबोस #आज़ादी #नीराआर्य #क्रांतिकारियों ----------------------------------------------------------------- Follow me friends on Facebook ©MOTIVATIONAL & PHYSCHOLOGICAL POST (by ANAND_KUMAR_YADAV)(@anand62648) https://www.facebook.com/profile.php?id=100077671257255&mibextid=ZbWKwL https://www.youtube.com/@anand62648 Follow me friends on Facebook pls understand support me now 👉 #anand62648 #anand62648shorts here my group link https://www.facebook.com/groups/1709480462845565/?ref=share
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read moreSikandar ( Firaq Kherwari )
तुम मुझे ख़ून दो , मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा । मगर हमने क्या किया ? हम अपनो का ही, ख़ून बहाते रह गए । क़ाश यह ख़ून , आज़ादी के संघर्ष मे बहता , तो परिणाम कुछ और ही होते । आज़ादी की लड़ाई के नाम पर, कुछ लोग , यूँ इतनी क़ीमत वसूल नहीं कर रहे होते। महात्मा गाँधी ने सुभाषचंद्र बोस को देशभक्तों का देशभक्त कहा। यह बहुत बड़ी उपाधि है। आज़ादी के इस महानायक का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ। नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाषचंद्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था। नेताजी अपनी आज़ाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्हों
महात्मा गाँधी ने सुभाषचंद्र बोस को देशभक्तों का देशभक्त कहा। यह बहुत बड़ी उपाधि है। आज़ादी के इस महानायक का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ। नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाषचंद्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था। नेताजी अपनी आज़ाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्हों
read moreusFAUJI
जानो को अपने देश के हीरो को। वैसे आजकल हम लोग मोबाइल के आदी हैं देश के वास्तविक हीरो को जानने का समय कम होता तों सोचा कुछ ऐसा हों जिससे मोबाइल,समय और देश के हीरों Today very Special Day Only One Request Please Watch Netaji Subhash Chandra Bose:The Forgotten Hero ©usFAUJI #सुभाषचंद्रबोस #जयहिंद #भारत #India #Indian #आजाद_हिंद_फौज SumitGaurav2005 #Nojoto Rajeev Bhardwaj
#सुभाषचंद्रबोस #जयहिंद #भारत #India #Indian #आजाद_हिंद_फौज SumitGaurav2005 Rajeev Bhardwaj
read moreHimshree verma
ये नारा मैने ही दिया था तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा जय हिन्द भारत की आजादी के लिये अगर हमे कुछ भी करना पड़े तो संकोच मत करना पुरे बल पूर्वक खड़े रहना वो खुदा भी तुम मे समा जायेगा तुम्हे जीताने के लिये ©Himshree verma #सुभाष #सुभाषचंद्रबोस #subhashchandrabose #story #jai_hind #India #Stories
Modern Gyani
इतिहास के पन्नों पर, क्या नवजवानों के लहू का मोल है जहां रणभूमि में रो रहा सत्य है। और विजयी पुरुष के नाम पर अर्द्ध _ मृत _ से हो रहे आनंद से; किन्तु व्यंग्य, पश्चाताप, अंतरदाह का अब विजय _ उपहार भोगो चैन से। ©Modern Gyani #क्रांतिकारी #सुभाषचंद्रबोस
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